दिवाली से ठीक एक दिन पहले यानी छोटी दिवाली को दिल्ली की हवा में थोड़ा बहुत सुधार हुआ है। हालांकि हवा की गुणवत्ता अभी भी "खराब" ही बनी हुई है, लेकिन "बहुत खराब" की श्रेणी से बाहर आ गई है। परंतु दिल्ली से सटे गाजियाबाद में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब की हालत में ही है। दिल्ली में भी कुछ इलाकों में सुबह हवा की गुणवत्ता 400 के पार पहुंच गई थी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 अक्टूबर की शाम 4 बजे जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के मुताबिक दिल्ली की इंडेक्स वेल्यू 287 रहा, जो कि 24 अक्टूबर को 311 तक पहुंच गया था। हालांकि 26 अक्टूबर को शाम 4 बजे के बाद ही पटाखे जलने शुरू हुए, ऐसे में हवा की गुणवत्ता में खराबी आने के पूरे आसार हैं।
26 अक्टूबर के शाम चार बजे तक तैयार किए 24 घंटे के औसत के मामले में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में भी हवा की गुणवत्ता में थोड़ा बहुत सुधार हुआ है। गाजियाबाद में इंडेक्स वेल्यू 303, ग्रेटर नोएडा में 248, गुरुग्राम में 239, फरीदाबाद में 259 और नोएडा में 280 दर्ज किया गया। 24 अक्टूबर को गाजियाबाद का एक्यूआई 335, ग्रेटर नोएडा का 320 और नोएडा का 319 था। हरियाणा के हिसार में हवा की गुणवत्ता सबसे खराब बताई गई है। यहां का एक्यूआई 328 रहा। इसके अलावा यमुना नगर भी सबसे खराब श्रेणी में रहा। यहां का एक्यूआई 327 रहा।
गौरतलब है कि दी एनवायरमेंट पोल्यूशन (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी (ईपीसीए) ने दिल्ली और आसपास के राज्यों की सरकारों को पत्र लिखा है कि दिवाली को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण के ठोस उपाय किए जाएं। साथ ही, दिल्ली और आसपास के शहरों में 26 अक्टूबर से लेकर 30 अक्टूबर तक सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे किसी भी तरह के निर्माण पर प्रतिबंध के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रेशर या मिट्टी खुदाई जैसे काम भी इस अवधि में बंद रहेंगे।
उन उद्योगों को भी बंद रखने को गया है, जहां अभी तक पाइप्ल नेचुरल गैस का इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है। साथ ही, व्यस्त इलाकों में यातायात को सुचारू रूप से चलाने को कहा गया है। समझा जा रहा है कि इन प्रयासों की वजह से हवा की गुणवत्ता तो सुधरी है, लेकिन 26 अक्टूबर को पटाखे जलाने के बाद क्या स्थिति रहती है, यह 27 अक्टूबर को जारी होने वाले आंकड़ों से पता चलेगा।
पंजाब हरियाणा में पराली जलने के साथ-साथ मौसम में नमी के चलते दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। जबकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण के कारण पहले ही यहां की हवा की गुणवत्ता खराब रहती है। अब दिवाली में जलने वाले प्रदूषण की वजह से हालात और खराब होने के आसार बन गए हैं।