प्रदूषण

बड़े शहरों से ज्यादा छोटे शहरों में बिगड़ी है हवा, प्रदूषण के मामले में बांसवाड़ा, जालौर, पाली रहे अव्वल

ताजा आंकड़ों से पता चला है कि देश के तीन शहरों बांसवाड़ा, जालौर और पाली में हवा दमघोंटू बनी हुई है। बांसवाड़ा में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 265 दर्ज किया गया

Lalit Maurya

देश में बड़े शहरों से ज्यादा छोटे शहरों में स्थिति खराब है। इसकी पुष्टि आंकड़े भी करते हैं। ताजा आंकड़ों से पता चला है कि देश के तीन शहरों बांसवाड़ा, जालौर और पाली में हवा दमघोंटू बनी हुई है। बांसवाड़ा में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 265 दर्ज किया गया है। इसी तरह जालौर और पाली में भी सूचकांक 200 के पार है। कल से तुलना करें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दूसरी तरफ देश में वाराणसी की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 29 दर्ज किया गया है। वहीं यदि बांसवाड़ा में प्रदूषण की तुलना वाराणसी से करें तो वहां हवा में घुला जहर नौ गुणा ज्यादा है।

देश में वाराणसी सहित 34 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' दर्ज की गई है। इन शहरों में कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, फिरोजाबाद, हल्दिया, हसन, हावड़ा, कलबुर्गी, कोलार, कोल्लम, मदिकेरी, मैसूर, पिंपरी-चिंचवाड, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर आदि शामिल हैं। हालांकि कल से देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 24 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इन शहरों में आगरा, अकोला, अलवर, अंबाला, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, बागलकोट, बालासोर, बारां, बारबिल, बेंगलुरु, लाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, आदि शामिल रहे। कुल मिलकर देखें तो देश में 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' है। इसी तरह देश में मध्यम श्रेणी की वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी करीब पांच फीसदी की वृद्धि हुई है, जिसके बाद इन शहरों का आंकड़ा बढ़कर 85 पर पहुंच गया है। हालांकि कल इन शहरों की संख्या 81 दर्ज की गई थी।

बता दें कि देश में भरतपुर, भिवाड़ी, भोपाल, बीदर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, दिल्ली, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, आदि शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 156 पर बना हुआ है। हालांकि फरीदाबाद के प्रदूषण में 20 अंकों का उछाल जरूर आया है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 175 पर पहुंच गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 221 में से 34 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 मई 2024 यह आंकड़ा 95 दर्ज किया गया था।

85 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं तीन शहरों बांसवाड़ा, जालौर, पाली में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बांसवाड़ा (265) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पास पार गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कोई बदलाव नहीं आया है और सूचकांक 156 पर बना हुआ है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 175, गाजियाबाद में 116, गुरुग्राम में 129, नोएडा में 153, ग्रेटर नोएडा में 182 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 70 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 91, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 125, हैदराबाद में 70, जयपुर में 129 और पटना में 123 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

आइजोल (37) सहित देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 41, अरियालूर 30, बरेली 36, बारीपदा 46, बैरकपुर 44, बेलगाम 42, बिलासपुर 47, चामराजनगर 35, चिकबलपुर 47, कोयंबटूर 40, कुड्डालोर 43, कटक 32, दावनगेरे 47, फिरोजाबाद 38, हल्दिया 44, हसन 43, हावड़ा 50, कलबुर्गी 40, कोलार 46, कोल्लम 33, मदिकेरी 32, मैसूर 39, पिंपरी-चिंचवाड 49, रायरंगपुर 36, राजमहेंद्रवरम 46, रामनगर 35, सुआकाती 47, तिरुवनंतपुरम 43, तिरुपुर 34, वाराणसी 29, वेल्लोर 43, विजयपुरा 42, विशाखापत्तनम 38 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अकोला, अलवर, अंबाला, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, बागलकोट, बालासोर, बारां, बारबिल, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, दुर्गापुर, गडग, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हापुड़, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जलना, झालावाड़, झांसी, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, क्योंझर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, लखनऊ, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, पलवल, परभनी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायचुर, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, तालचेर, टेंसा, ठाणे , थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

दूसरी तरफ देश में अमरावती में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। यदि अमरावती में प्रदूषण की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा से करें तो वहां हवा 17 गुणा साफ है। इसी तरह देश 34 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। यदि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। ऐसा ही कुछ संतोषजनक हवा वाले शहरों के साथ भी हुआ है, जिनकी संख्या में कल से दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि इन शहरों की संख्या 92 बनी हुई है। इनमें अंबाला, अमरावती, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर आदि शहर शामिल हैं।
देश के 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है। इन शहरों में बागपत, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, धनबाद, धारूहेड़ा, धुले, गडग, ग्वालियर आदि शहर शामिल रहे। कल से देखें तो इन शहरों के आंकड़े में आठ फीसदी की गिरावट आई है।