प्रदूषण

वायु प्रदूषण में कटौती से अमेरिका में हर साल बच सकती हैं 53,200 जिंदगियां

अनुमान है कि प्रदूषण में इस कटौती की मदद से अमेरिका में हर साल स्वास्थ्य पर खर्च होने वाले करीब 47.2 लाख करोड़ रुपए भी बचाए जा सकते हैं

Lalit Maurya

हाल ही में किए एक नए अध्ययन से पता चला है कि अमेरिका में ऊर्जा संबंधित गतिविधियों से होते वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने से हर साल करीब 53,200 जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। इतना है नहीं इस कटौती का फायदा अर्थव्यवस्था को भी पहुंचेगा।

अनुमान है कि इसकी मदद से हर साल स्वास्थ्य पर खर्च होने वाले 60,800 करोड़ डॉलर (करीब 47.2 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा राशि बचाए जा सकते हैं। विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय द्वारा किया यह अध्ययन जर्नल जियोहेल्थ में प्रकाशित हुआ है।

यह अध्ययन मुख्य रूप से बिजली उत्पादन, परिवहन, औद्योगिक गतिविधियों, हीटिंग और खाना पकाने जैसी गतिविधियों के चलते उत्सर्जित होने वाले सूक्ष्म कणों की रोकथाम से होने वाले फायदों पर प्रकाश डालता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह प्रदूषक हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, फेफड़ों के कैंसर और सांस सम्बन्धी बीमारियों को बढ़ा सकते हैं, जो नाटकीय रूप से अमेरिका में लोगों के जीवन को कम कर रहा है।  

देखा जाए तो इन सभी गतिविधियां के चलते बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) वातावरण में मुक्त होती है, जोकि मुख्य रूप से जलवायु में आते बदलावों के लिए भी जिम्मेवार है। लम्बे समय से इन गतिविधियों में कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन का उपयोग किया जाता रहा है, जिनके जलने से बड़ी मात्रा में सीओ 2 उत्सर्जित होती है। 

जलवायु के दृष्टिकोण से भी है फायदेमंद

इस बारे में शोध से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता निक मेलौक्स का कहना है कि हमारा यह अध्ययन उन वायु गुणवत्ता सम्बन्धी लाभों के बारे में अवगत करता है जो अमेरिका की ऊर्जा प्रणाली को कार्बन मुक्त करने से हो सकते हैं। उनके अनुसार यदि ऊर्जा प्रणाली में स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपना लिया जाए तो लोगों के स्वास्थ्य को इसका काफी फायदा मिल सकता है। वहीं लम्बी अवधि में यह जलवायु परिवर्तन के असर को सीमित करने में भी मददगार हो सकता है। 

सूक्ष्म कणों, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन में पूरी तरह कटौती करने से अमेरिका में स्वास्थ्य को कितना फायदा पहुंचेगा इसे निर्धारित करने के लिए मेलौक्स ने अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के एक मॉडल का उपयोग किया है। गौरतलब है कि वातावरण में मुक्त होने के बाद यह यौगिक पार्टिकुलेट मैटर बना सकते हैं। 

अपने इस शोध में शोधकर्ताओं ने न केवल देशव्यापी स्तर पर उत्सर्जन में होने वाली कटौती के फायदों का अध्ययन किया है। साथ ही यह भी जानने का प्रयास किया है कि यदि कोई क्षेत्र विशेष अपने उत्सर्जन में कटौती करता है तो उसे इसका कितना फायदा होगा।

हालांकि शोधकर्ताओं ने यह भी माना है कि इसका प्रभाव ऊर्जा उपयोग और जनसंख्या में क्षेत्रीय भिन्नताओं के कारण अमेरिका के अलग-अलग हिस्सों में भिन्न-भिन्न हो सकता है। शोध से यह भी पता चला है कि देश के एक क्षेत्र में उत्सर्जन में की गई कटौती का फायदा दूसरे क्षेत्रों में भी महसूस किया जाएगा।

जो निष्कर्ष सामने आए हैं उनके अनुसार यदि देश के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र एरिजोना, कैलिफ़ोर्निया और नेवादा अपने क्षेत्र में होने वाले उत्सर्जन को कम करते हैं तो उन्हें इसका 95 फीसदी फायदा मिलेगा। हालांकि वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी राज्यों में की गई उत्सर्जन में कटौती का फायदा अन्य क्षेत्रों को मिलेगा। अनुमान है कि पहाड़ी राज्यों को इसका केवल 32 फीसदी फायदा मिलेगा, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादातर आबादी नीचे के क्षेत्रों में केंद्रित है जिसको इसका सबसे ज्यादा फायदा पहुंचेगा। 

वहीं दूसरी तरफ शोध में सामने आया है कि यदि  राज्य अलग-अलग प्रदूषण पर कार्रवाई करने की जगह राष्ट्रव्यापी प्रयास करें तो उसका कहीं ज्यादा फायदा होगा। उदाहरण के लिए मेलौक्स के अनुसार यदि राष्ट्रव्यापी कार्रवाई की जाती है तो ग्रेट प्लेन को इसका दोगुना फायदा होगा। उनके अनुसार जितना ज्यादा राज्य और क्षेत्र इस समस्या से निपटने के लिए मिलकर प्रयास करेंगें उतना ज्यादा ही उन सभी को फायदा होगा।