देश में ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) और लुंगलेई फायर स्टेशन (एलएफएस), मिजोरम को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए वर्ष 2023 के सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। इन दोनों संगठनों को यह पुरस्कार इंस्टीट्यूशनल केटेगरी में दिया गया है।
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा किए अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को मान्यता देने तथा सम्मानित करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की स्थापना की गई है।
इस पुरस्कार की घोषणा हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर की जाती है। पुरस्कार के तहत चयनित संगठनों को 51 लाख रुपए की पुरस्कार राशि और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। गौरतलब है कि वर्ष 2023 के पुरस्कार के लिए 1 जुलाई, 2022 से नामांकन आमंत्रित किए गए थे, जिसके तहत विभिन्न संस्थानों और व्यक्तियों से 274 वैध नामांकन प्राप्त हुए थे।
यदि पुरस्कार विजेताओं की बात करें तो ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) को ओडिशा में आई भारी चक्रवातीय त्रासदी के बाद 1999 में स्थापित किया गया था। ओएसडीएमए ने ओडीआरएएफ, मल्टी-हैजर्ड अर्ली वार्निंग सर्विस (एमएचईडब्ल्यूएस) फ्रेमवर्क और 'सतर्क' नामक वेब/स्मार्टफोन आधारित अत्याधुनिक प्रणाली की शुरआत की थी, जो आपदा जोखिम संबंधी सूचनाओं का आंकलन, ट्रैकिंग और चेतावनी देने में मददगार रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ओएसडीएमए ने विभिन्न चक्रवातों जैसे हुदहुद (2014), फानी (2019), अम्फान (2020) और ओडिशा में 2020 में आई बाढ़ के दौरान प्रभावी रूप से कार्य किया था। ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने समुद्र तट से 1.5 किलोमीटर के दायरे में स्थित 381 सुनामी संभावित गांवों/वार्डों और 879 बहुउद्देश्यीय चक्रवात/बाढ़ आश्रय स्थलों को इन आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर बनाने के लिए पहल की शुरुआत की थी।
वहीं दूसरी तरफ यदि लुंगलेई फायर स्टेशन, मिजोरम की बात करें तो इस संगठन ने जंगल में लगी भीषण आग को कुशलतापूर्वक प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में अपना योगदान दिया था। 24 अप्रैल 2021 को मिजोरम के लुंगलेई शहर से घिरे इन निर्जन जंगलों में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई थी, जो जल्द ही 10 से ज्यादा ग्राम परिषदों में फैल गई थी।
लुंगलेई फायर स्टेशन पर तैनात कर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से 32 घंटे से भी ज्यादा समय तक लगातार इस आग को रोकने का प्रयास किया था। आग बुझाने के इस कार्य में दमकल और आपातकालीन कर्मचारियों की बहादुरी, साहस एवं त्वरित प्रयासों के चलते जान-माल की कोई हानि नहीं हुई थी और जंगल में लगी इस भीषण आग को राज्य के अन्य हिस्सों में फैलने से रोक दिया गया था। इस दौरान फायर स्टेशन पर तैनात कर्मियों ने न केवल आग पर काबू पाया साथ ही उन्होंने लोगों को भी इस बारे में प्रेरित किया और उन्हें मौके पर ही आग बुझाने के बारे में प्रशिक्षण भी दिया था।