हाल ही में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट और डाउन टू अर्थ द्वारा जारी रिपोर्ट “स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट इन फिगर्स 2023” में गुजरात को लेकर चिंताजनक आंकड़े जारी किए गए हैं। इनके मुताबिक गुजरात ने 2022-23 में प्राकृतिक आपदाओं के लिए जारी अपने बजट में 71 फीसदी की कटौती की है। गौरतलब है कि गुजरात पर आज यानी 15 जून, 2023 को अत्यंत गंभीर श्रेणी के चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खतरा मंडरा रहा है।
बता दें कि देश का यह पश्चिमी राज्य विशेष रूप से चक्रवातों के कारण खतरे में है। बता दें कि यह तमिलनाडु के बाद दूसरा ऐसा राज्य है जिसने 2022-23 में प्राकृतिक आपदाओं के लिए जारी अपने बजट में इतनी भारी कटौती की है। रिपोर्ट में जारी आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाडु ने 2022-23 में प्राकृतिक आपदाओं के लिए अपने खर्च में 100 फीसदी की कटौती की है।
यह दोनों राज्य देश के उन 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं, जिन्होंने 2022-23 में प्राकृतिक आपदाओं के लिए जारी अपना बजट में कमी की है। इसी का नतीजा है कि देश में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने प्राकृतिक आपदाओं के लिए जितना कुल बजट जारी किया है उसमें 2021-22 की तुलना में 36 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
छह साल में दूसरी कटौती
केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट एन्वी-स्टैट्स, 2023 के मुताबिक इससे पहले 2017-18 और 2018-19 के बीच भी, गुजरात ने प्राकृतिक आपदाओं पर अपने खर्च में 34 फीसदी से थोड़ा ज्यादा की कटौती की थी।
हालांकि तब से पिछले लगातार दो वर्षों 2019-20 और 2020-21 में इसमें लगातार वृद्धि की गई थी। ऐसे में यदि 2017-18 से देखें तो पिछले छह वर्षों में यह दूसरा मौका है जब गुजरात ने प्राकृतिक आपदाओं के लिए अपने आबंटन में कमी की है।
एसओई इन फिगर्स 2023 रिपोर्ट में जारी विश्लेषण से पता चला है कि 2021-22 और 2022-23 के बीच प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए बजट में कमी 2017-18 और 2018-19 के बीच 34 फीसदी की तुलना में भी अधिक (71 फीसदी) रही है।
नौ राज्यों ने की अपने बजट में भारी कटौती
रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए हैं उनके मुताबिक 2022-23 में देश के नौ राज्यों ने प्राकृतिक आपदाओं के लिए जारी अपने बजट में 25 से 70 फीसदी तक की कमी की है। इनमें दो बाढ़ संभावित राज्य बिहार और असम भी शामिल हैं।
बता दें कि जहां असम ने 2022 में पिछले एक दशक में सबसे विनाशकारी बाढ़ का सामना किया था। इस बारे में सीएसई-डीटीई डेटा सेंटर द्वारा मौसमी आपदाओं पर जारी इंटरैक्टिव एटलस से पता चला है कि इस बाढ़ में 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जबकि दो लाख हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि प्रभावित हुई थी।
विडम्बना देखिए की उसी वर्ष, पूर्वोत्तर के इस राज्य ने अपने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए जारी बजट में 25 प्रतिशत की कटौती की थी। एन्वी-स्टैट्स, 2023 के आंकड़े दर्शाते हैं कि 2017-18 के बाद से पिछले छह वर्षों में यह पहला मौका है जब असम ने प्राकृतिक आपदाओं के लिए जारी अपने बजट में कमी की है।
आंकड़ों के अनुसार जहां असम ने 2022-23 के अपने बजट में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए 1,916 करोड़ रुपए आबंटित किए थे। वहीं 2021-22 में यह आंकड़ा 2,557.5 करोड़ रुपए था। मतलब की इसमें 25 फीसदी की कटौती की गई है।