मध्यप्रदेश में इस मानसून सामान्य बारिश हुई है लेकिन फिर भी प्रदेश के तकरीबन 10 जिले बाढ़ की चपेट में है। इसकी वजह है अतिवर्षा। प्रदेश के पूर्वी हिस्से में पिछले दो सप्ताह से अतिवर्षा हो रही है। जिन जिलों में जून-जुलाई में मानसून सामान्य से कम बारिश ला रहा था, उनमें से अधिकतर जगहों पर अचानक तेज बारिश हुई। पिछले दो सप्ताह में भोपाल, बुरहानपुर, शाजापुर, सीहोर, श्योपुर, नीमच, मंदसौर जैसे जिलों में सामान्य से 150 से लेकर 400 फीसदी तक अधिक बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में 7 दिन ऐसे थे जिसमें लार्ज एक्सेस बारिश हुई। इस मामले में मध्यप्रदेश महाराष्ट्र (8 दिन एक्सेस बारिश) के बाद दूसरे स्थान पर रहा। इसके अलावा 15 दिन ऐसे थे जिसमें एक्सेस बारिश दर्ज की गई। इस मामले में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है। पूरे देश में 40 दिन लार्ज एक्सेस बारिश हुई और 101 दिन एक्सेस बारिश दर्ज की गई।
मध्यप्रदेश के सभी जिलों में हुई बारिश का औसत निकाले तो मानसून यहां सामान्य है यानि प्रदेश में अबतक औसत सामान्य बारिश 515.3 मिली मीटर (मिमी) होनी चाहिए जबकि मध्यप्रदेश का अबतक 516.4 मिमी बारिश हो चुकी है। हालांकि कहीं अतिवर्षा तो कहीं सूखे की वजह से प्रदेश के हर हिस्से में कोई न कोई परेशानी है। प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के कई जिले अभी भी सूखे की चपेट में है। मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से में अब तक सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक बारिश हुई और पश्चिमी हिस्से में 17 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। सीधी में सबसे कम सामान्य से -47 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं छिंदवाड़ा में यह आंकड़ा -37 प्रतिशत का है। इनके अलावा बालाघाट, सिवनी, सागर, छतरपुर, पन्ना, कटनी और शहडोल में भी सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। अतिवर्षा वाले हिस्से में प्रदेश के 14 जिले आते हैं जिनमें भोपाल, नीमच और मंदसौर में सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
मंदसौर में सबसे अधिक बारिश, बाढ़ से आमजन परेशान
मंदसौर में सबसे अधिक सामान्य से 71 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई। मंदसौर जिला प्रशासन के मुताबिक मंदसौर जिले में गत दस अगस्त तक औसत से लगभग 40 मिली मीटर ज्यादा बारिश दर्ज की गयी। मंदसौर में 826.5 एम.एम. वर्षा हुई, जो औसत वर्षा से अधिक थी। मंदसौर में सर्वाधिक 849.4 एम.एम. वर्षा गरोठ में दर्ज की गयी। जिले में 6 प्रमुख नदियाँ चम्बल, शिवना, तुम्बड़, सोमली, रेतम एवं रेवा हैं। जिला प्रशासन ने बताया कि राहत शिविरों में प्रभावितों को 50-50 किलो गेहूँ नि:शुल्क वितरित किया जा रहा है। पीड़ितों को स्थानीय स्कूलों में लगाये गये अस्थाई शिविरों में शिफ्ट किया गया है और उनके भोजन आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पानी उतरने के बाद प्रभावित परिवार अपने-अपने घर वापस लौटेंगे।
क्या कर रही है मध्यप्रदेश सरकार
मध्यप्रदेश में बाढ़ से अबतक 15 लोगों के मरने की सूचना है और तीन लोग लापता भी हुए हैं। सबसे अधिक मंदसौर जिले में 4 लोगों की मृत्यु हुई है। राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सोमवार को अति-वर्षा प्रभावित मंदसौर जिले का हवाई सर्वेक्षण कर प्रभावितों के लिये राहत शिविरों, भोजन एवं स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल समुचित राहत पहुंचाई जा रही है। वे कहते हैं कि ग्राम पंचायत स्तर पर बचाव और राहत दलों का गठन किया गया है। जिला एवं तहसील स्तर पर बाढ़ नियंत्रण-कक्ष को 24 घंटे चौकस रहने के निर्देश दिये गये हैं। समय पर राहतकर्मी एवं बचाव दल द्वारा एक्शन लेने से क्षति काफी कम हुई है। प्रभावित क्षेत्र में 892 परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि जिले में अति-वर्षा के कारण 4 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। इनमें से 3 लोग नाला क्रास करते समय पानी में बह गये एवं एक व्यक्ति की मृत्यु घर के सामने गड्ढे में डूब जाने से हुई। चारों जन-हानि लापरवाही के कारण दुर्घटनावश हुई।
पिछले तीन सप्ताह में ऐसे बदल गया मौसम का मिजाज
जिला- 1 से 7 अगस्त- 25 से 31 जुलाई- 18 से 24 जुलाई
आगर-मालवा- 128 86 -83
अलीराजपुर- 213 -20 -54
अशोकनगर 21 131 -82
बैतूल -12 193 -56
भोपाल- 51 465 -67
बुरहानपुर -12 238 -62
गुना 113 165 -67
होशंगाबाद 78 248 -85
मंदसौर 178 155 -78
नीमच 136 57 -45
रायसेन 73 113 -78
राजगढ़ 91 130 -62
सीहोर -17 268 -94
शाजापुर 8 244 -65
श्योपुर -53 264 -57