आपदा

एक करोड़ से ज्यादा बाढ़ प्रभावित: दोहरी विपदा से मारे जा रहे किसान

देश में अब तक करीब 450 से ज्यादा लोग बाढ़ और भूस्खलन के कारण मर चुके हैं

Vivek Mishra

अभी 10-15 दिन पहले बाढ़ आई और पूरा मकान कटान में चला गया। प्रधानमंत्री आवास के तहत बने इस मकान को लेकर जब लेखपाल से मुआवजे की फरियाद की तो उन्होंने 10 हजार रुपये घूस मांग लिया। अपनी आख्या में हमें गैर आवासीय बता दिया। अगर हम गैर आवासीय होते तो यहां प्रधानमंत्री आवास कैसे मिलता और बनता। हमसब ने  जिलाधिकारी से लिखित फरियाद लगाई है लेकिन राहत की बूंद भर अभी हम तक नहीं पहुंची है।

उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में भिन्गा तहसील के हरिहरपुर रानी विकासखंड की अशरफा बाजार मजरे बलविंदर सिंह एक सांस में पूरी निराशा से यह बात कहते हैं और बताते हैं कि हर साल राप्ती का जलस्तर बढ़ता है और बाढ़ यहां करीब पांच किलोमीटर दायरे में फैल जाती है। बाढ़ बचाव के नाम पर कोरम पूरा होता है और हमारी स्थितियां कभी नहीं सुधरती। बलविंदर के अलावा इलाके में लड्डन खान, कुतब खान, जमाल खान और यासीन खान के साथ जिब्रील खान का आवास इस बार की बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गए हैं। श्रावस्ती जिले में ही इकौना तहसील में मलौना खसियारी गांव में करीब दो दर्जन से अधिक किसानों के खेत बाढ़ में डूबे हुए हैं।

असम, बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ वीभत्स होती जा रही है। नेपाल और तराई क्षेत्र की नदी घाटी में लगातार हो रही बारिश और बैराज में पानी बढ़ने के कारण दर्जनों नदियां खतरे की सीमा के पार बनी हई है।

घाघरा (सरयू) में ऊफान के कारण अयोध्या के घाट डूब गए हैं और गोंडा और अयोध्या के बीच मौजूद गांवों में कटान भी जारी है। गुप्तार घाट पर बाबू निषाद बताते हैं कि उनके खेत इस वक्त जलमग्न हैं और घाट के बराबर पानी पहुंच चुका है। पानी का बढ़ना लगातार जारी है।

गोरखपुर और सिद्धार्थनगर में भी कुछ तहसील और गांव घाघरा के कारण जलमग्न हैं जहां प्रवासी गांव छोड़कर शहर जाने के लिए स्थितियों के सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। गोरखपुर के करजही गांव में विशाल निषाद ने कहा कि अभी ट्रेन छत्तीसगढ़ के रायपुर तक नहीं जा रही है और वे काम के लिए वापस लौटना चाहते हैं। यदि कोई वाहन का जुगाड़ हो जाए तो वे गांव छोड़कर वापस काम पर चले जाएं।

केंद्र सरकार की 30 जुलाई की बाढ़ स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक करीब एक करोड़ लोग बाढ़ प्रभावित हो चुके हैं। इनमें असम में करीब 57 लाख और बिहार में करीब 40 लाख बाढ़ पीड़ित हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में करीब 1.5 लाख लोग बाढ़ प्रभावित हैं। अब तक करीब 450 से ज्यादा लोग बाढ़ और भूस्खलन के कारण मर चुके हैं। सैकड़ों की संख्या में लोग लापता हैं। वहीं सर्वाधिक मौतें पश्चिम बंगाल (209) में हुई हैं।

बाढ़ के दौरान राहत कार्य अब भी पारंपरिक तौर पर जारी हैं। यूपी में घाघरा नदी की धारा मोड़ने के लिए बीते वर्ष ड्रेजिंग के जरिए नई धाराओं का निर्माण किया गया था लेकिन इसका कोई फायदा नहीं दिखा है और अयोध्या, गोरखपुर, बाराबंकी जैसी जगहों पर बाढ़ की कटान जारी है। 

नेपाल और बिहार के कैचमेंट में भारी वर्षा के कारण कोसी और गंडक बैराज में पानी बढ़ रहा है जिससे बिहार के कई जिलों की स्थिति खराब हो रही है। 14 जिलों में सिवान, गोपालगंज, खगड़िया, पूर्णियां, मुजफ्फरपुर, दरभंगा जिले की स्थिति खराब है।