आज, 28 अगस्त को सौराष्ट्र और कच्छ के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश तथा कुछ इलाकों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है।  
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अगले 24 घंटों में कमजोर पड़ जाएगा 'लो प्रेशर', कल पाकिस्तान में करेगा प्रवेश

मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश, दक्षिण राजस्थान, गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र में जल जमाव से बचने के लिए फसल वाले खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करने को कहा है।

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मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि सौराष्ट्र और कच्छ तथा इससे सटे उत्तरी गुजरात पर गहरा अवसाद या डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान सात किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम की ओर बढ़ गया है।

यह कल 27 अगस्त को भारतीय समयानुसार 23:30 बजे उसी क्षेत्र में बना हुआ था। यह गुजरात के रापर से लगभग 10 किमी उत्तर-उत्तर-पश्चिम, गुजरात के न्यू कांडला से 70 किमी उत्तर-उत्तर-पूर्व, गुजरात के भुज से 90 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व तथा गुजरात के नलिया से 185 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व में केंद्रित हो गया है।

इसके सौराष्ट्र और कच्छ से होते हुए धीरे-धीरे पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने और 29 अगस्त की सुबह तक सौराष्ट्र और कच्छ तट और पाकिस्तान के आसपास के इलाकों और उत्तर-पूर्व अरब सागर तक पहुंचने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश और उससे सटे उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश पर बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है। कल, कल 27 अगस्त 2024 को भारतीय समयानुसार 23:30 बजे यह मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्सों और उससे सटे दक्षिण उत्तर प्रदेश के ऊपर बना हुआ था। इसके मध्य प्रदेश के उत्तरी इलाकों में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखने और अगले 24 घंटों के दौरान धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है।

सौराष्ट्र और कच्छ तथा इससे सटे उत्तरी गुजरात पर गहरा अवसाद या डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान सात किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम की ओर बढ़ गया है।

तूफानी गतिविधि के कारण भारी बारिश के आसार

आज, 28 अगस्त को सौराष्ट्र और कच्छ के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश तथा कुछ इलाकों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है। 29 अगस्त को सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ इलाकों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश और 30 अगस्त को कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं।

आज, यानी 28 अगस्त को गुजरात के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। आज, दक्षिण राजस्थान के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका है।

वहीं आज, 28 अगस्त को मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का अनुमान है। इसी दौरान कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश होने के आसार जताए गए हैं।

आज, 28 अगस्त को ओडिशा के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी वर्षा होने का अनुमान है। 29 अगस्त को ओडिशा में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं।

वहीं आज, 28 अगस्त को झारखंड के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। इसी दौरान झारखंड के कई इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं।

तूफानी हवाएं चलने के आसार

मौसम विभाग की मानें तो आज, उत्तरी महाराष्ट्र के तटों पर 40 से 50 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने की आशंका जताई गई है। वहीं आज, दक्षिण गुजरात के अलग-अलग हिस्सों तथा सौराष्ट्र और कच्छ के जिलों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं।

भयंकर समुद्री लहरों की आशंका

मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट के हवाले से कहा है कि 30 अगस्त तक गुजरात और उससे सटे पाकिस्तान और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों तथा पूर्वोत्तर और उससे सटे पूर्व मध्य अरब सागर में समुद्री स्थिति के बहुत खराब रहने के साथ ही तूफानी मौसम के बने रहने के आसार हैं।

तूफानी गतिविधि के चलते मौसम विभाग की मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी

आज, उत्तर-पूर्व अरब सागर, उत्तर-पश्चिम अरब सागर के अधिकतर हिस्सों, मध्य अरब सागर के अधिकांश इलाकों और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के उत्तरी हिस्सों, गुजरात, महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा, कर्नाटक के तटों, मन्नार की खाड़ी और श्रीलंका के तट, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के अधिकतर इलाकों और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों, मध्य बंगाल की खाड़ी के कई इलाकों, उत्तरी अंडमान सागर में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं।

वहीं आज, गुजरात तट, उत्तर-पूर्व अरब सागर, उत्तर-पश्चिम अरब सागर के कई हिस्सों, पूर्व-मध्य अरब सागर के उत्तरी हिस्सों और आसपास के पश्चिम-मध्य अरब सागर में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई हैं।

आज, पश्चिम-मध्य, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के पश्चिमी हिस्सों, सोमालिया, यमन, दक्षिण ओमान तटों के अधिकतर इलाकों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की दर तक पहुंचने का अनुमान है।

वहीं आज, गुजरात के तटों और उससे सटे पाकिस्तान के तटों तथा पूर्वोत्तर और निकटवर्ती पूर्व मध्य अरब सागर में 55 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 75 किमी प्रति घंटे में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।

मौसम विभाग ने उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

उपरोक्त के अलावा मौसम विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे 30 अगस्त तक पूर्वोत्तर और इससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर तथा गुजरात और उससे सटे पाकिस्तान और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों पर न जाएं।

तूफानी गतिविधि के कारण नुकसान होने के आसार

मौसम विभाग की मानें तो तूफानी गतिविधि के कारण स्थानीय स्तर पर सड़कों पर बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में अंडरपास बंद हो सकते हैं। भारी बारिश के कारण दृश्यता में कम हो सकती है। सड़कों पर जलभराव के कारण शहरों में यातायात बाधित होने से यात्रा का समय बढ़ सकता है। कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान हो सकता है। कमजोर संरचनाओं को नुकसान होने की आशंका जताई गई है। स्थानीय स्तर पर भूस्खलन या मिट्टी धंस सकती है। जलभराव के कारण कुछ क्षेत्रों में बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है।

किसानों को तूफानी गतिविधि के चलते सतर्क रहने की सलाह

मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश, दक्षिण राजस्थान, गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में बहुत भारी से भयंकर बारिश के कारण कृषि संबंधी सलाह भी जारी की है। जिसके अनुसार, मध्य प्रदेश, दक्षिण राजस्थान, गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र में जल जमाव से बचने के लिए फसल वाले खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करने को कहा गया है। बागवानी फसलों को बाहर से सहारा देना और सब्जियों के पौधों को तूफान से बचाने के लिए सहारा देने की बात कही गई है।