आपदा

मरुस्थल में बदल चुका है भारत का 30 फीसदी इलाका, 8 राज्यों में हालात बुरे

Raju Sajwan

आज पूरा विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस (डब्ल्यूडीसीडी) मना रहा है। इस दिन पूरे विश्व में जमीन के मरुस्थल होने पर चिंता जताई जा रही है। भारत में भी यह चिंता लगातार बढ़ रही है। इसकी वजह यह है कि भारत की करीब 30 फीसदी जमीन मरुस्थल में बदल चुकी है। इसमें से 82 प्रतिशत हिस्सा केवल आठ राज्यों राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू एवं कश्मीर, कर्नाटक, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में है।

मरुस्थलीकरण एक तरह से भूमि क्षरण का वह प्रकार है, जब शुष्क भूमि क्षेत्र निरंतर बंजर होता है और नम भूमि भी कम हो जाती है। साथ ही साथ, वन्य जीव व वनस्पति भी खत्म होती जाती है। इसकी कई वजह होती हैं, इसमें जलवायु परिवर्तन और इंसानी गतिविधियां प्रमुख हैं। इसे रेगिस्तान भी कहा जाता है। 

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) द्वारा जारी “स्टेट ऑफ एनवायरमेंट इन फिगर्स 2019” की रिपोर्ट के मुताबिक इतना ही नहीं, 2003-05 से 2011-13 के बीच भारत में मरुस्थलीकरण 18.7 लाख हेक्टेयर बढ़ चुका है। सूखा प्रभावित 78 में से 21 जिले ऐसे हैं, जिनका 50 फीसदी से अधिक क्षेत्र मरुस्थलीकरण में बदल चुका है। 2003-05 से 2011-13 के बीच नौ जिले में मरुस्थलीकरण 2 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। भारत 29.32 फीसदी क्षेत्र मरुस्थीकरण से प्रभावित है। इसमें 0.56 फीसदी का बदलाव देखा गया है।

गुजरात में चार जिले ऐसे हैं, जहां मरुस्थलीकरण का प्रभाव देखा जा रहा है। इसके अलावा महाराष्ट्र में 3 जिले, तमिलनाडु में 5 जिले, पंजाब में 2 जिले, हरियाणा में 2 जिले, राजस्थान में 4 जिले, मध्य प्रदेश में 4 जिले, गोवा में 1 जिला, कर्नाटक में 2 जिले, केरल में 2 जिले, जम्मू कश्मीर में 5 जिले हिमाचल प्रदेश में 3 जिलों में मरुस्थलीकरण का प्रभाव है। नक्शे में समझिए कि किन जिलों में मरुस्थल की क्या स्थिति है?