मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र एक गहरे डिप्रेशन में तब्दील हो गया है। पूर्वानुमान में कहा गया है कि यह और भी तेज हो सकता है।
आज, 29 मई 2025 को यह पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों से दूर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम में सागर द्वीप से लगभग 100 किमी दक्षिण-पूर्व में, दीघा से 130 किमी दक्षिण-पूर्व में, पारादीप से 190 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व में और बांग्लादेश के खेपुपारा से 210 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित है।
कम दबाव के धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ने के आसार हैं, जिसके साथ 40 से 50 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलेंगी, कुछ हिस्सों में हवाओं की गति 60 मील प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
इन स्थितियों से मन्नार की खाड़ी, कोमोरिन का इलाका और निकटवर्ती तमिलनाडु तट पर असर पड़ने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने समुद्री और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को खतरों के बारे में सचेत करने के लिए पंबन और थूथुकुडी बंदरगाहों पर तूफान की चेतावनी प्रणाली स्थापित की है।
विभाग के अनुसार, मध्य बंगाल की खाड़ी, उत्तरी अंडमान सागर और मार्तबन की खाड़ी के ऊपर बिखरे हुए कम और मध्यम बादल छाए हैं। दक्षिण बंगाल की खाड़ी और दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बिखरे हुए कम और मध्यम बादल छाए हुए है।
संबंधित अनुमानित केंद्रीय दबाव 988 एचपीए (हेक्टोपास्कल, वायुमंडलीय दबाव को मापने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दबाव की एक इकाई) और इससे संबंधित लगातार चलने वाली हवाओं की गति 25 समुद्री मील से 35 समुद्री मील तक है।
मौसम विभाग के द्वारा तमिलनाडु में तूफानी हवाओं के साथ लगातार बारिश की चेतावनी भी दी गई है, खास तौर पर पश्चिमी घाट जिलों में। दक्षिण भारत में वायुमंडलीय प्रसार के कारण बहुत ज्यादा बारिश होने, जबकि कुछ हिस्सों में भारी बारिश के जारी रहने का भी अंदेशा जताया गया है।
मौसम विभाग ने निवासियों और आगंतुकों को सतर्क रहने और स्थानीय एजेंसियों द्वारा जारी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिकूल मौसम की तैयारी में, तमिलनाडु राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल सक्रिय कर दिए हैं।
मछुआरों को समुद्र में जाने से परहेज करने की सलाह दी गई है और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों से आग्रह किया गया है कि वे अपनी संपत्तियों को सुरक्षा करें और तूफान को लेकर आधिकारिक चैनलों के माध्यम से जानकारी हासिल करते रहें।
इस तरह की मौसमी गतिविधि के चलते जन-जीवन और संपत्ति की सुरक्षा करना जरूरी है। विभाग ने निवासियों को सतर्क रहने और मौसम प्रणाली के प्रभाव को कम करने के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग करने को कहा गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि वह स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर मौसम की जरूरी जानकरी दी जाएगी।