तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और राज्य के उत्तरी भाग में चक्रवात मिचौंग के प्रकोप से अभी हालात सामान्य भी नहीं हुए थे कि एक सप्ताह बाद 17 दिसंबर को दक्षिणी तमिलनाडु के जिलों में भारी बारिश ने तबाही मचाना शुरू कर दिया।
तमिलनाडु के सुदूर दक्षिण में तिरुनेलवेली, तेनकासी, थूथुकुडी और कन्नियाकुमारी - एक ऐसा क्षेत्र, जिसे ऐतिहासिक रूप से 'पांड्यानाडु' के नाम से जाना जाता है - में 17 दिसंबर को इतनी बारिश हुई कि प्रशासन को अब स्थानीय जलाशयों से और अधिक पानी छोड़ने पर विचार करना पड़ रहा है।
तिरुनेलवेली में थमिराबरानी नदी पर बने दो बांध पापनासम और मणिमुथर अब तक क्रमशः 80 प्रतिशत और 45 प्रतिशत क्षमता पर थे।
तिरुनेलवेली जिला प्रशासन ने थमिराबरानी नदी के किनारे के निवासियों को नदी के मुहाने से जुड़ी जल निकासी प्रणाली को देखते हुए चेतावनी जारी की है। उपायुक्त केपी कार्तिकायन ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से पापनासम और सर्वलारु बांधों से पानी छोड़ने की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाकर 30,000 क्यूसेक करने की घोषणा की।
सहायता के लिए लोगों को 1070 पर राज्य नियंत्रण कक्ष और 1077 पर जिला आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष से संपर्क करने का आग्रह किया गया। तिरुनेलवेली में शहरी और ग्रामीण दोनों ही कई इलाके जलमग्न हो गए, चेन्नई में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने 17 और 18 दिसंबर (दोपहर तक) को असाधारण भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है।
क्षेत्रीय केंद्र और तिरुनेलवेली के आपदा प्रबंधन विभाग के अपडेट से संकेत मिलता है कि मंजोलाई पहाड़ियों में नालुमुक्कू ने तमिलनाडु में सबसे अधिक 190 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा दर्ज की। राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार, अन्य स्थानों - मंजोलाई (135 मिमी), ऊथु (169 मिमी), और कक्काची (152 मिमी) में भी भारी वर्षा हुई।
अचानक आई बाढ़ ने तिरुनेलवेली के विभिन्न निचले इलाकों को प्रभावित किया, जिसमें तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी शामिल है, जो दोपहर में जलमग्न हो गया। डीन रेवती बालन और अस्पताल के अधिकारियों ने रुके हुए पानी को साफ करने के लिए भारी लिफ्ट पंप तैनात किए।
चेट्टीकुलम गांव, अनुविजय टाउनशिप और शहर की कई सड़कें जलमग्न हो गईं, जिसके बाद विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर बाढ़ राहत केंद्र स्थापित किए जाने लगे। 17 दिसंबर को शाम 6:30 बजे तक कुछ परिवारों को मेलापलायम में इन सुविधाओं में स्थानांतरित कर दिया गया था।
थूथुकुडी, श्रीवैकुंडम, तिरुचेंदूर और सथानकुलम जिलों में भारी वर्षा दर्ज की गई। सथानकुलम में सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे के बीच 207 मिमी बारिश दर्ज की गई। कन्याकुमारी के बारिश के पानी से नागरकोइल और आसपास के निचले इलाकों में पानी भर गया।
अग्निशमन और बचाव सेवा कर्मियों ने नागरकोइल में मीनाक्षी गार्डन के निवासियों को बचाया। इसके अतिरिक्त, पेचिपराई और पेरुंचानी में बांधों से 4,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, जिसके परिणामस्वरूप सड़कों पर बाढ़ के कारण बस सेवाएं स्थगित कर दी गईं।
कन्याकुमारी जिले में लगातार भारी बारिश के कारण मायिलाडी-अंजुग्रामम रोड, कोझिकोड पोथाई-थोवलाई रोड, इराचाकुलम-फेथुविलई सड़कों पर पानी भर गया है। इन सड़कों पर यातायात अवरुद्ध है, वाहन चालक वैकल्पिक मार्ग अपना रहे हैं।