देश में न सिर्फ बाढ़ की विभीषिका बढ़ रही है बल्कि बाढ़ उन जगहों पर ज्यादा जानलेवा बन रही है जहां पर बाढ की आपदाएं काफी कम रही हैं।
वर्ष 2018 से 2020 के बीच बाढ़ से सर्वाधिक मौतें मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र,कर्नाटक, गुजरात में दर्ज की गई हैं। इनमें ज्यादातर राज्य अर्धशुष्क भूमि वाले हैं और वर्षा आधारित खेती पर टिके हुए हैं।
लोकसभा में दिए गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई है जिसका डाउन टू अर्थ ने विश्लेषण किया है। डीटीई विश्लेषण में पाया गया कि सर्वाधिक मौतें सूखा प्रभावित राज्यों में ही हो रही हैं।
असम से सांसद प्रद्युत बोरोदोलोई के द्वारा लोकसभा में बाढ़ से होने वाले जान-माल के नुकसान से जुड़ा सवाल पूछा था। प्रश्न के जवाब में जलशक्ति मंत्रालय ने 21 जुलाई 2022 को पिछले तीन साल 2018, 2019 और 2020 में देशभर में बाढ़ से हुए नुकसान के कुल आंकड़े मुहैया कराए थे।
इस आंकड़ों के आधार पर पता चलता है कि 2018-2020 के बीच मध्य प्रदेश में बाढ़ से होने वाली मौतों का आंकड़ा सर्वाधिक है। हालांकि बाढ़ से होने वाली मौतों के आंकड़ों में कुछ विसंगतियां भी हैं। कुछ राज्यों में बाढ़ से होने वाली मौतों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
बाढ़ से होने वाली मौतों के आंकड़े स्पष्ट उतार-चढ़ाव को दिखाते हैं। मिसाल के तौर पर एमपी की बात करें तो साल 2018 में जहां बाढ़ से मरने वाली की संख्या 31 थी। वही अगले साल यानी 2019 में मध्यप्रदेश में भीषण बाढ़ के कारण 674 लोगों को मौत हुई। वहीं, 2020 में 189 लोगों की मौत बाढ़ से हुई।
इसी तरह केरल की बात करें तो केरल में पिछले 3 सालों में बाढ़ की घटना की वजह से कुल 765 लोगों की जान चली गयी। सबसे ज्यादा 450 मौतें 2018 में आयी भीषण बाढ़ की वजह से हुई थी। जिसमें जान-माल का काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। जबकि 2019 में बाढ़ की वजह से 301 लोगों की मौत हुई थी। जबकि साल 2020 में केरल में बाढ़ से 142 लोगों की मौत हुई।
महाराष्ट्र और गुजरात ऐसे ही राज्य हैं जहां पानी की कमी के मामले हम सुनते रहते हैं लेकिन इन राज्यों में बाढ़ के दौरान होने वाली मौतें चौंकाने वाली हैं।
कर्नाटक में 2018 में 215, 2019 में 301 एवं 2020 में 142 मौतें दर्ज की गयी हैं।
महाराष्ट्र में 2018 में 68 मौतें हुई थीं वहीं 2019 मौतें के मामले काफी उछाल देखने को मिला और 450 लोगों की मौतें हुई। जबकि 2020 के आंकड़े उपलब्ध नही है।
इसी तरह गुजरात में 2018 में 57 और 2019 में 217 व 2020 में 195 मौतें दर्ज की गईं।
देश भर में बाढ़ से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है। वह राज्य जो बाढ़ के बारे में सोचते नहीं थे उन राज्यों मे अप्रत्याशित बाढ़ के कारण लोगों की मौतें हो रही है। यह बाढ़ अचानक कुछ घंटों में होने वाली मूसलाधार वर्षा के कारण पैदा हो रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक देश में साल 2018 में जहां 1839 लोगों की मौत हुई, वहीं 2019 में 2754 लोगों की मृत्यु हुई और 2020 में 1365 लोगों की मौत बाढ़ की वजह से हुई।