मौसम विभाग के मुताबिक, बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल में गंगा के तटों पर बना गहरा दबाव (डीप डिप्रेशन) पिछले छह घंटों के दौरान 20 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया है और कमजोर पड़कर डिप्रेशन में तब्दील हो गया है।
आज 30 मई, 2025 को भारतीय समयानुसार 05:30 बजे यह बांग्लादेश के तंगेल से लगभग 60 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में, ढाका से 110 किमी पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में, भारत के बरहामपुर से 120 किमी उत्तर-पूर्व में और शिलांग से 300 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में जारी है।
मौसम विभाग ने कहा है कि यह अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और अच्छी तरह से कम दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होकर कमजोर पड़ जाएगा।
मौसम विभाग ने तूफानी गतिविधि को देखते हुए कई राज्यों में, खासकर दक्षिण के कुछ हिस्सों तथा पूर्वोत्तर भारत के सभी राज्यों में तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश होने का अंदेशा जताया है।
तूफानी गतिविधि को देखते हुए मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
मौसम विभाग के मुताबिक आज, सोमालिया तट और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के उत्तरी हिस्सों, उससे सटे पश्चिम मध्य अरब सागर, गुजरात तट और उसके निकटवर्ती उत्तर-पूर्व अरब सागर के इलाकों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज, दक्षिण अरब सागर, मध्य अरब सागर के दक्षिणी इलाकों, केरल, कर्नाटक के तटों, लक्षद्वीप क्षेत्र, मालदीव क्षेत्र, कोमोरिन क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी, श्रीलंका, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, म्यांमार तटों, दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर के इलाकों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं।
मौसम विभाग की मानें तो आज, ओडिशा और पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश के तटों, उत्तरी बंगाल की खाड़ी के इलाकों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं की रफ्तार में और इजाफा होकर 60 किमी प्रति घंटे की दर में बदलने की आशंका है।
वहीं आज, उत्तरी बंगाल की खाड़ी के कई इलाकों, मध्य और दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने का अंदेशा जताया गया है।
उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को भी सलाह दी गई है कि वे 30 मई से एक जून तक दक्षिण अरब सागर और मध्य अरब सागर के दक्षिणी हिस्सों में न जाएं। 31 मई से तीन जून तक दक्षिण-पूर्व अरब सागर, लक्षद्वीप, मालदीव, कोमोरिन के इलाकों और 30 मई से तीन जून तक मन्नार की खाड़ी तथा 30 मई से दो जून तक केरल, कर्नाटक के तटों पर, 30 मई से दो जून तक गुजरात तट पर, दो जून को उत्तर गुजरात के तटों पर जाने से परहेज करें।
जबकि 30 मई और 31 मई को तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश, म्यांमार तटों और बंगाल की खाड़ी के समूचे इलाकों में जाने से बचे, 31 मई से एक जून तक तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश, म्यांमार तटों और एक जून से तीन जून तक बंगाल की खाड़ी के अधिकांश हिस्सों में न जाएं।
वहीं मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 30 मई को अंडमान सागर में न जाएं। विभाग ने कहा है कि उपरोक्त इलाकों और तिथियों पर मछली पकड़ने का काम पूरी तरह से स्थगित रहेगा।