चक्रवाती तूफान 'फेंगल' अपडेट: (29 नवंबर, 2024 : दोपहर 4:20 बजे)
दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना बना डीप डिप्रेशन आज, यानी 29 नवंबर को भारतीय समयानुसार 02:30 बजे उसी क्षेत्र में चक्रवाती तूफान 'फेंगल' में तब्दील हो गया है।
यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा और 30 नवंबर को दोपहर के समय 70 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं की गति के और तेज होकर 90 किमी प्रति घंटे की गति से पुडुचेरी के पास कराईकल और मामल्लापुरम के बीच उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों को पार करेगा।
चक्रवाती तूफान के कारण शनिवार को चेन्नई, तिरुवल्लूर, चेंगलपेट, कांचीपुरम, विल्लुपुरम, कल्लाकुरिची, कुड्डालोर जिलों और पुडुचेरी में एक या दो स्थानों पर भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने इन सभी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
जबकि, रानीपेट, तिरुवन्नामलाई, वेल्लोर, पेरम्बलुर, अरियालुर, तंजावुर, तिरुवरुर, मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने कराईकल जिलों के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अंदेशा जताया है।
तिरुपत्तूर, कृष्णगिरि, धर्मपुरी, सलेम, नमक्कल, त्रिची, पुदुकोट्टई और करूर जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है क्योंकि इन जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
तूफानी गतिविधि के चलते एक दिसंबर को आंतरिक जिलों में बारिश हो सकती है। नीलगिरी, कोयंबटूर, तिरुपुर, डिंडीगुल और इरोड जिलों में बहुत भारी बारिश की गतिविधि के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं, कृष्णगिरि, धर्मपुरी, सलेम, नमक्कल, करूर, थेनी और मदुरै जिलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। नीलगिरी, कोयंबटूर, तिरुपुर, थेनी, डिंडीगुल और इरोड जिलों में दो और तीन दिसंबर को भारी बारिश के लिए विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।
तमिलनाडु-पुडुचेरी के तटों को 30 नवंबर को पार करेगा चक्रवात 'फेंगल', भारी बारिश का अलर्ट (29 नवंबर, 2024 : सुबह 9:30 बजे)
मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना डीप डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान सात किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है। आज, 29 नवंबर 2024 को भारतीय समयानुसार सुबह 05:30 बजे यह उसी इलाके में बना रहा, जो त्रिंकोमाली से लगभग 260 किमी उत्तर-पूर्व में, नागपट्टिनम से 310 किमी पूर्व में, पुडुचेरी से 360 किमी पूर्व-दक्षिण-पूर्व में और चेन्नई से 400 किमी दक्षिण-पूर्व में है।
इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 30 नवंबर की सुबह पुडुचेरी के करीब कराईकल और महाबलीपुरम के बीच उत्तर तमिलनाडु-पुडुचेरी के तटों को पार करने का अनुमान है। इस दौरान हवाओं की गति के 55 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़कर 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं।
तूफानी हवाओं के साथ भारी से भयंकर बारिश के आसार
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में तेज हो रहे चक्रवात फेंगल की वजह से होने वाली भारी बारिश के कारण पुडुचेरी में शुक्रवार और शनिवार को स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। अगले 48 घंटों में चक्रवात के और खतरनाक होने की आशंका जताई गई है, जिससे तमिलनाडु के तटीय इलाकों, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश, तेज हवाएं चलने की आशंका जताई गई है।
मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि आज, उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अलग-अलग हिस्सों में तूफानी हवाओं के साथ भयंकर बारिश तथा कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं, इन राज्यों में 12 सेमी (120 मिमी) या उससे अधिक बरस सकते हैं बादल।
वहीं आज, दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश और यनम तथा रायलसीमा के अलग-अलग इलाकों में तूफानी हवाओं के साथ अत्यधिक भारी बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है, इन राज्यों में भी 12 सेमी (120 मिमी) या उससे अधिक बारिश हो सकती है। जबकि आज, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग इलाकों में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं, यहां बादलों के सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बरसने का पूर्वानुमान है।
तूफानी गतिविधि को देखते हुए मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
तूफानी गतिविधि के चलते समुद्री इलाकों में उथल-पुथल बढ़ गई है, इसके कारण आज, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में 65 से 75 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली भयंकर तूफानी हवाओं में इजाफा होकर 85 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं। वहीं आज, पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के आस-पास के हिस्सों में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।
आज, उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और उससे सटे दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर 50 से 60 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं। वहीं आज, पूर्वी श्रीलंका के तटों पर 55 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 75 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।
आज, दक्षिण तमिलनाडु तट और मन्नार की खाड़ी के आसपास 40 से 50 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं। मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।
तूफान के कारण नुकसान होने के आसार
मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, तमिलनाडु, पुडुचेरी, दक्षिणी आंध्र प्रदेश, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और केरल में तूफान का असर देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग ने कहा है कि सड़कों पर बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और शहरी इलाकों में अंडरपास में पानी भरने से ये बंद हो सकते हैं।
भारी बारिश के कारण दृश्यता में कमी आने के भी आसार हैं। सड़कों पर जलभराव के कारण शहरों में यातायात बाधित हो सकता है, जिससे यात्रा में लगने वाला समय बढ़ सकता है। कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान पहुंच सकता है। जलभराव के कारण कुछ क्षेत्रों में बागवानी और खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुंचने के आसार हैं।
किसानों को तूफान से फसलों को बचाने के लिए सतर्क रहने का सुझाव
चक्रवाती तूफान के कारण तमिलनाडु, पुडुचेरी, दक्षिणी आंध्र प्रदेश, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और केरल में किसानों के लिए मौसम विभाग ने सुझाव दिए हैं। विभाग ने कहा है कि चावल, कपास, गन्ना, हल्दी और सब्जियों के खेतों, नारियल और केले के बागों से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए पर्याप्त जल निकासी की व्यवस्था करें। गन्ने की फसल को सहारा देने की व्यवस्था करें। केले के पौधों को गिरने से बचाने के लिए उन्हें बाहर से सपोर्ट देने की बात कही गई है।
साथ ही मौसम विभाग ने कहा है कि पकी हुई फसलों को सुरक्षित जगहों पर रखने, बागवानी फसलों को बाहर से सहायता देने और सब्जियों को भी बाहर से सहारा देने की सलाह दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक तमिलनाडु के तिरुवरुर, थिरुथुराईपोंडी, मुथुपेट्टाई, मयिलादुथुराई और वेदारण्यम सहित कई हिस्सों में फसलें आंशिक रूप से और पूरी तरह से जलमग्न हो गई तथा किसानों के अनुमान के अनुसार कम से कम 2,000 एकड़ में लगी फसलें प्रभावित हुई हैं।
इसके अलावा नागपट्टिनम (वेदारण्यम) और विल्लुपुरम (मरक्कनमन) जिलों में नमक के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए।