मौसम विभाग ने कहा है कि तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और तूफानी हवाओं के कारण स्थानीय स्तर पर सड़कों में बाढ़ आ सकती है  
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आज ओडिशा तट को पार कर सकता है डीप डिप्रेशन, भारी बारिश व तूफानी हवाओं से नुकसान का अंदेशा

डीप डिप्रेशन के कारण आज, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी तथा कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है

Dayanidhi

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर बना डीप डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान आठ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से से धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।

यह आज, नौ सितंबर, 2024 को भारतीय समयानुसार 05:30 बजे उसी क्षेत्र में केंद्रित रहा। यह ओडिशा के पुरी से लगभग 70 किमी दक्षिण-पूर्व में, गोपालपुर से 140 किमी पूर्व में, पारादीप से 120 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में, चांदबली से 170 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में, आंध्र प्रदेश के कलिंगपट्टनम से 240 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व में और पश्चिम बंगाल के दीघा से 290 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में बना हुआ है।

इसके लगभग उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और आज, यानी नौ सितंबर की दोपहर तक पुरी के पास ओडिशा तट को पार करने के आसार हैं। इसके बाद अगले दो दिनों के दौरान इसके ओडिशा और छत्तीसगढ़ से होते हुए पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने का पूर्वानुमान है।

उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर बना डीप डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान आठ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से से धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।

डीप डिप्रेश के चलते भारी बारिश की आशंका

डीप डिप्रेशन के कारण आज, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी तथा कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है, वहीं 10 सितंबर को भी भारी बारिश के दौर के जारी रहने के आसार जताए गए हैं।

वहीं आज, यानी नौ सितंबर को ओडिशा के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं दक्षिण ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में अत्यंत भारी वर्षा होने की आशंका है।

10 सितंबर को भी ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश और 11 सितंबर को आंतरिक ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।

नौ और 10 सितंबर को छत्तीसगढ़ के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, तथा उत्तरी छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है, वहीं 10 सितंबर को उत्तरी छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के दौर के जारी रहने का अनुमान है।

डीप डिप्रेशन आज, नौ सितंबर, 2024 को भारतीय समयानुसार 05:30 बजे उसी क्षेत्र में केंद्रित रहा।

वहीं आज, तेलंगाना के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं, 10 सितंबर को भी भारी वर्षा हो सकती है।

नौ और 10 सितंबर को पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश तथा 12 सितंबर को कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है।

आज, झारखंड के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं 10 और 11 सितंबर के दौरान दक्षिणी झारखंड में भारी से बहुत भारी बारिश तथा 12 सितंबर को भी भारी बारिश होने की आशंका है।

वहीं आज, यानी नौ सितंबर को विदर्भ के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं। 10 सितंबर को विदर्भ के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है।

डिप्रेशन के कारण समुद्र में भारी हलचल

आज, नौ सितंबर की शाम तक उत्तर-पश्चिम और उससे सटे उत्तर-पूर्व और मध्य बंगाल की खाड़ी तथा आंध्र प्रदेश-ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों पर समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहेगी। मौसम विभाग ने कहा है कि 10 सितंबर को भी समुद्र की स्थिति खराब रहेगी। मौसम विभाग ने उसके बाद धीरे-धीरे इसमें सुधार होने की संभावना जताई है।

तूफानी गतिविधि के चलते मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी

आज, श्रीलंका तट, दक्षिणी आंध्र प्रदेश और अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं।

वहीं कल, मन्नार की खाड़ी, दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी के कई इलाकों तथा उत्तरी बंगाल की खाड़ी से सटे इलाकों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई हैं।

आज, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के पश्चिमी हिस्सों और पश्चिम-मध्य अरब सागर से सटे हिस्सों तथा सोमालिया तट के आसपास 45 से 55 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की दर तक पहुंचने के आसार हैं।

वहीं आज, बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य से लगे आंध्र प्रदेश-ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों पर 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने का पूर्वानुमान है।

मौसम विभाग ने उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

तूफानी गतिविधि के कारण फ्लैश फ्लड की आशंका

अगले 24 घंटों के दौरान मौसम विभाग ने तटीय आंध्र प्रदेश - पूर्वी गोदावरी और विशाखापत्तनम जिले में फ्लैश फ्लड आने का अंदेशा जताया है।

वहीं, छत्तीसगढ़ के बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, जांजगीर_चांपा, कांकेर, महासमुंद, नारायणपुर और सुकमा जिले भी फ्लैश फ्लड की चपेट में आ सकते हैं।

जबकि ओडिशा के अनुगुल, बलांगीर, बालेश्वर, बारागढ़, बौडा, भद्रक, कटक, देवगढ़, ढेंकनाल, गजपति, झारसुगुड़ा, कालाहांडी, कंधमाल, खोरधा, कोरापुट, मयूरभंज, नयागढ़, नुआपरहा, पुरी, रायगढ़, संबलपुर और सुबरनापुर जिलों में में फ्लैश फ्लड की आशंका जताई गई है।

तूफानी गतिविधि के कारण नुकसान होने के आसार

मौसम विभाग ने कहा है कि तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और तूफानी हवाओं के कारण स्थानीय स्तर पर सड़कों में बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में अंडरपास बंद हो सकते हैं। भारी बारिश के कारण दृश्यता में कमी आने की भी आशंका जताई गई है।

तूफानी हवाओं और भारी बारिश के कारण समुद्री इलाकों में दृश्यता में कमी। सड़कों पर जलभराव के कारण प्रमुख शहरों में यातायात बाधित होने से यात्रा में समय लग सकता है।

कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान होने के आसार हैं, कमजोर संरचना को नुकसान हो सकता है। स्थानीय स्तर पर भूस्खलन मिट्टी धंस सकती है। पानी भरने के कारण कुछ क्षेत्रों में बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है। निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है।

उत्तरी ओडिशा और उससे सटे पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में छोटे पेड़ों का उखड़ना और पेड़ों की शाखाएं टूटने के आसार जताए गए है, यहां केला, पपीता, मोरिंगा, बाग आदि को नुकसान पहुंच सकता है।

किसानों को तूफानी गतिविधि के चलते सतर्क रहने की सलाह

देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश के कारण तेलंगाना में धान, सोयाबीन, लाल चना, मक्का, कपास और हल्दी के खेतों से अतिरिक्त जमा पानी को निकालने की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। वहीं ओडिशा में धान, रागी, मक्का और मूंगफली के खेतों में जलभराव से बचने के लिए अतिरिक्त पानी निकालने का सुझाव दिया गया है।

वहीं, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में धान की रोपाई को फिलहाल टालने के लिए कहा गया है। बागवानी फसलों को तूफानी हवाओं से बचाने के लिए बाहरी तौर पर सहारा देने को कहा गया है और सब्जियों के पौधों के साथ भी ऐसा करने के लिए कहा गया है।