तूफानी गतिविधि के कारण आज तमिलनाडु और पुडुचेरी के कुछ इलाकों में तूफानी हवाओं के साथ भारी से बहुत भारी बारिश और कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है।  
आपदा

डीप डिप्रेशन के 'फेंगल' चक्रवात में बदलकर और खतरनाक होने के आसार

डीप डिप्रेशन के उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते रहने और 27 नवंबर यानी, आज 'फेंगल' नामक चक्रवाती तूफान में बदलकर और खतरनाक होने की आशंका जताई गई है।

Dayanidhi

मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना डीप डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ गया है। यह कल, 26 नवंबर को भारतीय समयानुसार 23:30 बजे उसी इलाके में बना रहा, जो त्रिंकोमाली से लगभग 190 किमी दक्षिण-पूर्व, नागपट्टिनम से 470 किमी दक्षिण-पूर्व, पुडुचेरी से 580 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व और चेन्नई से 670 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में है।

मौसम विभाग ने कहा है कि इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते रहने और 27 नवंबर यानी आज 'फेंगल' नामक चक्रवाती तूफान में बदलकर और खतरनाक होने की आशंका जताई है। इसके बाद, यह अगले दो दिनों के दौरान श्रीलंका तट को घेरते हुए तमिलनाडु तट की ओर उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा।

कराईकल में डॉपलर मौसम रडार के द्वारा तूफान पर नजर

तूफानी हवाओं के साथ भारी से भयंकर बारिश के आसार

तूफानी गतिविधि के कारण आज यानी 27 नवंबर को तमिलनाडु और पुडुचेरी के कुछ इलाकों में तूफानी हवाओं के साथ भारी से बहुत भारी बारिश और कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है। वहीं 28 नवंबर को भी इन राज्यों के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश और 29 नवंबर को कुछ इलाकों में भारी वर्षा होने के आसार हैं।

वहीं आज, यानी 27 नवंबर को आंध्र प्रदेश और रायलसीमा के कई इलाकों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया है। 28 और 29 नवंबर को इन राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। 27 और 28 नवंबर को केरल के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ हिस्सों में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं।

तूफानी गतिविधि को देखते हुए मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी

तूफानी गतिविधि के चलते समुद्र में उथल-पुथल जारी है, जिसके कारण आज, दक्षिण केरल तट, मन्नार की खाड़ी और कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण-पश्चिम के कई इलाकों और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के आसपास के हिस्सों, पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के अधिकतर हिस्सों, श्रीलंका, तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के तटों पर 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।

वहीं आज, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों, तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं।

मौसम विभाग ने कहा है कि आज, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तथा श्रीलंका के आसपास 55 से 65 किमी प्रति घंटे की दर चलने वाली भयंकर तूफानी हवाओं के और तेज होकर 75 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका जताई गई है।

मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

तूफान के कारण नुकसान होने के आसार

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, तमिलनाडु के तटीय इलाकों, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश में तूफान का भारी प्रभाव पड़ सकता है। मौसम विभाग ने कहा है कि सड़कों पर बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और शहरी इलाकों में अंडरपास में पानी भरने से ये बंद हो सकते हैं।

भारी बारिश के कारण दृश्यता में कमी आने के भी आसार हैं। सड़कों पर जलभराव के कारण शहरों में यातायात बाधित हो सकता है, जिससे यात्रा में लगने वाला समय बढ़ सकता है। कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान पहुंच सकता है। जलभराव के कारण कुछ क्षेत्रों में बागवानी और खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुंचने के आसार हैं।

किसानों को तूफान से फसलों को बचाने के लिए सतर्क रहने का सुझाव

चक्रवाती तूफान के कारण तमिलनाडु-पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों के किसानों के लिए मौसम विभाग ने सुझाव दिए हैं, विभाग ने कहा है कि चावल, कपास, गन्ना, हल्दी और सब्जियों के खेतों, नारियल और केले के बागों से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए पर्याप्त जल निकासी की व्यवस्था करें। गन्ने की फसल को सहारा देने की व्यवस्था करें। केले के पौधों को गिरने से बचाने के लिए उन्हें बाहर से सपोर्ट देने की बात कही गई है।

साथ ही मौसम विभाग ने कहा है कि पकी हुई फसलों को सुरक्षित जगहों पर रखने, बागवानी फसलों को बाहर से सहायता देने और सब्जियों को भी बाहर से सहारा देने की सलाह दी गई है।