आपदा

अगले 12 घंटों में और कमजोर पड़ेगा चक्रवाती तूफान यास

Dayanidhi

दक्षिण बिहार और उससे सटे झारखंड के ऊपर गंभीर चक्रवाती तूफान 'यास' का प्रभाव अभी भी जारी है। तूफान उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है, यह कमजोर होकर कम दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया है। आज, 28 मई, 2021 को 05:30 बजे के दौरान तूफान बिहार और आसपास के पूर्वी उत्तर प्रदेश में केंद्रित था। अगले 12 घंटों के दौरान इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और कम दबाव के क्षेत्र के चलते कमजोर होने का अनुमान है।

इसके प्रभाव में:

वर्षा की चेतावनी: अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में भयंकर बारिश होने की आशंका व्यक्त की गई है। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अलग-अलग जगहों पर भारी वर्षा का अनुमान है। 

मौसम विभाग के अनुसार, यास तूफान 27 मई की रात को दक्षिण झारखंड और उससे सटे राज्य ओडिशा के पास था। मौसम विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि झारखंड को अभी भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में राहत कार्य किया जा रहा है।

तूफान यास के कमजोर पड़ने के बाद भी उत्तर प्रदेश में इसका असर देखा जा रहा है। 28-29 मई को उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों के 20 से अधिक जिलों में भयंकर बारिश होने तथा कुछ जिलों में हल्की से भीषण बारिश होने के आसार हैं।

पश्चिमी विक्षोभ के चलते पश्चिमी हवाओं के चलने और सीमावर्ती इलाकों के निचले ट्रोपोस्फेरिक स्तरों में एक अन्य चक्रवाती प्रसार हो रहा है। जिसकी धुरी औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है। एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ पश्चिम अफगानिस्तान पर एक चक्रवाती प्रसार के रूप में स्थित है और समुद्र तल से औसतन 1.5 किमी और 3.1 किमी के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में बना हुआ है।

खतरनाक हवाएं चलने तथा मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी

आज, 28 मई को, दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम अरब सागर और दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी और कोमोरिन क्षेत्र, तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप तट 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने तथा इनके और तेज होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए जाने से बचें।

कल, 29 मई को, दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम मध्य और उत्तर-पश्चिम अरब सागर में 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली हवाओं के 60 किमी प्रति घंटे तक की दर तक पहुंचने के आसार है। गुजरात-महाराष्ट्र तट से दूर पूर्वोत्तर अरब सागर, मध्य और दक्षिण बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका तट पर मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी गई है।