आपदा

उड़ीसा के पुरी तट से टकराया फोनी, 175 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवाएं

Ashis Senapati, Vivek Mishra, Priya Ranjan Sahu

बेहद ताकतवर और पूर्व-मानसून चक्रवात फोनी उड़ीसा के तट से टकरा चुका है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक सुबह आठ बजे फोनी उड़ीसा के तटीय क्षेत्र को पार कर पुरी के करीब टकराया। वहीं सुबह 10 बजे फोनी चक्रवात के टकराने की प्रक्रिया पूरी हो गई। 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बेहद ताकतवर हवाएं चल रही हैं। कई पेड़ जड़ से टूट गए हैं। एजेंसियां जान-माल के नुकसान पर नजर टिकाए हुए हैं। 15 जिलों से करीब 11 लाख लोगों को बृहस्पितवार को तटों से हटाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।

वहीं, उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बृहस्पितवार की शाम को राहत-बचाव कार्य को लेकर उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की थी। उन्होंने बैठक के बाद आशवस्त किया था कि सूबा पूरी तरह फोनी चक्रवात से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों और बच्चों का विशेष ख्याल रखने की अपील भी की थी। पटनायटक ने अपने बयान में कहा कि हर एक जिंदगी उनके लिए महत्वपूर्ण है।

गंजम, पुरी, कटक, खुर्दा, जजपुर,  मयूरभंज, कंधाल, गजपति, नयागढ़, रायगढ़, कोरापुट से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाय गया है। 2.81 लाख लोग गंजम से वहीं, 1.30 लाख लोग पुरी और जाजपुर से निकालकर पहुंचाए गए हैं। करीब एक लाख लोग खुर्दा और कटक से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए गए हैं। 3008 शेल्टर घरों में लोगों को शिफ्ट किया गया है। इन शेल्टर में दवा-पानी, भोजन जैसी बुनियादी सुविधाएं पहले से की गई थीं। वहीं, भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर वायु सेवाएं मध्य रात्रि से रोक दी गई हैं।

फोनी के लिए सबसे पहले मौसम विभाग ने अपने अनुमान में कहा था कि वह तीन मई को शाम साढ़े पांच बजे पुरी के तट से टकराएगा। हालांकि, बाद में इस सूचना में बदलाव करते हुए मौसम विभाग ने बताया था कि फोनी तीन मई को सुबह आठ बजे से 10 बजे के बीच टकराएगा। वहीं, चक्रवात के तूफान की गति 170 से 180 और 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी हो सकती है। 

उड़ीसा के विशेष राहत कमिश्नर अधिकारी ने बताया कि राहत-बचाव काम के लिए करीब 20 टीमें उड़ीसा डिजास्टर रैपिट एक्शन फोर्स, 28 टीमें नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स, 525 टीमें अग्निशमन की तैनात हैं। 5.97 लाख पालीथीन शीट्स  और एक लाख फूड पैकेट कलिंगा स्टेडियम में प्रभावित लोगों के लिए तैयार किए गए थे।