आपदा

अंफान तूफान अपडेट: कहां पहुंचा चक्रवात, कोलकाता में 222 एमएम बारिश

बंगाल में 3 लाख 20 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है

Umesh Kumar Ray

21 मई 2020, सुबह 9 बजे: कोलकाता मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जीके दास ने बताया कि अंफान अभी बांग्लादेश में है और अब इससे पश्चिम बंगाल पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि नदिया, मुर्शिदाबाद और गंगा तटीय बंगाल में इससे मामूली बारिश होगी। अब इस चक्रवात से पश्चिम बंगाल को कोई खतरा नहीं है।

21 मई 2020, सुबह 6.30 बजे: मौसम विभाग के बुलेटिन के अनुसार चक्रवात सागरद्वीप से 300 किलोमीटर दूर और दीघा से 340 किलोमीटर दूर निकल गया है और बांग्लादेश के खेपुपारा की तरफ बढ़ रहा है। फिलहाल ये भारी निम्न दबाव में तब्दील हो गया है और आगे चलकर सामान्य निम्न दबाव में बदल जाएगा।

20 मई 2020, रात 8.30 बजे: मौसम विज्ञान विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, चक्रवात पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश देश के तटीय क्षेत्र को पार चुका है। 21 मई के शुरुआती घंटों में चक्रवात बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल सीमा पार कर लेगा।  

कोलकाता के अलीपुर वेदर स्टेशन में शाम 6.47 बजे हवा की रफ़्तार 114 किलोमीटर प्रतिघंटा रिकार्ड की गई जबकि दमदम वेदर स्टेशन में शाम 7.20 बजे हवा की रफ्तार 133 किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज हुई। अगले 6 घंटों तक कोलकाता वापस आसपास के इलाकों में 110 से 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा के साथ भारी बारिश का पूर्वानुमान है। 

मौसम विभाग के मुताबिक, कोलकाता में 20 मई को दोपहर ढाई बजे के 222 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है।

शाम: 5.30 बजे: चक्रवात सागरद्वीप से 15 किलोमीटर उत्तर पूर्व और कोलकाता से 80 किलोमीटर दूर दक्षिण में है। अगले एक घंटे में चक्रवात की आई (आंख) जमीन को छू जाएगी। कोलकाता में 105 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा बह रही है

दोपहर: 4:30 बजे: चक्रवात का मध्यम हिस्सा जिसे आई भी कहा जाता है, वह तक के करीब पहुंच चुका है। चक्रवात अभी सागरद्वीप बिल्कुल करीब है। चक्रवात के आई की चारों तरफ बादलों का जो चट्टान बना है उसका अगला हिस्सा भूखंड में प्रवेश कर चुका है। चक्रवात अपने पूर्व निर्धारित मार्ग पर ही है। अगले तीन घंटे तक हवा की रफ्तार 155 से 185 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी और इसके बाद कमज़ोर पड़ सकती है।

दोपहर 3:00 बजे: अंफान की लैंडफॉल की प्रक्रिया दोपहर 2.30 बजे से शुरू हो गई है और पूरी प्रक्रिया लगभग 4 घंटे तक चलेगी। भारतीय मौसमविज्ञान विभाग के कोलकाता केंद्र के डायरेक्टर जीसी दास ने डाउन टू अर्थ को बताया कि इस साइक्लोन के बादल का अगला हिस्सा बंगाल में प्रवेश कर चुका है।

दोपहर 2:00 बजे: तूफान दीघा से 105 किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व और सागर द्वीप से 90 किलोमीटर किलोमीटर दूर दक्षिण व दक्षिण-पूर्व में है।

दोपहर 12:30 बजे: दीघा से 95 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम और सागरद्वीप से 90 किलोमीटर पूरब पहुंचा अंफान। बंगाल में 3 लाख 20 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। हवा की रफ्तार काफी बढ़ गई है।

दोपहर 12.00 बजे: अंफान चक्रवाती तूफान सागरद्वीप और दीघा से 125 किलोमीटर दक्षिण की तरफ है। पारादीप में 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलनी शुरू। स्थानीय लोगों के मुताबिक सागर द्वीप आईलैंड में भी हवा की रफ्तार बढ़ी है।

सुबह 11.30 बजे: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, अभी अंफान तूफान पारादीप से 120 किलोमीटर पूरब और बंगाल के दीघा से 150 किलोमीटर दक्षिण व दक्षिण पूर्व की तरफ है। फिलहाल इसकी रफ्तार 165 से 190 किलोमीटर के बीच है।

सुबह 9 बजे: सुपर साइक्लोन में बदले अंफान चक्रवात के चलते 19 मई की शाम से पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में जोरदार बारिश हो रही है। दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना पूर्व मिदनापुर के समुद्र तटवर्ती इलाकों में तेज हवा के साथ लगातार जोरदार बारिश हो रही है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता से सटे इलाकों में भी 19 मई की रात तेज बारिश हुई है। ये सिलसिला 20 मई तक सुबह 9 बजे तक जारी रहा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि चक्रवात का प्रभाव इतना अधिक है कि समुद्र से तेज लहरे उठ रही हैं, जो गार्डवाल को पार कर जमीन तक पहुंच जा रही है।

इसी तरह ओडिशा के पारादीप में तड़के 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं और अब तक 144 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है।

चार दिन बाद पहले बंगाल की खाड़ी में ये चक्रवात बना था। शुरू में कहा जा रहा था कि ये भारी चक्रवात होगा, लेकिन धीरे-धीरे ये सुपर साइक्लोन में तब्दील हो गया। ये सुपर साइक्लोन बुधवार की दोपहर से शाम तक पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया के बीच सुंदरवन के करीब लैंडफाल करेगा। 

पश्चिम बंगाल के सुंदरवन विकास मंत्री मंटूराम पाखीरा ने डाउन टू अर्थ को बताया कि अभी तक सुंदरवन के 2,50,000 लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जा चुका है और दोपहर तक और भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा। 

उन्होंने कहा, “पिछले साल आए बुलबुल चक्रवात की तुलना में ये बहुत ही शक्तिशाली है। फिर भी हमारी कोशिश है कि किसी व्यक्ति की जान जाए, भले ही संपत्ति का जो नुकसान हो जाए। बुलबुल चक्रवात में लगभग 1 लाख 30 हजार कच्चे मकान ध्वस्त हो गए थे। मंटूराम पाखीरा ने कहा, “इस चक्रवात से 3 लाख से ज्यादा कच्चे मकान बर्बाद हो सकते हैं। हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दें।

भारतीय मौसमविज्ञान विभाग की तरफ से जारी बुलेटिन के अनुसार, सुपर साइक्लोन फिलहाल ओडिशा के पारादीप से 120 किलोमीटर और दीघा से 200 किलोमीटर दूर स्थित तथा अगले कुछ घंटों में ये बंगाल की खाड़ी के उत्तर उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ेगा। भारतीय मौसमविज्ञान विभाग ने इस सुपर साइक्लोन की रफ्तार 155 किलोमीटर से 185 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने का अनुमान लगाया है। बताया जा रहा है कि लैंडफाल की प्रक्रिया दोपहर से शुरू हो जाएगी।

सुपर साइक्लोन के चलते फिलहाल पारादीप में हवा की रफ्तार 102 किलोमीटर प्रतिघंटा, भुवनेश्वर में हवा की रफ्तार 37 किलोमीटर प्रतिघंटा और पुरी में 41 किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज की गई है। चक्रवात के चलते 19 मई की सुबह से अब तक ओडिशा के पारादीप में 208 मिलीमीटर बारिश, भुवनेश्वर में 46.5 मिलीमीटर बारिश और पुरी में 87 मिलीमीटर बारिश हुई है। मौसमविज्ञान विभाग ने कहा है कि दोपहर में ओडिशा के तटीय इलाकों में 100 से 125 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।