छत्तीसगढ़ के जिला दंतेवाड़ा की ग्राम पंचायत गुमियापाल के गांव आलनार में खनन को लीज पर देने के विरोध में आदिवासियों ने रैली निकाली।  
खनन

अपने पहाड़ को बचाने के लिए फिर एकजुट हुए आदिवासी, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

Mangal Kunjam

“तरल मेट्टा (पहाड़) से हमारा जीवन यापन चलता है और अगर कंपनी वहां खनन करेगी तो हमारी जमीन बर्बाद हो जाएगी। हमारे देवी देवता पहाड़ में विराजमान हैं,  इसलिए हम आगे तक लड़ाई लड़ेंगे और हम पहाड़ में कंपनी को माइनिंग नहीं करने देंगे।” यह कहते हुए नंदा रैली में शामिल आदिवासियों के साथ आगे बढ़ जाते हैं। 

नंदा छत्तीसगढ़ के जिला दंतेवाड़ा की ग्राम पंचायत गुमियापाल के गांव आलनार के निवासी हैं। इसी गांव में खनन की इजाजत देने से नंदा और आसपास के आदिवासी नाराज हैं। आदिवासियों ने एक रैली निकाल कर उपमंडल अधिकारी (एसडीएम) के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे एक ज्ञापन में लीज रद्द करने की मांग की है। 

ज्ञापन में आदिवासियों ने कहा है कि गांव आलनार के तर्रल मेट्टा (पहाड़ ) की लीज रायपुर की कंपनी आरती स्पंज को दी गई है। आरोप है कि 2014 में फर्जी ग्राम सभा कर यह लीज आवंटित की गई है। 

ज्ञापन के मुताबिक साल 2017 में जब कंपनी के अधिकारी गांव आए, तब ग्रामीणों की जानकारी में यह मामला आया। इसके बाद 5 मई 2017 को एक विशेष ग्राम सभा आयोजित कर ग्रामीणों ने प्लीज निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया और बड़े बचेली क्षेत्र के तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन भी सौंपा। 

इसके बावजूद भी अब अचानक कंपनी के लोगों के द्वारा फिर से काम शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।

ज्ञापन में कहा गया है कि पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 (पेसा कानून) एवं 8 अगस्त 2022 को छत्तीसगढ़ पेसा नियम के तहत ग्राम सभा को अपने ग्राम में सुशासन और नियंत्रण का अधिकार है।

इसके बावजूद भी दिनांक 1 जून 2024 को आरती स्पंज कंपनी के पेटी कॉन्ट्रेक्टर देव माइनिंग कंपनी के कर्मचारी पुलिस बल के साथ आरती स्पंज कम्पनी को दी गई रकबा 31.55 एक्टर खसरा 416,417 एवं 418 में सीमांकन करने के लिए आ गए। हालांकि ग्रामीणों ने सीमांकन करने नहीं दिया।

 रैली में शामिल सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक बल्लू भवानी ने बताया कि बस्तर क्षेत्र खनिज संपदा से परिपूर्ण है इसे लूटने के लिए सरकार लागतार फर्जी ग्राम सभा कर उद्योगपतियों के नाम पर जमीनों को लूटने की कोशिश कर रही है। 

आरती स्पंज को भी फर्जी ग्राम सभा कर माइनिंग की लीज दी गई। जिसका हम विरोध कर रहे हैं। क्षेत्रवासी लगातार विरोध करते आ रहे हैं। 

इसके पहले भी डिपॉजिट 13 में हिरोली पंचायत की फर्जी ग्राम सभा कर छत्तीसगढ़ मिनिरल डेवलपमेंट और एनएमडीसी कंपनी के द्वारा लीज लिया गया था और अदानी कंपनी को माइनिंग के लिए दिया जा रहा था, जिसका क्षेत्रवासियों ने विरोध किया।

इसके बाद राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को जांच के आदेश दिए और  ग्राम सभा की जांच करवाई। जांच में ग्राम सभा फर्जी निकली, लेकिन आज तक आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई औ ना ही वहां की लीज निरस्त की गई है। 

रैली का समर्थन संयुक्त पंचायत जन संघर्ष समिति के लोगों ने भी किया। विकासखंड कुआकोंडा सरपंच संघ के अध्यक्ष भीमा मंडावी ने बताया कि हम सभी जनप्रतिनिधि आलनार के लोगों के साथ है और जब भी बड़े आंदोलन की जरूरत हो हम साथ देने को तैयार हैं।

आदिवासी हाथ में तख्ती लिए थे, जिन पर लिखा था- “जल जंगल जमीन हमारा है”, “ना लोकसभा_ना विधानसभा, सबसे ऊंची ग्राम सभा”, बंदूक की नोंक पर जमीन हथियाना बंद करो”! 

रैली में सर्वआदिवासी समाज के सचिव धीरज राणा, सरपंच टीकनपाल देव सिंह ताती, गुमियापाल सरपंच रीवा मीडियामी, कुटेर सरपंच हिड़मा कर्मा, तनेली सरपंच विमला, जनपद सदस्य राजू भास्कर आदि शामिल थे।