अवैध खनन का कारोबार; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
खनन

सोन नदी में चल रहा अवैध खनन का कारोबार, एनजीटी ने समिति को दिए जांच के आदेश

सासाराम निवासी रंजन सिंह ने एनजीटी में आवेदन दायर किया था जिसमें उन्होंने सोन नदी पर हो रहे अवैध बालू खनन की शिकायत की थी

Susan Chacko, Lalit Maurya

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अवैध रेत खनन के आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त समिति के गठन के निर्देश दिए हैं। मामला बिहार में सोन नदी में चल रहे अवैध रेत खनन के कारोबार से जुड़ा है।

चार नवंबर, 2024 को दिए आदेश के मुताबिक इस समिति में रोहतास के जिला मजिस्ट्रेट, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल होंगें। अदालत ने इस मामले पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी आदेश दिए हैं।

कोर्ट के निर्देशानुसार यह समिति सम्बंधित क्षेत्र का दौरा करेगी, जानकारी जुटाएगी और छह सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत करेगी। इस मामले में अगली सुनवाई 23 दिसंबर, 2024 को होगी।

गौरतलब है कि इस मामले में रोहतास जिले के सासाराम निवासी रंजन सिंह ने एनजीटी में आवेदन दायर किया था। इस आवेदन में उन्होंने सोन नदी पर अवैध बालू खनन की शिकायत की थी।

आरोप है कि खननकर्ता नासरीगंज से तिलाथु तक अवैध रूप से बांध (बंध) बना रहे हैं। इसकी वजह से नदी का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हो गया है। यह भी आरोप है कि इस अवैध गतिविधि के चलते नदी में रहने वाले पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं को भी नुकसान हो रहा है।

वसिष्ठ नदी के आसपास डंप किए जा रहे कचरे की जांच के लिए समिति गठित, नरसापुर नगरपालिका पर लगे हैं आरोप

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चार नवंबर, 2024 को कचरा डंपिंग से जुड़ी शिकायत की जांच के लिए एक संयुक्त समिति के गठन के आदेश दिए हैं। मामला नरसापुर नगरपालिका द्वारा वसिष्ठ नदी और उसके बाढ़ तटबंध पर कचरा फेंकने से जुड़ा है।

समिति में पश्चिम गोदावरी के जिला मजिस्ट्रेट, आंध्र प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एससीजेडएमए) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अधिकारी शामिल होंगे।

समिति को साइट का दौरा करने के साथ-साथ प्रासंगिक जानकारी एकत्र करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही यह समिति अगले दो महीनों के भीतर चेन्नई में एनजीटी की दक्षिणी बेंच के रजिस्ट्रार के समक्ष एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

गौरतलब है कि इस मामले में आंध्र प्रदेश में पश्चिमी गोदावरी के नरसापुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र फणीकर ओसुरी की ओर से 18 दिसंबर, 2023 को एक पत्र याचिका दायर की गई थी। याचिका में दावा किया गया है कि नरसापुर नगर पालिका कई वर्षों से वसिष्ठ नदी और उसके बाढ़ तट पर कचरा डंप कर रही है। इस तरह नगर पालिका न केवल तटीय क्षेत्रों के लिए बनाए नियमों का उल्लंघन कर रही है। साथ ही 2016 के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का भी पालन नहीं कर रही है।

अदालत को जानकारी दी गई है कि शिकायतकर्ता ने सीपीसीबी से संपर्क किया था। इसके बाद सीपीसीबी द्वारा 29 सितंबर, 2023 को आंध्र प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एपीएसपीसीबी) के सदस्य सचिव को एक पत्र भेजकर उन्हें 2016 के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के आधार पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, इस मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई और स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।