नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की पूर्वी बेंच ने 27 मार्च, 2025 को बिहार के राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) से उसका जवाब मांगा है। एसईआईएए से बांका जिले में चीर नदी पर रेत खनन के लिए दी गई पर्यावरणीय मंजूरी के बारे में जानकारी देने को कहा गया है।
इस मामले में खननकर्ता सहित अन्य प्रतिवादियों को भी अपने जवाबी हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि अपीलकर्ता रास मोहन ठाकुर ने 17 जनवरी, 2025 को दी गई इस पर्यावरण मंजूरी को चुनौती दी है। बिहार के एसईआईएए ने बांका जिले में चीर नदी पर संदीप चांडक की रेत खनन परियोजना के लिए यह मंजूरी दी थी। यह परियोजना रेत ब्लॉक 3, 4 और 5 के लिए दी गई है, जो 67 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करती है।
अपीलकर्ता ने तर्क दिया है कि 2006 की ईआईए अधिसूचना कई रेत खनन ब्लॉकों के लिए एक ही पर्यावरण मंजूरी (ईसी) की अनुमति नहीं देती है। प्रत्येक ब्लॉक, यहां तक कि भले ही वो एक क्लस्टर का हिस्सा हो, उनके लिए अलग पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता होती है। ऐसे में तीन अलग-अलग स्वतंत्र रेत ब्लॉकों के लिए एक ईसी देना उचित नहीं है और यह पूरी तरह से अवैध और अनुचित है।
अपीलकर्ता का दावा है कि तीनों रेत ब्लॉक एक क्लस्टर में नहीं आते हैं, क्योंकि वे एक दूसरे से 500 मीटर से ज्यादा दूरी पर हैं। बांका की जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि क्लस्टर में कोई खदान नहीं है। साथ ही, खनिक संदीप चांडक के लिए संदर्भ की शर्तें (टीओआर) और उनके पक्ष में दिए गए ईआईए अध्ययन में उन्हें एक समूह के रूप में उल्लेख नहीं किया गया है।
पटना: कचरा निपटान में लगे गड़बड़ी के आरोप, एनजीटी ने जांच के दिए निर्देश
27 मार्च, 2025 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) से पटना में कचरे की समस्या की जांच करने को कहा है। आरोप है कि पटना में नगर परिषद दानापुर निजामत कचरे का उचित प्रबंधन नहीं कर रही है। मामला बिहार के पटना का है।
ट्रिब्यूनल ने एसपीसीबी से साइट पर जाकर यह जांच करने का निर्देश दिया है कि क्या कचरे का उचित प्रबंधन किया जा रहा है। बोर्ड से साइटिंग मानदंडों, कचरा निपटान मानकों और क्षेत्र की स्थिति के बारे में भी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
मामले में शामिल अन्य प्रतिवादियों से भी अदालत ने अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। अदालत ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी विकास विभाग, नगर परिषद दानापुर निजामत और पटना के जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले में अगली सुनवाई दो जुलाई, 2025 को होगी।
आवेदक सत्यानंद रे का आरोप है कि नगर परिषद दानापुर निजामत उनके घर के पास कचरा डंप कर रही है। उन्होंने रिहायशी इलाके में कूड़ा फेंकने के लिए एक सीमा बना दी है। कचरे के इस तरह अनुचित निपटान से प्रदूषण फैल रहा है, जिसकी वजह से लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।
इस मामले में आवेदक ने कुछ तस्वीरें भी प्रस्तुत की हैं जो कचरे का उचित प्रबंधन न होने के साथ, इसके निपटान के कारण क्षेत्र की खराब और दयनीय स्थिति को दर्शाती हैं।