इस दिन का मुख्य लक्ष्य मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करने और बीमारियों के खतरों को रोकने के लिए मिलकर काम करना है।  फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स
स्वास्थ्य

विश्व मच्छर दिवस: 80 देशों में इस साल डेंगू के एक करोड़ 10 लाख मामले सामने आए

Dayanidhi

दुनिया भर में हर साल 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें इस बात की याद दिलाता है कि दुनिया भर के घरों में अक्सर पाए जाने वाले कीटों से फैलने वाली घातक बीमारियों से लोगों को और खुद को बचाना कितना जरूरी है।

मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस और वेस्ट नाइल जैसी संक्रामक बीमारियां मच्छरों से फैलती हैं। हर साल, ये बीमारियां दुनिया भर में लाखों लोगों के स्वास्थ्य पर असर डालती हैं और यहां तक की उनकी जान भी ले लेती हैं।

यह दिन 1897 में सर रोनाल्ड रॉस द्वारा की गई खोज का सम्मान करने का है, इस खोज में कहा गया था कि एनोफिलीज मच्छर से मलेरिया फैलता है, जो लोगों को संक्रमित करता है। 1930 के दशक से, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन एक वार्षिक समारोह के साथ ब्रिटिश चिकित्सक के योगदान को याद करता आ रहा है।

डॉ रॉस ने इस दिन को 'मच्छर दिवस' नाम दिया। यह पहली बार था जब किसी चिकित्सा पेशेवर ने मलेरिया को मच्छर से जोड़ा। इस खोज ने बीमारी की रोकथाम और उपचार योजना के विकास में सहायता की।

विश्व मच्छर कार्यक्रम की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, साल 2024 डेंगू के मामलों के लिए सबसे खराब साल है क्योंकि 80 देशों में अबतक 1.1 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं।

दुनिया भर में सबसे तेजी से फैलने वाली मच्छर जनित बीमारी में कमी आने का कोई संकेत नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि पहले से ही 24,000 से अधिक गंभीर मामले सामने आ चुके हैं और दुनिया भर में 6,500 से अधिक डेंगू से संबंधित मौतें हुई हैं।

भारत में मच्छरों का प्रभाव देखें तो, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो सालों में भारत में डेंगू, चिकनगुनिया, लिम्फैटिक फाइलेरिया (एलिफेंटिएसिस, हाथीपांव) और लीशमनियासिस (कालाजार) जैसी प्रमुख वेक्टर जनित बीमारियों में कमी आई है।

भारत में सभी वेक्टर जनित बीमारियों में से डेंगू तेजी से उभर रहा है और इसका प्रकोप सबसे ज्यादा है। साल 2022 में 2.33 लाख पॉजिटिव मामले और 303 मौतें दर्ज की गई, जबकि 2023 में डेंगू के कारण 2.89 लाख मामले और 485 मौतें हुई।

भारत में हाल के वर्षों में कुल मामलों में शहरी क्षेत्रों में इस तरह की बीमारियां 55 से 58 फीसदी तक हुई हैं। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2023 में यह संख्या बढ़कर लगभग 68 फीसदी तक पहुंच गई।

साल 2024 के विश्व मच्छर दिवस की थीम "अधिक न्यायसंगत दुनिया में मलेरिया के खिलाफ मुकाबले को तेज करना" है। इस साल की थीम में मलेरिया के उपचार, निदान और रोकथाम तक पहुंच में अंतर को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि समय पर जांच और उपचार से समस्याओं को टाला जा सकता है और अनगिनत लोगों की जान बचाई जा सकती है।

विश्व मच्छर दिवस का उद्देश्य मलेरिया, पीला बुखार, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी अलग-अलग तरह की बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है जो मच्छरों से फैल सकती हैं। यह दिन मच्छरों द्वारा फैलने वाली बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में समाज सेवा प्रदाताओं, चिकित्सा पेशेवरों और अन्य लोगों द्वारा किए गए योगदान का भी सम्मान करता है।

इस दिन का मुख्य लक्ष्य मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करने और बीमारियों के खतरों को रोकने के लिए मिलकर काम करना है। कई संगठन धन भी जुटाते हैं और टीकाकरण और इनको मारने वाली दवाओं का छिड़काव करते हैं जिससे बीमारियों को नियंत्रित करने के उपायों को बढ़ावा मिलता है।