स्वास्थ्य

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 2024 : दुनिया भर में आधे से अधिक लोग इस बात से अनजान हैं कि उन्हें हाई बीपी है

इस साल की थीम "अपने रक्तचाप को सटीकता से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें" है।

Dayanidhi

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस हर साल 17 मई को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम "अपने रक्तचाप को सटीकता से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें" है।

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में मृत्यु के एक प्रमुख कारण उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) के बारे में जागरूकता बढ़ाना, विशेष रूप से निम्न-से-मध्यम आय वाले क्षेत्रों में। रक्तचाप माप विधियों में सटीकता को बढ़ावा देना, जनता को उच्च रक्तचाप और इसकी गंभीर चिकित्सीय जटिलताओं के महत्व के बारे में बताना। उच्च रक्तचाप की रोकथाम, पहचान और प्रबंधन पर जानकारी प्रदान करना है।

कब होता है उच्च रक्तचाप (हाई बीपी)?
उच्च रक्तचाप तब होता है जब धमनी की दीवारों पर रक्तचाप सामान्य सीमा से अधिक हो जाता है। खराब जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक गतिविधि की कमी उच्च रक्तचाप के शुरुआती कारणों में से हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, बढ़ा हुआ रक्तचाप (हाई बीपी) स्वास्थ्य लिए सबसे खतरनाक है, इसके कारण हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की समस्या, विकलांगता और शीघ्र मृत्यु तक हो सकती है। 1990-2019 के बीच उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है, जो 65 करोड़ से 1.3 अरब हो गई है।

दुनिया भर में वयस्कों में उच्च रक्तचाप 2019 में महिलाओं में 32 फीसदी और पुरुषों में 34 फीसदी था। उच्च रक्तचाप की वजह से होने वाली बीमारियों के कारण हर साल लगभग 1.08 करोड़ लोगों की मृत्यु होती है, जिन्हें टाला जा सकता था। उच्च रक्तचाप के मरीजों और उनके परिवारों, स्वास्थ्य प्रणालियों और  अर्थव्यवस्थाओं पर भारी आर्थिक लागत पड़ती है।

डब्ल्यूएचओ ने साल 2019 में अनुमान लगाया था कि 30-79 वर्ष की आयु के 38 फीसदी वयस्कों को उच्च रक्तचाप प्रभावित करता है, यानी इन लोगों की  संख्या 10.4 करोड़ से अधिक थी। चौंकाने वाली बात यह है कि उनमें से आधे से अधिक, यानी 51 फीसदी इस बात से अनजान थे की उन्हें हाई बीपी है और कुल 60 फीसदी से अधिक लोगों को इलाज नहीं मिल रहा था। कुल संख्या में से केवल 16 फीसदी की स्थिति नियंत्रण में पाई गई थी।

विश्व उच्च रक्तचाप लीग (डब्ल्यूएचएल), 85 राष्ट्रीय उच्च रक्तचाप सोसाइटी और लीगों के एक संगठन ने इस दिन को नाम दिया और इसे शुरू किया। उच्च रक्तचाप को सिस्टोलिक रक्तचाप के रूप में परिभाषित किया गया है जो लगातार 140 मिमी एचजी से अधिक है और डायस्टोलिक रक्तचाप जो लगातार 90 मिमी एचजी से अधिक होता है।

विश्व उच्च रक्तचाप लीग (डब्ल्यूएचएल) ने उच्च रक्तचाप के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के प्रयास में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की स्थापना की। विश्व उच्च रक्तचाप लीग ने 14 मई, 2005 को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस को प्रायोजित किया था। 2006 से 17 मई को हर साल विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के रूप में मान्यता दी गई है।