संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में दुनिया भर में लगभग 20,000 बच्चों की पहचान वैश्विक स्तर पर तस्करी के शिकार के रूप में की गई थी। फोटो साभार:
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मानव तस्करी के खिलाफ आज पूरी दुनिया में मनाया जाएगा यह दिवस, जानें इतिहास व थीम

Dayanidhi

दुनिया भर में मानव तस्करी के खिलाफ अभियान के रूप में, हर साल 30 जुलाई को मानव तस्करी के खिलाफ विश्व दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ड्रग्स और अपराध (यूएनओडीसी) द्वारा मानव तस्करी की वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, तस्करी के दौरान बच्चों को हिंसा का सामना करने के आसार वयस्कों की तुलना में दो गुणा हैं। इस दिन, दुनिया भर के लोग एक-दूसरे का समर्थन करने और मानव तस्करी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एकत्रित होते हैं।

आखिर बाल तस्करी है क्या?

बाल तस्करी में बच्चों का विभिन्न तरीकों से शोषण किया जाता है। यह एक गंभीर अपराध है और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध (यूएनओडीसी) के मुताबिक, दुनिया के हर देश में हर दिन मानव तस्कर अपने फायदे के लिए लोगों का शोषण करते हैं। खतरे में सबसे ज्यादा गरीब और कमजोर लोग होते हैं। पकड़े गए तस्करी के शिकार लोगों में से 70 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं और लड़कियां हैं, जबकि लगभग एक तिहाई बच्चे हैं।

दुनिया भर में तस्करी के अपराधों के लिए दोष सिद्ध न हो पाने की संख्या में 2020 में पिछले वर्ष की तुलना में 27 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।

इस साल की थीम, "मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में किसी भी बच्चे को पीछे न छोड़ें", बच्चों की सुरक्षा के लिए समावेशी और केंद्रित प्रयासों पर प्रकाश डालता है। इनमें जोखिमों और कमजोरियों से निपटने मानव तस्करी के खिलाफ बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करना शामिल है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2013 में मानव तस्करी के खिलाफ विश्व दिवस की स्थापना की थी। यह कदम मानव तस्करी से निपटने के लिए दुनिया भर में कार्य योजना के एक हिस्से के रूप में उठाया गया था, जिसे 2010 में अपनाया गया था। इसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के व्यापक विकास और सुरक्षा एजेंडे में मानव तस्करी के खिलाफ लड़ना था।

जागरूकता बढ़ाने, दुनिया भर में कार्रवाई करने और मानव तस्करी के पीड़ितों का समर्थन करने के तरीके के रूप में इस दिन को मनाए जाने के 11 साल से अधिक समय हो चूका है। दुनिया भर के लोग पीड़ितों की मदद करने, उनकी समस्या को पहचानने और तस्करी को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए एक साथ आते हैं।

कमजोर बच्चों को कई तरह के शोषण का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें यौन शोषण, जबरन मजदूरी, भीख मांगना और छोटे-मोटे अपराध, सशस्त्र संघर्ष में बच्चे, बाल विवाह और अवैध तरीके से गोद लेना शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में दुनिया भर में लगभग 20,000 बच्चों की पहचान वैश्विक स्तर पर तस्करी के शिकार के रूप में की गई थी।

ग्लोबल रिपोर्ट ऑफ ट्रैफिकिंग इन पर्सन्स, 2022 के अनुसार, 2019 की तुलना में पीड़ितों की संख्या में 11 प्रतिशत की कमी आई, जो मुख्य रूप से कम और मध्यम आय वाले देशों में है। पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 59 प्रतिशत की कमी आई है, इसके बाद उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व में 40 प्रतिशत की कमी आई है, मध्य अमेरिका और कैरिबियन में 36 प्रतिशत की कमी आई है, दक्षिण अमेरिका में 32 प्रतिशत की कमी आई है और उप-सहारा अफ्रीका में 12 प्रतिशत की कमी आई है।