इनडोर रेसिडुअल स्प्रेइंग (आईआरएस) या घरों के अंदर कीटनाशकों के छिड़काव को लेकर डब्ल्यूएचओ ने नया मैनुअल या मार्गदर्शिका जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की 80 फीसदी आबादी को एक या उससे अधिक वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा है।
मच्छर, मक्खियां, कीड़े और अन्य वायरस, परजीवी और बैक्टीरिया फैलाते हैं जो दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित करते हैं। इनकी वजह से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, पीला बुखार, जीका वायरस रोग, लीशमनियासिस और चगास रोग जैसी घातक बीमारियां होती हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, वेक्टर-जनित बीमारियां गरीबी के कारण भी पनपती हैं और गरीब आबादी में मृत्यु दर अक्सर बहुत अधिक होती है। जो बच जाते हैं वे स्थायी रूप से अक्षम या विकृत हो सकते हैं, जिससे उनको अधिक नुकसान हो सकता है। कुल मिलाकर, ये बीमारियां अर्थव्यवस्थाओं पर भारी असर डालती हैं और ग्रामीण और शहरी विकास दोनों को रोकने का काम करती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मलेरिया को रोकने के लिए, डब्ल्यूएचओ बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए दो वेक्टर नियंत्रण तरीकों की सिफारिश करता है, पहला कीटनाशक-उपचारित जाल और दूसरा घर के अंदर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना, इसे इनडोर रेसिडुअल स्प्रेइंग (आईआरएस) भी कहा जाता है।
आईआरएस के लिए, घरों और अन्य इमारतों के अंदर कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है जहां रोग फैलाने वाले कीड़ों के आराम करने की संभावना होती है। मलेरिया फैलाने वाले एनोफ़ेलीज मच्छरों को मारने के लिए आईआरएस का भारी मात्रा में उपयोग किया जाता है, लेकिन यह अन्य बीमारियों को फैलाने वाले कीड़ों को भी मार सकता है।
रिपोर्ट के हवाले से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) वैश्विक मलेरिया कार्यक्रम में वेक्टर नियंत्रण और कीटनाशक प्रतिरोध इकाई के प्रमुख डॉ. जान कोलाज़िंस्की ने कहा, पहले मलेरिया की रोकथाम और नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ का मार्गदर्शन एनोफिलिस मच्छरों के खिलाफ आईआरएस तक सीमित था।
रोग नियंत्रित करने को लेकर आईआरएस कई बीमारियों पर लगाम लगा सकता है, इस अपडेट में मलेरिया के साथ-साथ अन्य वेक्टर-जनित बीमारियों को भी शामिल किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नया मैनुअल या मार्गदर्शिका वैश्विक वेक्टर नियंत्रण प्रक्रिया 2017-2030 के अनुरूप है, जो एक डब्ल्यूएचओ की रणनीति है, जिसका उद्देश्य अन्य उपायों के साथ-साथ क्षेत्रों और बीमारियों में एक साथ कार्रवाई के माध्यम से दुनिया भर में वेक्टर नियंत्रण को मजबूत करना है।
जैसा कि घरों के अंदर कीटनाशक के छिड़काव करने संबंधी नए मैनुअल में बताया गया है, सफल आईआरएस अभियानों के लिए समर्पित लोग, वित्तीय संसाधनों के साथ उच्च स्तर की राजनीतिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है।
यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य प्रणाली क्षमता आवश्यक है कि स्प्रे का उपयोग समय पर, अच्छी गुणवत्ता का और पर्याप्त रूप से हो। सामुदायिक नेतृत्व की भागीदारी और स्थानीय निवासियों द्वारा स्प्रे करने की स्वीकृति भी इसकी सफलता के लिए अहम है।
छिड़काव करने के नियम वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम प्रबंधक और कर्मचारी के साथ-साथ राष्ट्रीय, उप-राष्ट्रीय या स्थानीय स्तर पर कार्यान्वयन या निजी क्षेत्र के भागीदार शामिल हैं जो वेक्टर नियंत्रण संचालन के डिजाइन, योजना या कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, नया मैनुअल मलेरिया के लिए डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों का एक दस्तावेज है। यह लीशमनियासिस वेक्टर नियंत्रण, निगरानी और मूल्यांकन पर आधारित नियम, एडीज एजिप्टी नियंत्रण के लिए शहरी क्षेत्रों में घरों के अंदर कीटनाशकों के छिड़काव के लिए पीएएचओ मैनुअल और डब्ल्यूएचओ के दस्तावेजों पर आधारित है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कीटनाशकों के छिड़काव के नए नियम वेक्टर-जनित बीमारियों के फैलने को रोकने के लिए स्थानीय रूप से उच्च गुणवत्ता, प्रभावी और सुरक्षित छिड़काव का समर्थन करेगा।