स्वास्थ्य

कोरोना का आईएचयू वेरिएंट पहली बार कब और कहां फैला, कितना खतरनाक है? यहां जानें

Dayanidhi

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक कोरोना का आईएचयू वेरिएंट अभी तक सिर्फ फ्रांस में मिला है और यह किसी अन्य देश में नहीं पाया गया है। यह पहली बार नवंबर के मध्य में खोजा गया था, जो कि अफ्रीका में कैमरून जाने वाले यात्री से जुड़ा हुआ है।

डब्ल्यूएचओ कई प्रकार के वेरिएंट की निगरानी करता है और उनके जोखिम कारकों का आकलन करता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा आईएचयू को अब तक 'वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग' के रूप में भी नहीं लिया है क्योंकि इसके मामले केवल फ्रांस तक सीमित हैं। हालांकि, नवंबर 2021 में डब्ल्यूएचओ ने वैरिएंट बी.1.640 को 'वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग' के तहत रखे जाने की घोषणा की थी।

कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के फैलने के बीच, फ्रांस में पाए गए इस नए वेरिएंट की खोज ने दुनिया भर के विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। इस वेरिएंट को आईएचयू नाम दिया गया है, इस वेरिएंट की एक नई लहर आने की आशंका जताई गई है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार आईएचयू वेरिएंट के आनुवंशिक कोड में 46 म्युटेशन या बदलाव और 37 विलोपन देखे गए हैं, जो ओमिक्रॉन से अधिक है। इनमें से कई स्पाइक प्रोटीन पर असर डालते हैं।

कैसे पड़ा आईएचयू नाम?

वेरिएंट बी.1.640 का एक उप-जाति है और इस नए वेरिएंट की खोज की घोषणा वैज्ञानिक डिडिएर राउल की अगुवाई में फ्रांस के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट्स (आईएचयू) के मेडिटेरेनी इंफेक्शन इन मार्सिले के शोधकर्ताओं ने की है, इसलिए इसका नाम आईएचयू रखा गया। इसे बी.1.640.2 के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

आईएचयू को मूल रूप से कब खोजा गया था?

फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईएचयू वेरिएंट के पहले मामले के बारे में नवंबर 2021 के मध्य में ही पता चल गया था। यह ओमिक्रॉन की आधिकारिक खोज यानी 24 नवंबर 2021 से पहले का है।

यह नया वेरिएंट फ्रांस के एक व्यक्ति में पाया गया जो अफ्रीका के कैमरून से लौटा था, यहां बताते चलें कि यह वहीं महाद्वीप है जहां ओमिक्रॉन भी खोजा गया था। इस व्यक्ति को सांस संबंधी परेशानी हुई, जिसके चलते उनका कोविड-19 का परीक्षण किया गया। परीक्षण में नमूना बी.1.640.2 वेरिएंट के लिए पॉजिटिव पाया गया। उसके बाद दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस के इसी इलाके से 11 और मामले सामने आए।

क्या है बी.1.640 का वंश?

कोरोना के आईएचयू वेरिएंट का वंश नया नहीं है। कोविड-19 महामारी विज्ञान के ओपन-सोर्स जीनोम सीक्वेंसिंग डेटाबेस के जरिए अलग-अलग वेरिएंट्स के फैलने का पता लगाने वाली वेबसाइट के अनुसार बी.1.640 का पहली बार 1 जनवरी, 2021 को पता चला था। इसमें कहा गया है कि इस वंश से जुड़े 400 संक्रमणों की अब तक पहचान की जा चुकी है।  

क्या आईएचयू वेरिएंट अधिक तेजी से फैल रहा है?

फ्रांस में अब तक एक दर्जन मामले ही सामने आए हैं। किसी अन्य देश में नए वेरिएंट के किसी भी नए मामले का पता नहीं लगा है। यह स्पष्ट नहीं है कि बी.1.640.2 अधिक मजबूत है या कोरोना वायरस के अन्य ज्ञात उपभेदों की तुलना में तेजी से फैलता है।

यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अभी तक इस आईएचयू वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट, वेरिएंट ऑफ कंसर्न या यहां तक कि जांच के तहत वैरिएंट में भी नहीं माना है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि ओमिक्रॉन जो खतरनाक दर से फैल रहा है, आईएचयू की तुलना में अधिक चिंता का विषय है।

मेड्रक्सिव में प्रकाशित एक प्री-प्रिंट पेपर में कहा गया है कि आईएचयू वेरिएंट की वायरोलॉजिकल, महामारी विज्ञान या नैदानिक विशेषताओं पर अटकलें लगाना अभी जल्दबाजी होगी।