कोरोना की तीसरी लहर के बढ़ते ख़तरों के बीच एक ओर जहां चुनाव आयोग ने चुनावी सभाओं पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, वहीं उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में माघ मेला की शुरुआत हो चुकी है। संगम परिसर में 14 और 15 जनवरी को मकरसंक्रांति के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है। जबकि हजारों कल्पवासी एक महीना संगम क्षेत्र में प्रवास पर रहेंगे।
जिले में एसपी सिटी, दो जूनियर डॉक्टर और पचास से अधिक पुलिस कर्मियों के संक्रमित होने के साथ प्रयागराज में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 1952 पर पहुंच चुकी है। पांच दिन पहले 9 जनवरी 2022 को 137, 10 जनवरी को 220, 11 जनवरी को 273, 12 जनवरी को 379 और कल यानी 13 जनवरी को 416 नए संक्रमित मिले।
मेला परिसर में पहले 51 संक्रमित मरीज मिले थे, 13 जनवरी को 18 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले। जिसके बाद माघ मेला में संक्रमित मिले मरीजों का आंकड़ा 69 तक पहुंच गया। 13 जनवरी को जिले में कुल 9330 लोगों की जांच की गई जिसमें 416 नए संक्रमित मिले। इसमें स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के दो जूनियर डाक्टर भी शामिल हैं।
माघ मेला की सुरक्षा व्यवस्था में दो एडिशनल एसपी, आठ डिप्टी एसपी, 15 इंस्पेक्टर, 200 एसआई, 250 हेडकांस्टेबल, 1400 कांस्टेबल, 1150 होमगार्ड, 400 पीआरडी जवान, 10 कम्पनी पीएसी, एसडीआरएफ, एटीएस शामिल हैं। इसमें विभिन्न जिलों से प्रयागराज पहुंचे 50 से अधिक पुलिस कर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
डीएसओ डॉक्टर एके तिवारी के अनुसार 1 जनवरी से 13 जनवरी के बीच इलाहाबाद में एक महिला की कोरोना से जान जा चुकी है, एक मरीज वेंटिलेटर और 12 मरीज ऑक्सीजन स्पोर्ट पर हैं। डॉक्टर तिवारी ने बताया कि "मेला परिसर में लगभग 48 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं जिसमें अधिकांश पुलिसकर्मी हैं और उन्हें कोरोना अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है। एक मरीज वेंटिलेटर पर है और 12 मरीज ऑक्सीजन स्पोर्ट पर हैं।
उनके अनुसार इलाहाबाद में प्रतिदिन लगभग दस हजार लोगों की कोरोना जांच हो रही है और प्रतिदिन एक लाख के ऊपर कोरोना टीका लगाया जा रहा है। कल प्रयागराज में एक लाख आठ हजार लोगों को कोरोना टीका लगाया जबकि आज दोपहर तक 37 हजार लोगों को टीका लग चुका है।
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण के लक्षण से ग्रस्त और कोरोना टीके के दोनों डोज नहीं लेने वाले लोगों से संगम में मकरसंक्रांति स्नान में शामिल न होने की अपील की थी। वहीं आज देखा जा रहा है कि कोरोना गाइड लाइन को दरकिनार कर लाखों की भीड़ संगम में स्नान कर रही है।
इलाहाबाद की सामाजिक कार्यकर्ता प्रभा मानती हैं कि माघ मेले में कोरोना गाइडलाइन फॉलो करने और करवाने की बात पूरी तरह झूठी है। वे कहती हैं कि "सरकार और प्रशासन झूठ बोल रहा है कि वह कोरोना गाइड लाइन फॉलो कर रहे हैं। जितनी भीड़ संगम में है उसमें कोरोना गाइड लाइन फॉलो कर पाना सम्भव ही नहीं है। पहले की अपेक्षा लोग जागरूक हुए हैं, मेले में आने वालों की संख्या अपेक्षाकृत कम हुई है लेकिन जितनी भी संख्या है वह कोरोना के समय में बहुत ज्यादा है।"
वहीं डॉक्टर निधि मिश्रा भी माघ मेला को स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ खिलवाड़ मानती हैं। वे कहती हैं कि "पिछले वर्ष भी यही सवाल था और आज भी यही सवाल है कि कोरोना संक्रमण के दौरान माघ मेला का स्वास्थ्य व्यवस्था पर कितना गहरा नुकसान पड़ सकता है। माघ मेला में आई भीड़ से कम्युनिटी स्प्रेड बढ़ेगा। सरकार यदि कह रही है कि वह कोरोना गाइड लाइन फॉलो कर रही है तो कोरोना गाइड लाइन ही है कि गैदरिंग नहीं होनी चाहिए। मेले में न दो गज की दूरी है और न ही दो गज की दूरी पर तंबू लगे हैं। इसके अलावा जो लोग स्नान कर रहे हैं उससे जो कोरोना फैल रहा है उसका क्या?"