स्वास्थ्य

टोक्यो ओलंपिक खेलों के दौरान लागू स्वास्थ्य मानकों पर कई सवाल

Anil Ashwani Sharma

टोक्यो ओलंपिक के अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ (आईओसी) की प्लेबुक में बदलाव की जरूरत है। इस संबंध में कोविड-19 के लिए बनाए गए मानकों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि ये मानक ओलंपिक खेलों के दौरान इतने प्रभावी नहीं होंगे। कारण है कि इन मानकों के बारे में आईओसी ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों को अवगत नहीं कराया है। जैसे उदाहरण के लिए प्लेबुक के अनुसार एथलीट अपने जोखिम पर भाग लेते हैं। जबकि उनके द्वारा सामना किए जाने वाले जोखिम के विभिन्न स्तरों को वे पहचानने में विफल रहते हैं। तापमान की जांच और चेहरों को ढकने जैसे उपायों की गंभीरता को वे पहचानने में अक्सर विफल रहते हैं।

वास्तव में देखा जाए तो आईओसी ने दुनिया के अन्य बड़े खेलों के आयोजन से कोई सबक नहीं लिया है। नेशनल फुटबॉल लीग (एनएफएल), नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन और महिला नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन सहित कई यूएस आधारित पेशेवर लीग ने सफल सीजन आयोजित किए, लेकिन उनके प्रोटोकॉल अत्यंत कठोर थे और एयरबोर्न ट्रांसमिशन, कम से कम स्पर्श प्रसार के बारे में लगातार सतर्क किया जाता था और करीबी संपर्कों को खत्म करने के लिए कठोरता से उपायों को लागू किया गया। साथ ही, इस दौरान निरंतर विशेषज्ञों की समीक्षा कर किसी प्रकार की कमी होने पर उसमें सुधार किया जाता था। एथलीटों के लिए एकल होटल के कमरे, कम से कम दैनिक परीक्षण और संपर्कों की निगरानी के लिए कई प्रकार की आधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया था।

हालांकि यह ध्यान देने की बात है कि दुनियाभर में अत्यंत कठोर प्रोटोकॉल के बावजूद कोविड -19 के प्रकोप ने कई खेल आयोजनों को रद्द करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उदाहरण के लिए जनवरी, 2021 में मिस्र में आयोजित विश्व पुरुष हैंडबॉल चैम्पियनशिप, फरवरी, 2021 में ऑस्ट्रेलियन ओपन और इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट को तो शुरू होने के तीसरे सप्ताह में निलंबित कर दिया गया था।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि आईओसी की प्लेबुक वैज्ञानिक रूप से कड़े मूल्यांकन के बाद नहीं बनी है और वह उन तरीकों पर विचार करने में विफल रहती है जो कारक वास्तव में जोखिम में योगदान को बढ़ाते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकांश एथलीट कोविड -19 से जुड़े गंभीर स्वास्थ्य परिणामों के लिए कम जोखिम में हैं, लेकिन कुछ पैरालंपिक एथलीट उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हो सकते हैं। इसके अलावा यह प्लेबुक हजारों लोगों को पर्याप्त रूप से सुरक्षा नहीं देती है। जैसे विभिन्न खेलों के प्रशिक्षक, खेल आयोजन के मेजबान देश के स्वयंसेवक, अधिकारी, और परिवहन और होटल कर्मचारी शामिल हैं। ध्यान रहे कि इनके बिना इतने बड़ खेल आयोजन की सफलता सुनिश्चित नहीं हो सकती।

कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना था कि आईओसी की प्लेबुक को गतिविधि और स्थल के आधार पर निम्न, मध्यम या उच्च जोखिम के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए था। उदाहरण के लिए, बाहरी घटनाएं जिनके लिए प्रतियोगियों को स्वाभाविक रूप से दूर रखा जाता है, जैसे कि नौकायन, तीरंदाजी और घुड़सवारी के खेल आयोजन को कम जोखिम माना जा सकता है। अन्य बाहरी खेल जिनके लिए निकट संपर्क अपरिहार्य है, जैसे रग्बी, हॉकी (फील्ड हॉकी) और फुटबॉल (सॉकर) को मध्यम स्तर का जोखिम माना जा सकता है। खेल जो इनडोर स्थानों में आयोजित किए जाते हैं, जैसे मुक्केबाजी और कुश्ती जिसमें निकट संपर्क की आवश्यकता होती है, वे शायद उच्च जोखिम वाले खेल आयोजन होते हैं। कोई भी खेल जो घर के अंदर होता है, भले ही एथलीट व्यक्तिगत रूप से प्रतिस्पर्धा करते हो, जैसा कि वे जिमनास्टिक में करते हैं, बाहरी घटनाओं की तुलना में अधिक जोखिम पैदा करेगा। एथलीटों और अन्य सभी को सुरक्षित रखने के लिए प्रोटोकॉल इन जोखिम स्तरों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।

इसके अलाव स्टेडियम, बस और कैफेटेरिया सहित छोटे स्थान जहां कई एथलीट एकत्रित होते हैं, बाहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक जोखिम वाले स्थान हैं। होटल उच्च जोखिम वाले क्षेत्र होने की संभावना है। कोविड-19 वाले लोग लक्षण विकसित होने से 48 घंटे पहले संक्रामक हो सकते हैं, नियमित तापमान और लक्षणों के जांच की पहचान प्रभावी नहीं होगी।

आईओसी की योजना प्रत्येक एथलीट को एक स्मार्टफोन प्रदान करने की है, जिसमें अनिवार्य संपर्क व स्वास्थ्य रिपोर्टिंग ऐप हैं। यहां ध्यान देने वाली बात है कि अपना आत्म विश्वास बनाए रखने के लिए बहुत कम ओलंपिक एथलीट मोबाइल फोन ले जाने के लिए तैयार होंगे।

ओलंपिक खेल दुनिया के उन कुछ आयोजनों में से एक हैं, जिनका वैश्विक प्रभाव अद्वतीय है। ओलिंपिक खेलों में अपनी भावना प्रेरित करने और दुनिया को एक स्थान पर संगठित करने की उसकी असीमित शक्ति का कोई मुकाबला नहीं है। दुनिया के तमाम देश ओलंपिक मशाल के चारों ओर रैली करते हैं और इससे उन मानवीय मूल्यों में एका दिखाई पड़ता है जबकि हर देश की सांस्सकृतिक विरासत अलग-अलग है। ऐसे समय में टोक्यो ओलंपिक पूरी तरह से सुरक्षित हो इसके लिए अंतिम समय तक जितने भी उपाय संभव हों किया जाना चाहिए।