देश में टीबी के मरीजों की संख्या
आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में बताया कि 2020 और 2021 में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत दर्ज मामलों की संख्या क्रमश: 18.05 लाख और 21.35 लाख थी।
देश में 2020 में टीबी से होने वाली मौतों की संख्या 89,823 और 2021 में 76,002 थी। पवार ने कहा कि 2020 में मृत्यु दर 3.9 फीसदी और 2021 में 4.3 फीसदी रही।
एनीमिया मुक्त भारत सूचकांक
देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में 15-49 वर्ष की महिलाओं में एनीमिया का प्रसार 58.5 प्रतिशत है और शहरी क्षेत्रों में एनएफएचएस-5 के मुताबिक 53.8 प्रतिशत है और देश भर में 15-19 वर्ष की किशोरियों में एनीमिया की अधिकता है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में एनीमिया 60.2 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 56.5 प्रतिशत है, इस बात की जानकारी आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में दी।
पवार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके संबंधित कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना (पीआईपी) में प्रस्तुत प्रस्तावों के आधार पर एनीमिया मुक्त भारत रणनीति के तहत हस्तक्षेपों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।
कारखानों द्वारा खतरनाक कचरे को छोड़ा जाना
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) द्वारा प्रदान की गई जानकारी के मुताबिक, झारखंड की खतरनाक कचरा पैदा करने वाली इकाइयों से 2020-21 के दौरान कुल 2,02,821.43 मीट्रिक टन खतरनाक कचरा उत्पन्न हुआ है, यह आज रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने लोकसभा में बताया।
हाल के महीनों में मंकीपॉक्स के साथ-साथ कोविड-19 के कारण होने वाली मौतें
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 27 जुलाई, 2022 तक देश में मंकीपॉक्स रोग (केरल से तीन मामले और दिल्ली से एक मामला) के कुल 4 पुष्ट मामले सामने आए हैं। इस बात की जानकारी आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में दी।
पवार ने कहा कि मई 2022 से कुछ राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि दिखाई दी है। 27 जुलाई 2022 तक, जैसा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक देश में कोविड-19 के कारण कुल 5,26,167 मौतें हुई हैं।
कोविड वैक्सीन की प्रभावकारिता
आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सुरक्षा और प्रभावकारिता के आंकड़ों पर विचार करने के बाद कोविड-19 के टीकों को मंजूरी दी है।
1 जून 2022 से 'हर घर दस्तक 2.0' अभियान की शुरुआत 60 वर्ष आयु वर्ग में दूसरी खुराक और एहतियाती खुराक के लिए लाभार्थियों की पहचान और टीकाकरण के लिए डोर-टू-डोर आधारित अभियान की गतिविधि और स्कूल के माध्यम से 12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के टीकाकरण के लिए की गई है। पवार ने कहा कि 15 जुलाई 2022 से सरकारी सीवीसी में मुफ्त एहतियाती खुराक के साथ 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लाभार्थियों को कवर करने के लिए 75 दिवसीय अभियान "कोविड-19 टीकाकरण अमृत महोत्सव" शुरू किया गया है।
दस्त और कुपोषण
भारत के महापंजीयक (2015-17) की मृत्यु सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार, दस्त नवजात में मृत्यु दर के कारणों में से एक है, जो भारत में नवजात मृत्यु में 2.3 फीसदी के लिए जिम्मेवार है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अधिकार प्राप्त कार्य समूह (ईएजी) राज्यों (जैसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिशा) और असम में नवजात आयु वर्ग में दस्त के कारण मृत्यु दर 2.9 फीसदी है और अन्य राज्यों में 1.2 फीसदी है, इस बात की जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में दी।
पवार ने कहा कुपोषण बच्चों में मृत्यु का प्रत्यक्ष कारण नहीं है, हालांकि यह संक्रमण के प्रतिरोध को कम करके रुग्णता और मृत्यु दर को बढ़ा सकता है।
एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी ड्रग्स
भारत में राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) के तहत 681 एंटी-रेट्रोवायरल उपचार (एआरटी) केंद्र हैं। इनके माध्यम से एचआईवी (पीएलएचआईवी) के साथ रहने वाले लगभग 14.8 लाख लोगों के आजीवन उपचार के लिए एचआईवी तथा एड्स की मुफ्त एंटीरेट्रोवाइरल (एआरवी) दवाएं प्रदान की जा रही हैं। ये केंद्र पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार पीएलएचआईवी के लिए केंद्रीय रूप से एआरवी दवाओं की खरीद करता है। यह आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में बताया।
जीवन प्रत्याशा पर प्रदूषण का प्रभाव
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के माध्यम से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 6 दिसंबर 2018 को "भारत के राज्यों में मृत्यु, बीमारी के बोझ और जीवन प्रत्याशा पर वायु प्रदूषण का प्रभाव: रोग अध्ययन 2017 का वैश्विक बोझ" नामक अध्ययन किया। अध्ययन के मुताबिक भारत में जीवन प्रत्याशा में 1.7 वर्ष की वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया, यदि प्रदूषण का स्तर स्वास्थ्य के नुकसान से जुड़े न्यूनतम स्तर से कम होता, जिसमें परिवेशी कणों के प्रदूषण में कमी आने से 0.9 वर्ष और घरेलू वायु प्रदूषण में कमी के लिए 0.7 वर्ष शामिल हैं। यह आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में बताया।
कोविड-19 के मौत के आंकड़े
26 जुलाई 2022 तक जैसा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक देश में कोविड-19 के कारण कुल 5,26,110 मौतें हुई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गणितीय मॉडलिंग अभ्यास के आधार पर 1 जनवरी 2020 और 31 दिसंबर 2021 के बीच प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोविड-19 महामारी से जुड़े भारत में लगभग 47 लाख अतिरिक्त मौतों का अनुमान लगाया है। यह मुख्य रूप से एक अनुमान है सभी कारणों से मौतें जिनमें कोविड-19 के कारण मौतें भी शामिल हैं, इस बात की जानकारी आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में दी।
प्लास्टिक पार्क
अब तक असम, मध्य प्रदेश में दो प्लास्टिक पार्क, ओडिशा, झारखंड, तमिलनाडु, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश राज्यों में दस प्लास्टिक पार्कों को मंजूरी दी गई है, ये वर्तमान में पूरा होने के विभिन्न चरणों में हैं। एक बार पूरी तरह से चालू होने के बाद इन पार्कों से निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों की अच्छी संख्या पैदा होगी, यह आज रसायन और उर्वरक तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में बताया।