स्वास्थ्य

कोविड-19 की तीसरी लहरः कैसी है झारखंड की तैयारी, क्या है गांवों का हाल

Anand Dutt

जर्मनी में रहनेवाली एक महिला के परिजन देवघर में रहते हैं। उनके पिता बीते 6 जनवरी को कोविड पॉजिटिव पाए गए उन्हें हार्ट से संबंधित बीमारी भी थी। स्थानीय डॉक्टर ने कहा कि आप रांची में किसी आइसोलेशऩ सेंटर में चले जाइए, ताकि जरूरत होने पर बेहतर इलाज मिल सके। लेकिन उन्हें इस सुविधा की जानकारी नहीं मिल सकी। 

हालांकि रांची के डोरंडा में आइसोलेशन सेंटर सेंटर है। इसके अलावा राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) और रांची सदर हॉस्पिटल में ऐसे मरीजों के भर्ती होने की सुविधा फिलहाल मौजूद है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कोरोना वायरस की रिप्रोडक्टिव वैल्यू (आर वैल्यू) फिलहाल पूरे देश में सबसे अधिक यानी पांच है। यानी एक मरीज पांच नए लोगों को संक्रमित कर रहा है, जबकि बिहार में 4.55, दिल्ली में 4.35, यूपी में 3.32, गुजरात में 3.29, हरियाणा में 3.28 और राजस्थान में 3.24 है।

यही नहीं, राज्य के पांच जिलों में संक्रमण दर 10% से अधिक है. इसमें लातेहार में 16.02%, रांची में 14.84%, रामगढ़ में 12.00%, कोडरमा में 10.83% और देवघर में 10.50% है।

ग्रामीण इलाकों की स्थिति फिर से गंभीर

लातेहार जिले के महुआडांर प्रखंड के स्थानीय पत्रकार वसीम अख्तर ने बताया कि क्रिसमस की छुट्टी के दौरान बड़ी संख्या में मजदूर वापस घर लौटे हैं। ये  दिल्ली, मुंबई, केरल, ओडिशा, तमिलनाडू जैसे राज्यों से वापस आए हैं। बस स्टैंड में बढ़ती भीड़ को देखकर जिला प्रशासन ने जांच तेज कर दी। इसके बाद बड़ी संख्या में केस सामने आए हैं। हालांकि इसके बाद वैक्सीनेशन भी तेज कर दिया गया है। आलम यह है कि रात में भी स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीन लगा रहे हैं।

इसी प्रखंड के लैब टेक्निशियन उत्तम कुमार ने बताया कि, रेगाईं, अंबुआटोली जैसे इलाके में कई केस ऐसे मिले जिनमें शुरूआत में लक्षण नहीं थे। बाद में सर्दी-खासी बढ़ने पर दोबारा टेस्ट करने पर पॉजिटिव पाया गया। गांव में टेस्ट के दौरान जिन लोगों वैक्सीन लिया है, उनका भी पॉजिटिव आ रहा है। मौसम बदलने के बाद केस लगातार बढ़ रहे हैं। 

राजधानी रांची में इस वक्त एक्टिव केस की संख्या 11,165 है, जबकि बेड की संख्या है। रामगढ़ जिले के चार अस्पताल में 200 बेड की सुविधा उपलब्ध है, जबकि 12 जनवरी शाम सात बजे तक यहां एक्टिव केस 1367 थी। वहीं  बोकारो में एक्टिव मरीजों की संख्या 1337 है, वहीं बेड की संख्या है।

कम गंभीर मरीजों को प्रशासन होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दे रही है। एनआरएचएम के निदेशक रमेश घोलप ने बताया कि राज्य में इस वक्त 27,851 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। इनमें सभी को मेडिकल किट मुहैया करा दिया गया है। 

पलामू के एक मरीज ने बताया कि तारीख को उन्होंने अपना टेस्ट कराया है, लेकिन अब तक उन्हें कोई मेडिकल किट मुहैया नहीं कराया गया है। रांची के बरियातू इलाके एक मरीज ने बताया कि 1 को पॉजिटिव हुआ था, लेकिन अब तक उसे मेडिकल किट नहीं मिला है। इसी इलाके की एक 21 साल की महिला मरीज के मुताबिक उसे भी मेडिकल किट नहीं मिला है।

एनआरएचएम के एक और अधिकारी डॉ प्रवीण कर्ण ने बताया कि, कुल 1151 फैसलिटीज में, 940 कोविड केयर वार्ड, 174 ऑक्सीजन वार्ड, 73 आईसीयू वार्ड में एडमिट हैं।

बुधवार 12 जनवरी तक राज्य में कुल 30,986 एक्टिव केस हैं। इस दिन कुल 81,608 केस की जांच की गई, जिसमें 4,753 केस पॉजिटिव पाए गए। तीसरी लहर में फिलहाल 15 बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि दूसरी लहर में इसकी संख्या 139 तक पहुंची थी।

यही नहीं, 25 दिसंबर के बाद के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक 5299 ऐसे संक्रमित मिले हैं, जिन्होंने टीके की दोनों डोज ले ली थी. जबकि 4568 ऐसे मिले हैं, जिन्होंने एक डोज ली थी। 

केस बढ़ने की एक वजह ये भी बताई जा रही है कि, दिसंबर तीसरे सप्ताह से पहले तक जांच केवल रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट तक सीमित थी। उसके बाद से इसमें तेजी लाई गई है।

अभी तक ओमिक्रॉन  की पुष्टि नहीं

दूसरी तरफ राज्य में अभी तक ओमिक्रॉन  के केस मिलने की अधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं की गई है। कोविड की तैयारी को लेकर राज्य सचिवालय में 3 जनवरी 2022 को बैठक हुई। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रेस को बताया कि झारखंड में जिनोम सिक्वेंसिंग लैब नहीं है। इसके लिए सैंपल ओडिशा भेजा जाता है। सैंपल भेजने के एक महीने बाद वहां से रिपोर्ट आती है। पहली बार कुल 24 सैंपल की रिपोर्ट जनवरी के 3 तारीख को आई, जिसमें एक भी केस में ओमिक्रॉन की पुष्टि नहीं हुई है। 

झारखंड में बीते साल के अप्रैल माह से जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन खरीद की प्रक्रिया चल रही है। मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि फरवरी के दूसरे सप्ताह तक यह मशीन राज्य में उपबल्ध हो जाएगी।

इधर सीएम हेमंत सोरेन ने 12 जनवरी को सात नए पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया है। उन्होंने बताया कि इस वक्त राज्य में कोविड मरीजों के लिए कुल 25 हजार बेड उपलब्ध हैं। सीएचसी, पीएचसी में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा है. हालांकि उनके आवास में पत्नी कल्पना सोरेन, बेटा सहित कई स्टाफ कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं।

तीसरी लहर ने राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था की एक और कमी उजागर कर दी है. यहां के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में 150 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें 50 से अधिक डॉक्टर भी शामिल हैं. पीआरओ डॉ डीके सिन्हा के मुताबिक फिलहाल एक समय का ओपीडी बंद है. अगर केस बढ़ा तो दूसरे समय का भी बंद करना होगा. बता दें कि रिम्स में पूरे राज्य से हर दिन 1800-2000 मरीज आते हैं.