कोरोनावायरस (कोविड-19) एक तरह का संक्रामक रोग है, जो लोगों के आपसी संपर्क में आने से फैलता है। इसलिए इससे निपटने के लिए साफ-सफाई और आपसी दूरी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सामाजिक दूरी इसे फैलने से रोकने में कितनी कारगर है, इसे समझने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी ने एक अध्ययन किया है। जिसके अनुसार यदि 90 फीसदी आबादी कुछ हफ्तों की सामाजिक दूरी बनाये रखेगी तो इस बीमारी पर जल्द ही नियंत्रण पाया जा सकता है। जबकि यदि ऑस्ट्रेलिया की 80 फीसदी आबादी आपस में सामाजिक दूरी बना लेती है तो यह बीमारी अगले 3 महीनों में समाप्त हो सकती है। गौरतलब है कि यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया पर आधारित है|
इस अध्ययन से जुड़े प्रमुख लेखक और पैनडेमिक मॉडलिंग के विशेषज्ञ, प्रोफेसर मिखाइल प्रोकोपेंको ने बताया कि यदि 70 फीसदी से कम आबादी सामाजिक दूरी को अपनाती है, तो इस बीमारी को ख़त्म कर पाना मुश्किल होगा। उनके अनुसार अगर हम इस बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करना चाहते हैं तो कम से कम 80 फीसदी ऑस्ट्रेलियाई आबादी को अगले चार महीने तक सामाजिक दूरी से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। साथ ही उनका यह भी मानना है कि यदि 90 फीसदी आबादी नियमों का पालन करती है तो ऑस्ट्रेलिया में इस बीमारी पर 3 से 4 हफ़्तों में नियंत्रण पाया जा सकता है। वहीँ उनका यह भी कहना है कि यदि 70 फीसदी से कम आबादी सामाजिक दूरी बनाती है तो इस बीमारी को रोकने के लिए किये जा रहे सरे प्रयास निरर्थक सिद्ध होंगे। और इस बीमारी को रोकना मुश्किल हो जायेगा। शोध में यह भी कहा गया है की जितने दिन इन नियमों को अनदेखा किया जायेगा, उतने ही ज्यादा समय तक लोगों को इस तरह की सामाजिक दूरी सम्बन्धी नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। प्रोफेसर प्रोकोपेंको का यह भी मानना है कि "जितना जल्दी हम इन कड़े नियमों को लागू करेंगे उतना ही ज्यादा समय हमें इस बीमारी से निपटने के लिए और मिल जायेगा। क्योंकि इनसे निपटने के लिए हमें अपने हेल्थकेयर सिस्टम, आईसीयू, वेंटिलेटर, एंटीवायरल दवाओं और प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों जैसे संसाधनों की कमी को पूरा करना होगा। उनका यह भी मानना है कि हालांकि स्कूलों को बंद करने से सामाजिक दूरी की कमी के 10 फीसदी हिस्से को पूरा किया जा सकता है, पर वो भी इस महामारी को केवल 2 सप्ताह तक रोकने में ही मददगार सिद्ध होगा।
भले ही यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया पर आधारित है पर इससे एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि इस बीमारी से निपटने और नियंत्रण पाने में सामाजिक दूरी अहम् भूमिका निभा सकती है। यही वजह है कि भारत में भी 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है, जिससे इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके। साथ ही इस बीमारी से निपटने के लिए और समय मिल सके। इसलिए जितना हो सके लॉकडाउन के नियमों का सम्मान करें। बिना जरुरत के घर से बाहर न निकलें और यदि घर से बाहर निकलना भी पड़ता है तो एक दूसरे से दूरी बनाये रखें और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें। इन नियमों का मकसद आपको बांधना नहीं है, बल्कि आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा करना है। जिससे आप इस बीमारी से बचे रह सकें। जितना जल्दी, ज्यादा संख्या में और कड़ाई से इस लॉकडाउन के नियमों का पालन करेंगे, उतना ही कम हमें अपने घरों में बंद रहना पड़ेगा।