हर दो मिनट में, दुनिया भर में एक महिला इस रोके जा सकने वाली ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) की बीमारी से मर जाती है। फोटो साभार: आईस्टॉक
स्वास्थ्य

गर्भाशय ग्रीवा कैंसर को रोकने वाले 'एचपीवी वैक्सीन' सिंगल-डोज को स्वीकृति

रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल दुनिया भर में होने वाले 6,60,000 सर्वाइकल कैंसर के मामलों में से 95 फीसदी से अधिक ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण होते हैं।

Dayanidhi

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा चौथे प्रीक्वालिफाइड ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के वैक्सीन 'सेकोलिन' के सिंगल-डोज उपयोग की पुष्टि की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह निर्णय वैक्सीन पर नए आंकड़ों के आधार पर किया गया है। दावा किया गया है कि इससे एचपीवी के टीकों की सतत आपूर्ति में सुधार होगा और ज्यादा से ज्यादा संख्या में लड़कियों को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को रोकने वाले टीके मिल सकेंगे।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि हमारे पास अधिकतर अन्य कैंसरों के विपरीत, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को खत्म करने की क्षमता है, साथ ही इसकी दर्दनाक असमानताओं को भी खत्म करने की क्षमता है"। उन्होंने आगे कहा "सिंगल-डोज एचपीवी टीकाकरण के लिए एक और विकल्प जोड़कर, हमने गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से निजात पाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है।"

रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल दुनिया भर में होने वाले 6,60,000 सर्वाइकल कैंसर के मामलों में से 95 फीसदी से अधिक ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण होते हैं। हर दो मिनट में, दुनिया भर में एक महिला इस रोके जा सकने वाली बीमारी से मर जाती है और इनमें से 90 फीसदी मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। सर्वाइकल कैंसर से सबसे ज्यादा प्रभावित 20 देशों में से 19 अफ्रीका में हैं।

साल 2018 से दुनिया भर में आपूर्ति की कमी के कारण एचपीवी वैक्सीन की शुरूआत में अड़चन आ रही थी और इस साल की शुरुआत में निर्माताओं में से एक के सामने आई उत्पादन संबंधी चुनौतियों के कारण और भी कमी आई है, जिसका अफ्रीका और एशिया में एचपीवी वैक्सीन की जरूरत वाली लाखों लड़कियों पर असर पड़ सकता है।

रिपोर्ट के हवाले से डब्ल्यूएचओ में टीकाकरण, वैक्सीन और जैविक विभाग की निदेशक डॉ. केट ओ'ब्रायन ने कहा, "15 वर्ष की आयु तक 90 फीसदी लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन से पूरी तरह से टीका लगाना डब्ल्यूएचओ की सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन की वैश्विक रणनीति का पहला लक्ष्य है।" उन्होंने कहा, "लगातार आपूर्ति संबंधी चुनौतियों को देखते हुए, सिंगल-डोज वैक्सीन उत्पाद को जोड़ने का मतलब है कि देशों के पास अधिक संख्या में लड़कियों तक पहुंचने के लिए टीकों के अधिक विकल्प होंगे।"

रिपोर्ट के मुताबिक, दो-खुराक के उपयोग के लिए शुरू में पूर्व-योग्य वैक्सीन उत्पादों की बढ़ती संख्या अब सिंगल-डोज का उपयोग किया जा सकता है। इस अतिरिक्त वैक्सीन, सेकोलिन के लिए सिंगल-डोज का उपयोग को डब्ल्यूएचओ के तकनीकी दस्तावेज के दूसरे संस्करण में शामिल किया गया है, जो एचपीवी वैक्सीन उत्पाद विकल्प के लिए विचारों पर आधारित है।

अन्य दवाओं और टीकों की तरह, जब संशोधित उपयोग का समर्थन करने के लिए आंकड़े होते हैं, तो स्पष्ट सार्वजनिक स्वास्थ्य को होने वाले फायदों के द्वारा निर्देशित, सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाहकार निकाय "ऑफ-लेबल" उपयोग की सिफारिश कर सकते हैं, जब तक कि कोई निर्माता अपने स्तर पर इस संशोधित उपयोग को शामिल नहीं करता है।

रिपोर्ट के अनुसार, 15 जुलाई 2024 को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि नौ से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों के बीच एक खुराक एचपीवी वैक्सीन कवरेज 2022 में 20 फीसदी से बढ़कर 2023 में 27 फीसदी हो गई है। 2023 में, 37 देश सिंगल-डोज संबंधी अनुसूची को लागू कर रहे थे। 10 सितंबर 2024 तक, 57 देश सिंगल-डोज अनुसूची को लागू कर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि सिंगल-डोज अनुसूची अपनाने के चलते साल 2023 में कम से कम 60 लाख अतिरिक्त लड़कियों को एचपीवी के टीके लगाए गए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल की शुरुआत में, देशों ने गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के उन्मूलन के लिए लगभग 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर की नई राशि देने की प्रतिबद्धता जताई थी। इस राशि में बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से 180 मिलियन अमेरिकी डॉलर, यूनिसेफ से 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर और विश्व बैंक से 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर शामिल हैं। गावी द्वारा निरंतर मजबूत प्रतिबद्धता के साथ, ये निवेश 2030 तक लड़कियों के बीच एचपीवी वैक्सीन की शुरुआत और कवरेज को बढ़ाने में मदद करेंगे।

डब्ल्यूएचओ ने पांचवीं एचपीवी वैक्सीन को प्रीक्वालीफाई किया

रिपोर्ट के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ ने दो अगस्त 2024 को एक अतिरिक्त एचपीवी वैक्सीन, वालरिनवैक्स को प्रीक्वालीफाई किया है, जिससे यह दुनिया भर के बाजार में उपलब्ध पांचवां उत्पाद बन गया है। यह एचपीवी टीकों की अधिक टिकाऊ आपूर्ति में योगदान देगा, जिससे अधिक लड़कियों को यह टीका मिल सकेगा। वालरिनवैक्स को दो-खुराक के साथ प्रीक्वालीफाई किया गया है। यह आकलन करने के लिए आगे के आंकड़ों की आवश्यकता होगी कि क्या इस वैक्सीन को भविष्य में सिंगल-डोज के लिए स्वीकृति दी जा सकती है।