जहां एक ओर दुनिया कोरोनावायरस (कोविड-19) से जूझ रही है, वहीं आशा की किरण के रूप में वैज्ञानिकों ने एक छोटा उपकरण बनाया है, जो रक्त में हानिकारक बैक्टीरिया का तेजी से पता लगा सकता है। यह उपकरण स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले पेशेवरों को घातक संक्रमण होने के कारणों को जानने में मदद करेगा, ताकि उन्हें दवाओं से तेजी से ठीक किया जा सके।
यह उपकरण रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में रटगर्स यूनिवर्सिटी-न्यू ब्रंसविक, अमेरिका द्वारा बनाया गया है। यह शोध एसीएस एप्लाइड मैटेरियल्स एंड इंटरफेसेस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
कॉउथोर रुओ-कियान (रोजर) वांग ने बताया कि, दवा प्रतिरोधी जीवाणुओं की तेजी से पहचान होने से स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले लोगों के द्वारा बीमार लोगों ठीक करने की संभावना बढ़ जाती है। तथा बीमारी के अनुसार उचित दवाएं देने में मदद करता है। वांग रटगर्स यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग के -न्यू ब्रंसविक में नागरिक और पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं।
दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया, या सुपर-बग, सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक प्रमुख समस्या है। दुनिया भर में, दवा प्रतिरोधी संक्रमण के परिणामस्वरूप हर साल कम से कम 7 लाख लोग मारे जाते हैं, जिसमें मल्टीड्रग-प्रतिरोधी तपेदिक से 2.5 लाख से अधकि मौतें भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अगर इसे रोका नहीं गया तो 2050 तक हर साल 1 करोड़ मौतें हो सकती हैं।
इस नए तरीके से, यह नया छोटा उपकरण तेजी से शारीरिक तरल पदार्थ से हानिकारक बैक्टीरिया को अलग कर देता है। यह कुशलतापूर्वक कणों और जीवाणुओं को फ़िल्टर करता है, उनमें से लगभग 86 प्रतिशत को कैप्चर कर अलग कर देता है।
यह नैनो-डिवाइस में विभिन्न आकारों के चुंबकीय मालाएं लगी होती हैं जिन्हें इस्चेरिचिया कोलाई (ई कोलाई) बैक्टीरिया को पकडंने के लिए डिज़ाइन किया गया है। माला के बीच की छोटी जगह का उपयोग उपकरण में बैक्टीरिया को अलग करने के लिए किया जाता है।
अध्ययन के अनुसार, इस सस्ती, पारदर्शी डिवाइस को बनाना और संचालित करना आसान है, यह प्रयोगशाला और स्वास्थ्य देखभाल तथा रोग पैदा करने वाले जीवों का पता लगाने के लिए बहुत अच्छा है। शोधकर्ता इस उपकरण को और बेहतर बनाने पर काम कर रहे हैं और एक छोटे से चिप पर कई उपकरणों को जोड़ने और क्षेत्र में परीक्षण को बढ़ाने के लिए योजना बना रहे है।