स्वास्थ्य

वैज्ञानिकों ने लिस्टेरिया की पांच नई प्रजातियों की खोज की, होगा खाद्य सुरक्षा में सुधार

अलग-अलग प्रकार के लिस्टेरिया को समझने के लिए इनकी जानकारी आवश्यक है ताकि व्यावसायिक आधार पर दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा के भ्रम और चूक से बचा जा सके।

Dayanidhi

कॉर्नेल विश्वविद्यालय के खाद्य वैज्ञानिकों ने कृषि से संबंधित मिट्टी में लिस्टेरिया बैक्टीरिया के पांच अज्ञात और इसके नए रिश्तेदारों का पता लगाया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह खोज, खाद्य सुविधाओं के संभावित विकास में मदद करेगी, जिन्हें अब तक अनदेखा किया जा रहा था, इसकी अधिक जानकारी से खाद्य सुरक्षा में सुधार किया जा सकता है।

लिस्टेरिया बैक्टीरिया की एक जाति है जो स्तनधारियों में किसी एक कोशिका के अंदर (इंट्रासेल्युलर) परजीवी के रूप में रहता है। लिस्टेरिया बैक्टीरिया मिट्टी, पानी और जानवरों के मल में पाया जा सकता है। लिस्टेरिया से संक्रमित व्यक्ति को बुखार, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी आना जी मिचलाना या दस्त हो सकते हैं।

लिस्टेरिया का प्रकोप बिना पाश्चुरीकृत दूध और चीज, आइसक्रीम, कच्ची या प्रसंस्कृत सब्जियां, कच्चे या प्रसंस्कृत फल, कच्चे या अधपके पोल्ट्री, सॉसेज, हॉट डॉग, कच्ची या स्मोक्ड मछली तथा अधपके समुद्री भोजन करने से होता है।  

खाद्य विज्ञान में डॉक्टरेट छात्र तथा प्रमुख शोधकर्ता कैथरीन आर. कार्लिन ने कहा कि यह शोध खाद्य उत्पादन करने वाले वातावरण की निगरानी के तहत लिस्टेरिया प्रजातियों के समूह को बढ़ाता है। अलग-अलग प्रकार के लिस्टेरिया को समझने के लिए इनकी जानकारी आवश्यक है, ताकि व्यावसायिक आधार पर दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा के भ्रम और चूक से बचा जा सके। साथ ही भोजन में मिलावट को रोका जा सकेगा, ताकि खाने से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके।

नई प्रजातियों में से एक, एल. इमोबिलिस, में गतिविधि, बदलाव करने की क्षमता की कमी थी। जबकि लिस्टेरिया में बहुत बदलाव होते हैं।

वैज्ञानिकों ने लिस्टेरिया की गतिशीलता को एल. मोनोसाइटोजेन्स से निकटता से संबंधित माना था, जो एक प्रसिद्ध खाद्य जनित रोगजनक था। इसे लिस्टेरिया का पता लगाने के तरीकों में एक महत्वपूर्ण परीक्षण के रूप में उपयोग किया जाता है

कार्लिन ने कहा कि इस खोज के माध्यम से प्रभावी रूप से खाद्य सुरक्षा नियामकों द्वारा जारी किए गए मानकों की पहचान करने के तरीकों को फिर से बदले जाने की जरूरत है।

चूंकि लिस्टेरिया प्रजातियां अक्सर ऐसे वातावरण में पाई जाती हैं जो एल. मोनोसाइटोजेन्स के विकास को बढ़ावा देती हैं।

लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स का भोजन बनाने वाले (खाद्य प्रसंस्करण) संयंत्रों पर गंभीर रोगजनक प्रभाव हो सकते हैं इसलिए उन संयंत्रों को साफ रखा जाना चाहिए। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अनुसार, एंटीबायोटिक लेने वाले रोगी के साथ भी लिस्टरियोसिस की मृत्यु दर 20 फीसदी से 30 फीसदी तक है।

खाद्य सुरक्षा और खाद्य विज्ञान में प्रोफेसर और सह-शोधकर्ता मार्टिन विडमैन ने कहा कि यह शोध लिस्टेरिया प्रजातियों की कुछ अनूठी विशेषताओं का वर्णन करता है जो लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स के निकट संबंधी हैं। यह भोजन उद्योग के लिए व्यावहारिक रूप से महत्वपूर्ण होगा, संभवतः इसमें कुछ परीक्षणों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता होगी।

विडमैन ने कहा कि विभिन्न लिस्टेरिया प्रजातियों को समझना उनकी समानता को समझने के बराबर है। इससे हमें लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स की बेहतर तरीके से पहचान करने के बारे में मदद मिलेगी। यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ सिस्टमैटिक एंड इवोल्यूशनरी माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

2010 के बाद से, विडमैन शोध समूह ने लिस्टेरिया जाति में वर्गीकृत 26 प्रजातियों में से 13 की खोज की है। विडमैन ने कहा जब आप खाद्य प्रसंस्करण संयंत्रों या रेस्तरां के वातावरण का निरीक्षण कर रहे हैं, तो आपको रोग नहीं फैलाने वाले प्रजातियों से से लेकर रोग फैलाने वाले लिस्टेरिया को जानना होगा।