200 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाला प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (पीएफ) बुखार ने एक बार फिर बरेली में दस्तक दे दी है। पिछले एक महीने में बरेली में पीएफ के 400 मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है।
बरेली के 4 ब्लॉक मझगवां, रामनगर, आंवला और फरीदपुर में जानलेवा मलेरिया ने पिछले वर्ष अगस्त से सितंबर तक 200 से ज्यादा लोगों की जान ली थी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने बुखार से सिर्फ 25 मौतों की बात को ही स्वीकार किया था।
3 महीने तक पूरे जिले में बुखार के खात्मे के लिए जोरदार अभियान चलाया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से आई टीम ने स्थानीय डॉक्टरों के साथ मिलकर सैंपलिंग की। तब पूरे जिले में 35,000 से अधिक मरीज मलेरिया के मिले थे। इनमें से खतरनाक पीएफ के 15 हजार मरीज थे जबकि प्लाज्मोडियम वाईवैक्स के करीब 20,000 मरीज मिले थे। स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से धीरे-धीरे कर इन मरीजों की संख्या कम होती चली गई।
अब जनवरी के शुरुआती दिनों में जब दिसंबर की कंपाइल जांच रिपोर्ट आई तब एक बार फिर हड़कंप मच गया। जांच में सिर्फ दिसंबर महीने में ही पीएफ से पीड़ित 400 मरीज सामने आए हैं। मीडिया में रिपोर्ट सार्वजनिक होने से आम लोगों में भी दहशत बढ़ गई है। सर्दी-जुकाम के चलते बुखार से पीड़ित लोग भी टेस्ट कराने अस्पताल पहुंचने लगे हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) विनीत शुक्ल ने बताया कि पीएफ के संदिग्ध मरीजों की जांच अब स्लाइड से कराई जाएगी। मलेरिया विभाग के निदेशक ने भी इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि पूरे जिले में व्यापक स्तर पर मच्छरों को मारने के लिए डीडीटी का स्प्रे भी कराया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इसके लिए कमर कस ली है।