स्वास्थ्य

चौथा भाग : ओमिक्रॉन की दस्तक और संकट में अफ्रीका 

सख्त लॉकडाउन उपाय गरीबों को नुकसान पहुंचाते हुए अर्थव्यवस्था को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।

Taran Deol, Kiran Pandey, Elsabé Brits, Jack McBrams, Busani Bafana, Manuel Mucari, Lerato Matheka

वैश्विक महामारी कोविड-19 का तीसरा साल एक नए वेरिएंट के साथ शुरू हुआ है। ठीक वैसे ही जैसे दूसरे वर्ष की शुरुआत में डेल्टा वेरिएंट आया था। डेल्टा इस महामारी के घातक लहर का कारण बना, लेकिन ओमिक्रॉन नाम का नया वेरिएंट अधिक प्रसार योग्य है और इम्यूनिटी से खुद को बचा ले जाने में सक्षम बताया जा रहा है। अफ्रीका में इसकी दस्तक ने दुनिया को  इस खतरे से आगाह किया है। इसका एक और अर्थ है कि इस बार दुनिया को एक लंबी महामारी के लिए तैयार रहना चाहिए, पढ़िए चौथी कड़ी...

महामारी से जूझ रहे अफ्रीका ने अभी-अभी कोविड-19 मामलों में गिरावट की रिपोर्ट करना शुरू किया था कि नए वेरिएंट से एक बार फिर बुरी तरह प्रभावित होने लगा। 2 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में महाद्वीप के कोरोना के मामलों में 54 प्रतिशत की साप्ताहिक वृद्धि दर्ज की गई, जो दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना जैसे दक्षिणी देशों की वृद्धि से प्रेरित थी। स्वास्थ्य प्रणाली को पंगु बनाने के अलावा, कोविड-19 ने अफ्रीकी अर्थव्यवस्था को भी बाधित किया है। इसने नौकरी का नुकसान, सार्वजनिक सेवाओं को प्रभावित करने, शिक्षा को प्रभावित करने और कर्ज को बढ़ाने का काम किया है। यूनाइटेड नेशंस इकॉनोमिक कमीशन फॉर अफ्रीका के अनुमानों के अनुसार, महाद्वीप पर 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का कर्ज है, जो रिकवरी और विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, महाद्वीप में केवल 7.5 प्रतिशत आबादी पूरी तरह से टीकाकृत है। लगभग 80 प्रतिशत आबादी को अभी तक पहली खुराक नहीं मिली है। ऐसे में कई देश खासकर दक्षिण अफ्रीका से सटे देश चौथी लहर से बचने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।

जिम्बाब्वे: दक्षिण अफ्रीका के इस उत्तरी पड़ोसी ने पहली बार 2 दिसंबर को इस नए वेरिएंट की पुष्टि की। इसने वायरस प्रसार को रोकने के लिए नए लॉकडाउन की घोषणा की। कहा गया कि सभी यात्रियों को अपनी लागत पर आरटीपीसीआर परीक्षण और क्वारंटाइन से गुजरना होगा। इस साल फरवरी से अब तक 2.8 मिलियन से अधिक जिम्बाब्वेवासियों को कोविड-19 का टीका लगाया गया है, जो 10 मिलियन के लक्ष्य से बहुत दूर है। राष्ट्रपति और मंत्रिमंडल कार्यालय में नेशनल कोविड-19 रिस्पॉन्स के मुख्य समन्वयक एग्नेस महोमवा कहते हैं, “हम प्रवेश स्थल पर अपनी निगरानी मजबूत कर रहे हैं और आने वाले सभी लोगों का परीक्षण कर रहे हैं। जिन लोगों का परीक्षण नहीं किया गया है, उन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं है। हम टीकाकरण में भी तेजी ला रहे हैं।” 2021 में 7 से 8 प्रतिशत की अनुमानित आर्थिक वृद्धि के बावजूद, जिम्बाब्वे आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यह देश दशकों की उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती बेरोजगारी का सामना पहले से ही कर रहा है। सख्त लॉकडाउन उपाय गरीबों को नुकसान पहुंचाते हुए अर्थव्यवस्था को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। बुलावायो शहर के एक स्ट्रीट वेंडर थॉमस चिरवा कहते हैं, “मैंने नए कोरोना वायरस वेरिएंट के बारे में सुना है, जिसके नाम का भी मैं उच्चारण नहीं कर सकता। यह हमारे लिए परेशानी का सबब है क्योंकि इससे एक और तालाबंदी हो जाएगी।” शहर के मानवाधिकार कार्यकर्ता एफी एनक्यूब को लगता है कि प्रतिबंध पहले से ही पीड़ित आबादी पर अनावश्यक रूप से दबाव बढ़ा रहे हैं।“ घर लौटने वाले कई लोगों के पास अपने परिवार के लिए कुछ ही दिनों का पैसा है। अब उन्हें यह पैसा भी क्वारंटाइन पर खर्च करना होगा।

मोजाम्बिक: इसकी सीमा जिम्बाब्वे और दक्षिण अफ्रीका दोनों से मिलाती है। यहां 30 नवंबर को ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई। मोजाम्बिक कई लॉकडाउन के कारण पिछले दो वर्षों में हुए आर्थिक नुकसान की पुनरावृत्ति को देख रहा है। मोजाम्बिक के कन्फेडरेशन ऑफ इकॉनोमिक असोसिएशन (सीटीए) का मानना है कि अन्य देशों से उड़ानों पर प्रतिबंध जैसे उपायों का राष्ट्रीय आर्थिक गतिविधि पर महत्वपूर्ण नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सीटीए के प्राइवेट सेक्टर कमीशन फॉर कोविड-19 के अध्यक्ष नूनो क्वेल्हास का कहना है कि यह प्रतिबंध पर्यटन के लिए एक बड़ा झटका है। देश में पर्यटन और व्यवसाय के लिए यात्रा प्रवाह में 2021 की तीसरी तिमाही तक स्पष्ट सुधार दर्ज किया गया, जब इस क्षेत्र में 2020 में इसी अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। उम्मीद थी कि 2021, 2020 में यात्रा के कारण हुई 180 मिलियन अमेरिकी डॉलर की आय से आगे जाएगा। लेकिन, अब स्थिति पूरी तरह बदल गई।

लेसोथो: दक्षिण अफ्रीका से घिरे इस देश ने अपनी सीमाओं पर बड़े पैमाने पर जांच की है। 6 दिसंबर तक लेसोथो ने ओमिक्रॉन केस की रिपोर्ट नहीं की थी। हालांकि, लेसोथो के एक जातीय समूह बासोथो लोगों में से 0.4 मिलियन दक्षिण अफ्रीका में सीमा पार काम करते हैं, खासकर गौतेंग के ओमिक्रॉन हॉटस्पॉट क्षेत्र में। दिसंबर 2020 में लेसोथो अचानक संक्रमण वृद्धि की चपेट में आ गया था जब बासोथो समुदाय छुट्टियों के मौसम के लिए दक्षिण अफ्रीका से लौटा था। स्वास्थ्य मंत्री सेमानो सेकाले कहते हैं, “हम वह सब काम कर रहे हैं, जिससे हम एक और लहर से चौंकें नहीं।” लेसोथो रक्षा बल और लेसोथो माउंटेड पुलिस सेवा के सदस्यों को कानूनी और चिन्हित अवैध सीमा चौकियों पर तैनात किया गया है। वह कहते हैं, “लेसोथो में आने पर प्रत्येक व्यक्ति का परीक्षण और टीकाकरण किया जाएगा। सीमा चौकियों पर छूटे सभी लोगों से स्वास्थ्य सुविधाओं, ग्राम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और अन्य सामुदायिक नेताओं को रिपोर्ट करने की उम्मीद की जाती है ताकि उन्हें परीक्षण और टीकाकरण के लिए भेजा जा सके। यदि नागरिक टीकाकरण नहीं कराते हैं तो देश के पास यात्रा को प्रतिबंधित करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा।”

मालावी: यह मोजाम्बिक के साथ एक लंबी सीमा साझा करता है और इसकी टीकाकरण दर सिर्फ 6.1 प्रतिशत है। इसने 7 दिसंबर तक ओमिक्रॉन केस की रिपोर्ट नहीं की थी। इसके प्रेसीडेंशियल टास्कफोर्स ने कोविड-19 पर महामारी की स्थिति और वर्तमान में मौजूद उपायों की पर्याप्तता की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्रालय का 26 नवंबर का बयान कहता है, “आने वाले यात्री जो प्रवेश स्थल पर इलेक्ट्रॉनिक प्रमाण पत्र दिखाने में सक्षम नहीं हैं, उनसे कोविड-19 वैक्सीन लेने की उम्मीद की जाएगी जो मुफ्त में उपलब्ध होगी।” मालावी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक वायरोलॉजिस्ट गामा बंडावे का कहना है कि मौजूदा स्थिति की उम्मीद थी। उन्होंने कहा, “महाद्वीप पर बिना टीका लिए इतने सारे लोगों की मौजूदगी अन्य वेरिएन्ट्स के उभार का संकेत देती है, जो अन्य वेरिएन्ट्स के मुकाबले अधिक पारगम्य और शायद घातक भी हैं।”  हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन पर अफ्रीका के लिए ऐसी वैश्विक प्रतिक्रिया की भी उम्मीद नहीं थी।

रोकथाम के उपाय

वर्ल्ड हेल्थ असेंबली वैश्विक महामारी प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ रही है। वर्तमान वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल का सामना करने और भविष्य के ऐसे संकटों के खिलाफ संयुक्त अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को तेज करने के लिए वर्ल्ड हेल्थ असेंबली (डब्ल्यूएचए) ने “महामारी की रोकथाम को मजबूत करने” के लिए एक वैश्विक संधि की घोषणा की। यह घोषणा 29 नवंबर और 1 दिसंबर, 2021 के बीच आयोजित इसके एक महत्वपूर्ण सत्र में की गई। डब्ल्यूएचओ के संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत एक इंटरगवर्नमेंटल बॉडी इस संधि का मसौदा तैयार करेगी। समयसीमा और कार्य प्रक्रियाओं पर निर्णय लेने के लिए यह निकाय 1 मार्च, 2022 को अपनी पहली बैठक आयोजित करेगा। यह 1 अगस्त, 2022 को मसौदे की स्थिति पर अपनी दूसरी बैठक आयोजित करेगा। निकाय को सार्वजनिक सुनवाई करने और 2023 में 76वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली को प्रगति रिपोर्ट देने की भी आवश्यकता होगी। 2024 में 77वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली द्वारा विचार के लिए इसके परिणाम प्रस्तुत किए जाएंगे। डब्ल्यूएचओ के संविधान का अनुच्छेद 19 डब्ल्यूएचओ की क्षमता के भीतर किसी भी मामले पर सम्मेलनों या समझौतों को अपनाने की अनुमति देता है। 1948 में डब्ल्यूएचओ की स्थापना के बाद से इस तरह की यह दूसरी पहल है। पहला तंबाकू नियंत्रण पर डब्ल्यूएचओ फ्रेमवर्क कन्वेंशन था जो 2005 में लागू हुआ था। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने संधि को “पीढ़ियों में एक बार” का अवसर कहा था, जो भविष्य के झटकों के खिलाफ वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर ढंग से तैयार करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

अगली कड़ी में पढ़िए भारत में कितनी है तैयारी...