स्वास्थ्य

दक्षिण एशियाई देशों में केवल 13 फीसदी स्कूली बच्चों के घर पर है इंटरनेट की सुविधा: यूएन

Dayanidhi

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में दो-तिहाई (220 करोड़) स्कूली बच्चों के पास घर में इंटरनेट की सुविधा नहीं है, महामारी की वजह से स्कूल बंद हैं, शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन सुविधा तक पहुंच महत्वपूर्ण हो गई है।

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) और इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (आईटीयू) की संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन से 17 साल के बीच के अनुमानित 130 करोड़ बच्चों के घरों में इंटरनेट कनेक्शन नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार घर पर रहने वाले 15 से 24 वर्ष के 63 फीसदी युवाओं के पास इंटरनेट से जुड़ने की सुविधा नहीं है।

यूनिसेफ के प्रमुख हेनरिटा फोर ने कहा इतने सारे बच्चों और युवाओं के पास घर में कोई इंटरनेट नहीं है जो एक तरह से डिजिटल खाई में बढ़ोत्तरी है। इंटरनेट कनेक्टिविटी में कमी युवाओं को आधुनिक युग में प्रतिस्पर्धा करने से रोकता है तथा उन्हें दुनिया में अलग-थलग करता है।

रिपोर्ट के निष्कर्ष विशेष रूप से चिंताजनक हैं, उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब कोविड-19 महामारी के कारण स्कूल बंद हो गए हैं, लाखों छात्र वर्चुअल लर्निंग पर आश्रित रहने के लिए मजबूर हैं। स्पष्ट रूप से कहें तो इंटरनेट का अभाव अगली पीढ़ी के भविष्य को अंधकार में डाल सकता है।

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि महामारी से पहले भी, डिजिटल विभाजन असमानताओं को बढ़ावा दे रहा था, जिससे सबसे गरीब घरों और ग्रामीण या निम्न-आय वाले देशों के बच्चों को आगे बढ़ने के बहुत कम अवसर मिलते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार कम आय वाले देशों के 20 से कम आयु वर्ग के अधिकतर बच्चों में से एक के पास घर पर इंटरनेट की सुविधा थी, जबकि अमीर देशों में यह 10 में से 9 बच्चों के पास थी।

उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सबसे कम बच्चों के पास ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा है, यहां 10 में से नौ बच्चों के घर पर इंटरनेट नहीं है।

कस्बों, शहरों और ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट के उपयोग के बीच स्पष्ट अंतर है, ग्रामीण क्षेत्रों में 75 फीसदी बच्चे घर पर इंटरनेट कनेक्शन के बिना हैं, जबकी शहरी इलाकों में रहने वाले 60 प्रतिशत बच्चे बिना इंटरनेट के हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा वाले घरों में भी, बच्चे वास्तव में ऑनलाइन जाने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं।

इन घरों में काम करने, घरों में पर्याप्त उपकरणों की कमी और यह भी देखा गया कि लड़कियों की लड़कों की तुलना में इंटरनेट तक पहुंच कम है।

संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों के पास लड़कियों और लड़कों के बीच इंटरनेट तक पहुंच के अंतर को दिखाने वाली विशिष्ट संख्या नहीं थी, लेकिन उनके आंकड़ों में स्पष्ट अंतर दिखाई देता है।

दुनिया भर में 2019 में 55 प्रतिशत पुरुष और 48 प्रतिशत महिलाएं इंटरनेट का उपयोग कर रही थीं, लेकिन अंतर कम आय वाले देशों में और गरीब क्षेत्रों में बहुत अधिक हो सकता है। आईटीयू के आंकड़ों से पता चलता है कि अफ्रीका में 37 फीसदी पुरुष, लड़के और केवल 20 प्रतिशत महिलाएं और लड़कियां साल 2019 में इंटरनेट का उपयोग कर रही थीं।