स्वास्थ्य

उच्च वसा वाले भोजन के नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर से हो सकता है कैंसर: शोध

शोध में उच्च वसा वाले भोजन के परिणामस्वरूप, ट्यूमर में नाइट्रिक ऑक्साइड की वृद्धि देखी गई

Dayanidhi

अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम ने यह साबित किया कि किसी के भोजन में शामिल वसा की मात्रा और नाइट्रिक ऑक्साइड के शारीरिक स्तर के बीच एक सीधा संबंध होता है। इसमें एक अपने आप उत्तपन्न होने वाला सिग्नलिंग अणु जो सूजन और कैंसर में बढ़ोतरी कर सकता है।

बेकमैन इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं का मानना है कि भोजन में उच्च वसा संबंधी आदतें कैंसर के विकास को बढ़ा सकती हैं।

प्रमुख अध्ययनकर्ता अनुज यादव ने कहा कि हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि ट्यूमर माइक्रो एनवायरनमेंट में छोटा सा बदलाव आणविक स्तर पर कैंसर की प्रगति को कैसे प्रभावित करते हैं। कैंसर एक बहुत ही जटिल बीमारी है

यादव ने बताया कि कैंसर केवल कुछ ट्यूमर कोशिकाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कोशिकाओं को सहयोग करने वाले ट्यूमर के पूरे बहुत छोटे वातावरण या पारिस्थितिकी तंत्र है।

उन्होंने कहा कि इस वातावरण में सूजन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। कुछ सूजन-संबंधी प्रतिक्रिया अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से आती है, जो अधिक कैलोरी और जिनमें वसा बहुत अधिक होती हैं। उन्होंने बताया कि हम आणविक स्तर पर भोजन, सूजन और ट्यूमर के बीच संबंधों को समझना चाहते थे, इसलिए हम इन परिवर्तनों की कल्पना करने में सफल होने के लिए हमें उन्नत जांच उपकरण विकसित करना था।

यादव और सह अध्ययनकर्ता मौजूदा शोध में बढ़े हुए नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर को सूजन और सूजन को कैंसर से जोड़ते हैं। आणविक स्तर पर उच्च वसा वाले आहार और नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर के बीच संबंध को साबित करने के लिए डीप-टिशू इमेजिंग में सक्षम एक अत्यधिक संवेदनशील आणविक जांच विकसित करने की आवश्यकता है।

एक आणविक जांच परमाणुओं या अणुओं का एक समूह है जिसका उपयोग संरचनाओं के बीच प्रभाव को देखकर एक दूसरे के नजदीक पाए जाने वाले अणुओं के गुणों का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। लेकिन वे सभी एक ही आकर के नहीं होते हैं। यादव ने कहा प्रत्येक जांच उपकरण को उसके प्रयोग की शर्तों के अनुरूप बनाया जाना चाहिए।

अध्ययनकर्ता जेफरसन चैन ने कहा हमारा समूह डिजाइनर अणु बनाने में माहिर है, जो हमें आणविक विशेषताओं को देखने में सक्षम बनता है जिसे नग्न आंखों नहीं देखा जा सकता हैं। चैन इलिनोइस विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर हैं। उन्होंने बताया कि हम इन अपने अनुसार बने (कस्टम-मेड) अणुओं को उन चीज़ों की खोज के लिए डिजाइन करते हैं जो पहले ज्ञात नहीं थे।

शोधकर्ताओं ने चूहों में एक आहार अध्ययन को डिजाइन करने के लिए इस उपकरण का इस्तेमाल किया। इसमें कम वसा वाले आहार और उच्च वसा वाले आहारों का चूहों पर परीक्षण किया, जिसमें वसा से आने वाली कैलोरी की मात्रा 60 फीसदी तक थी, पर स्तन-कैंसर वाले चूहों की ट्यूमरजनिटी की तुलना 10 फीसदी वसा से आने वाली कैलोरी से की गई, दोनों समूहों में नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर को मापा गया।

चैन लैब में एक शोधकर्ता माइकल ली ने कहा उच्च वसा वाले भोजन के परिणामस्वरूप, हमने ट्यूमर माइक्रो एनवायरनमेंट में नाइट्रिक ऑक्साइड में वृद्धि देखी। इसका मतलब यह है कि ट्यूमर माइक्रो एनवायरनमेंट एक बहुत ही जटिल प्रणाली है और हमें वास्तव में यह समझने की आवश्यकता है कि कैंसर की प्रगति कैसे काम करती है। आहार से लेकर व्यायाम तक कई कारक इसमें शामिल हो सकते हैं।

अध्ययनकर्ताओं ने उच्च वसा वाले आहार, नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर और कैंसर के विकास के बीच सीधा संबंध साबित करने के महत्व पर जोर दिया। इस संबंध के साथ अब ज्ञात, कैंसर के निदान और उपचार के लिए नई जानकारी मौजूद हैं।

शोधकर्ता चान ने कहा इस तकनीक के बिना आप गुम हुए आणविक संबंध को नहीं देख पाएंगे। अब जब हम जानते हैं कि यह हो रहा है, तो हम इसे कैसे रोक सकते हैं और हम स्थिति को कैसे सुधार कर सकते हैं? यह शोध ‘एसीएस सेंट्रल साइंस’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।