स्वास्थ्य

हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू का नया रूप, 100 से अधिक पक्षियों की मौत

जनवरी-फरवरी के बाद हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू की दूसरी लहर शुरू हो गई है

Rohit Prashar

देशभर में जनवरी माह में बर्ड फ्लू की पहली लहर के बाद अब हिमाचल प्रदेश में इसकी दूसरी लहर ने दस्तक दे दी है। बर्ड फ्लू की दूसरी लहर में हिमाचल की पौंग डैम झील में इस बार पिछली बार से एवियन इन्फ्लुएंजा का नया वेरिएंट पाया गया है।

वन विभाग की वन्यप्राणी विंग के अनुसार जनवरी-फरवरी के बाद अब अप्रैल में बर्ड फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। वन्यप्राणी विंग की प्रमुख डॉ. अर्चना शर्मा ने डाउन टू अर्थ को बताया कि मार्च 25 के बाद अभीतक पौंग डैम की दो बीटों में 100 विदेशी परिंदे मृत मिले हैं।

डॉ. शर्मा ने बताया कि भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) ने मृत पक्षियों के नमूनों में एच 5 एन 8 एवियन इन्फ्लुएंजा मिलने की पुष्टि की है, जोकि जनवरी-फरवरी माह में पाए गए एवियन इन्फ्लुएंजा से भिन्न है।

जनवरी में हिमाचल में एच5एन-1 (H5N1) एवियन इन्फ्लुएंजा पाया गया था। जबकि इस बार इसका नया रूप जो पहले से भी घातक बताया जा रहा एच 5 एन 8 (H5N8)  एवियन इन्फ्लुएंजा पाया गया है। 

गौरतलब है कि जनवरी माह में देशभर के 10 राज्यों समेत हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू पाया गया था और इस दौरान पौंग डैम क्षेत्र में 5000 से अधिक विदेशी परिंदें मृत मिले थे। इसके अलावा प्रदेश के 5 जिलों में कई स्थानों में 200 से अधिक मृत कौए भी पाए गए थे।

उस दौरान केंद्र सरकार और हिमाचल सरकार ने बर्ड फ्लू पर नियंत्रण और नजर रखने के लिए कई टीमों का गठन किया था। साथ ही हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में मीट और चीकन की बिक्री पर भी रोक लगाने के साथ बाहरी राज्यों से आने वाली पोल्ट्री के आयात पर रोक लगा दी गई थी।

अब जब एक बार फिर से बर्ड फ्लू की दस्तक से वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीमों को एलर्ट पर रखा गया है। 240 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले पौंग डैम वैटलैंड में हर साल 1,15,000 से अधिक विदेशी परिंदे आते हैं।

अब अप्रैल माह में एक बार फिर रोजाना मृत विदेशी परिंदों के मिलने का सिलसिला जारी है। इसके लिए वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीमों का गठन कर मृत पक्षियों की तलाश का काम जारी है। वहीं जो मृत पक्षी टीमों को मिल रहे हैं उन्हें बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षियों को नष्ट करने के लिए तय किए गए दिशा निर्देशों के तहत नष्ट किया जा रहा है।

सरकार की ओर से पौंग डैम एरिया में हर प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इसके अलावा सरकार ने स्थानीय लोगों को पौंगडैम क्षेत्र में पशुओं के चराने पर पाबंदी लगा दी है। अभी तक मृत पक्षियों में ज्यादातर रेड हेडेड गीज और ग्रे लाइट गूज, कॉमन टील, फार्मोरेंट प्रजाती के पक्षी दर्ज किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि ये पक्षी सेंट्रल ऐसिया, मंगोलिया, साइबेरिया और चाइना से आते हैं। वरिष्ठ पशुरोग चिकित्सक डॉ. विक्रम सिंह वशिष्ठ ने डाउन टू अर्थ केा बताया कि यह पहला मौका है जब हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले देखे गए हैं। पौंग डैम वैटलैंड में मृत मिले विदेशी पक्षियों में से 98 फीसदी रेड हैडेड गीज हैं।

उन्होंने बताया कि इन पक्षियों में ये वायरस हमेशा रहता है। इनमें यदि रोग पतिरोध क्षमता कम हो जाए या नेचुरल रिसोर्सिज की कमी हो तो इनकी मृत्यू होना शुरू हो जाती है। 

पौंग डैम के साथ सटे गांव सूखनारा के निवासी बलवीर सिंह पठानिया ने बताया कि एक बार फिर से मृत पक्षियों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। जिससे अब गांववालों ने लेक के पास जाना बंद कर दिया है।

वन्यप्राणी विंग की प्रमुख डॉ. अर्चना ने बताया कि बर्ड फ्लू से निपटने के लिए एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब गर्मियों के शुरू होने के साथ ही माईग्रेटरी बर्ड के वापस लौटने का सिलसिला भी शुरू होगया है। इसलिए पहले ही तरह इसका इतना फैलाव नहीं होगा और अभी डैम एरिया में बहुत कम ही पक्षी रहे हैं। लेकिन फिर भी विभाग की ओर से अन्य संबंद्ध विभागों के साथ मिलकर टीमों का गठन कर काम किया जा रहा है।