दुनिया में आज भी करीब 200 करोड़ लोगों के पास साफ पानी की सुविधा नहीं है न ही उनके पास हाथ धोने के लिए साबुन या किसी अन्य साधन की कोई व्यवस्था है। ऐसे में उनके कोरोनावायरस संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा है। विडम्बना ही है कि दुनिया की करीब एक चौथाई आबादी अभी भी साफ-सफाई जैसे बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। ऐसे में गरीब देशों में इस वायरस के फैलने का सबसे ज्यादा खतरा है|
यह हैरान कर देने वाले आंकड़ें इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन द्वारा किये गए एक नए अध्ययन में सामने आए हैं। यह शोध जर्नल एनवायर्नमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव में प्रकाशित हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार उप-सहारा अफ्रीका और ओशिनिया में करीब 50 फीसदी आबादी हैंडवाशिंग की सुविधा से वंचित है|
आईएचएमई के प्रोफेसर माइकल ब्रेयर ने बताया कि “जैसा की हम जानते हैं कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए बार-बार हाथ धोना जरुरी है। पर जब इतनी बड़ी आबादी के पास हाथ धोने के लिए साबुन और पानी की कोई व्यवस्था ही नहीं है| तो स्थिति वाकई में चिंताजनक है।”
इस रिपोर्ट के अनुसार 46 देशों की आधे से अधिक आबादी हाथ धोने की सुविधा से वंचित है| जबकि भारत, चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नाइजीरिया, इथियोपिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और इंडोनेशिया जैसे प्रत्येक देश की 5 करोड़ से ज्यादा आबादी के पास हाथ धोने के बुनियादी साधन जैसे पानी और साबुन उपलब्ध नहीं हैं|
ब्रेयर के अनुसार हाथ धोने के आभाव में हर साल करीब 7 लाख लोगों की मौत हो जाती है| ऐसे में कोरोनावायरस इसके जोखिम को और बढ़ा देगा| हालांकि दुनियाभर में इससे निपटने के लिए हैंड सैनिटाइजर और वाटर ट्रक जैसे अस्थायी उपाय किये गए हैं| पर वो काफी नहीं हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए दीर्घकालिक और प्रभावी उपाय करने होंगे।
उनके अनुसार हालांकि दुनिया की करीब 25 फीसदी आबादी के हाथ धोने की सुविधा नहीं है, लेकिन 1990 से 2019 के बीच कई देशों में काफी सुधार आए हैं| जिनमें सऊदी अरब, नेपाल और अफ्रीकी देश मोरक्को और तंजानिया शामिल हैं। इन देशों ने स्वच्छता के क्षेत्र में काफी सुधार किया है। हाल ही में विश्व स्वस्थ्य संगठन द्वारा जारी एक रिपोर्ट में चेताया था कि यदि प्रभावी कदम न उठाये गए तो कोविड-19 अफ्रीका में करीब 1,90,000 जिंदगियों को लील जायेगा| जबकि पहले साल में ही करीब 44 करोड़ लोग इस वायरस से संक्रमित हो जाएंगे।
भारत में भी एक लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से ग्रस्त हो चुके हैं और दिन-प्रतिदिन उनकी संख्या और बढ़ती जा रही है। ऐसे में यदि साफ-सफाई का ध्यान न रखा गया और सोशल डिस्टन्सिंग जैसे नियमों का पालन न किया गया तो जल्द ही देश की एक बड़ी आबादी इसका शिकार बन जाएगी।