स्वास्थ्य

मल्टीविटामिन, मिनरल सप्लीमेंट इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में निभाते है अहम भूमिका : शोध

Dayanidhi

ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी (ओएसयू) के लिनुस पॉलिंग इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में दावा किया गया है कि मल्टीविटामिन, मिनरल सप्लीमेंट सामान्य और कम समय तक रहने वाली बीमारी के ठीक होने में अहम भूमिका निभाते हैं। ये प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान देते हैं।

वैज्ञानिकों द्वारा इस शोध में 55 से 75 साल की उम्र के 42 स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया। 12-सप्ताह के इस अध्ययन में वयस्कों को जस्ता और उच्च मात्रा में विटामिन सी के साथ रोज मल्टीविटामिन और मिनरल सप्लीमेंट दिया गया। यह प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) पर सप्लीमेंट के प्रभावों को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया था। सप्लीमेंट, जस्ता, विटामिन सी और डी लेने के दौरान रक्तप्रवाह में इन सभी के स्तर को भी देखा गया, क्योंकि ये सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रिएंट) प्रतिरक्षा के कार्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

 सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रिएंट) हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं। मानव पोषण के लिए, माइक्रोन्यूट्रिएंट की आवश्यकता आम तौर पर प्रति दिन 100 मिलीग्राम से कम मात्रा में होती हैं। मनुष्यों और अन्य जानवरों को कई विटामिन और आहार खनिजों की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों में से किसी की भी कमी हमारे विकास को प्रभावित कर सकती है।

सप्लीमेंट लेने वाले समूह में प्रतिरक्षा संकेतक जैसे श्वेत रक्त कोशिकाएं जो आने वाले रोगाणुओं को मारने की क्षमता रखती हैं इनमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं दिखाई दिया।

मल्टीविटामिन लेने वाले समूह के रक्त में विटामिन सी और जस्ता की स्थिति में सुधार दिखाई दिया। इस समूह द्वारा बताए गए बीमारी के अधिकांश लक्षण गंभीर नहीं थे। अध्ययन में भाग ले रहे समूह के लोगों की बीमारी तेजी से ठीक हो गई थी। यह शोध न्यूट्रिएंट्स पत्रिका में प्रकाशित हआ है।

प्रत्येक समूह में प्रतिभागियों के समान अनुपात में लक्षणों की सूचना दी, सप्लीमेंट लेने वाले समूह में बीमारी जल्दी ठीक होने का दावा किया गया।

ओएसयू कॉलेज ऑफ साइंस में जैव रसायन विज्ञान और बायोफिज़िक्स के प्रोफेसर और लिनुस पॉलिंग इंस्टीट्यूट में एक प्रमुख अन्वेषक एड्रियन गोम्बर्ट ने कहा कि देखी गई बीमारी का अंतर अनोखा था। जबकि अध्ययन स्व-रिपोर्ट पर आधारित था, यह बताई गई बीमारी के आंकड़ों तक सीमित था।

जैसे-जैसे लोग बूढ़े होते हैं, उनमें विटामिन और मिनरल की कमियों का खतरा होता है। विटामिन और मिनरल का अभाव उम्र से संबंधित प्रतिरक्षा प्रणाली में समस्या पैदा करता है। दुनिया भर में खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और यूरोप में शोध से पता चलता है कि एक तिहाई से अधिक बड़े बूढ़ों, वयस्कों में कम से कम एक सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रिएंट) की कमी होती है, यह कमी अक्सर एक से अधिक की भी हो सकती है।

सूक्ष्म पोषक तत्वों का कम होने का मतलब प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी आना है। ज्यादातर इसमें शरीर में सूजन आ जाती है, यह हमेशा के लिए प्रतिरक्षा कार्य को कमजोर कर सकता है साथ ही टी-सेल के कार्य (फंक्शन) को कमजोर कर सकता है। चूंकि कई पोषक तत्व प्रतिरक्षा कार्य को मजबूत करते हैं, बड़े बूढ़े, वयस्क अक्सर मल्टीविटामिन और खनिज सप्लीमेंट से लाभान्वित होते हैं। सप्लीमेंट आसानी से उपलब्ध हैं, सस्ती और आम तौर पर सुरक्षित माने जाते हैं।

इस विटामिन और मिनरलस पर केंद्रित अध्ययन में उपयोग किए जाने वाले मल्टीविटामिन सप्लीमेंट प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने को लेकर किए गए हैं। इसमें विटामिन के 700 माइक्रोग्राम थे, विटामिन डी की 400 अंतर्राष्ट्रीय इकाइयां, विटामिन के 45 मिलीग्राम, 6.6 मिलीग्राम विटामिन बी 6, फोलेट के 400 माइक्रोग्राम, विटामिन बी 12 के 9.6 माइक्रोग्राम, विटामिन सी के 1,000 मिलीग्राम लोहे के 5 मिलीग्राम, 0.9 मिलीग्राम तांबा, 10 मिलीग्राम जस्ता और सेलेनियम के 110 माइक्रोग्राम थे।

गोमार्ट ने कहा कि सप्लीमेंट जिंक और विटामिन सी के स्तर में काफी वृद्धि हुई थी। इसने कम गंभीर और जल्दी ठीक होने वाली बीमारी में अहम भूमिका निभाई। हमारे परिणामों का सुझाव है कि मल्टीविटामिन, मिनरल सप्लीमेंट के सकारात्मक भूमिका का पता लगाने के लिए और अधिक अध्ययनों की आवश्यकता है। वृद्ध, वयस्कों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मल्टीविटामिन और खनिज सप्लीमेंट अहम भूमिका निभा सकते हैं।