स्वास्थ्य

“धूम्रपान-मुक्त” पीढ़ी तैयार कर रहे हैं कई देश

अध्ययन में बताया गया है कि आगामी 2040 में पहली धूमपान मुक्त पीढ़ी तैयार होगी और इससे ध्रूमपान के प्रतिबंध से 13.7 बिलियन डालर की बचत संभव हो सकेगी

Anil Ashwani Sharma

विश्व के कई देश तम्बाकू के उपयोग और वेपिंग (ई-सिगरेट पीने को वेपिंग कहते हैं) पर अब तेजी से सख्ती कर रहे हैं, ताकि हजारों लोगों की जान और अरबों डॉलर की बचत की जा सके। अब तक के आकड़े बता रहे हैं कि पिछले कुछ दशकों में विश्व स्तर पर धूम्रपान में अच्छी खासी गिरावट दर्ज की गई है। 

गत 16 अप्रैल 2024 को, यूनाइटेड किंगडम (यूके) के सांसदों ने एक प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें कहा गया था कि 2040 तक “धूम्रपान-मुक्त” पीढ़ी तैयार की जाए। इसके लिए एक कठोर कानून बनाने का प्रस्ताव है।

यूके के अलावा ऑस्ट्रेलिया और फ्रांसीसी सरकारें वेपिंग पर रोक लगाने की नीति तैयार कर रही है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि हालांकि इन देशों की साहसिक इन नीतियों को अब तक भारी समर्थन नहीं मिला है लेकिन ऐसे उपाय निश्चित रूप से बीमारियों को रोकेंगे और लाखों जीवन बचाएंगे व इलाज पर खर्च हो रहे अरबों डॉलर की बचत संभव हो सकेगी।

एक रिपोर्ट में ब्रिटेन की शेफिल्ड यूनिवर्सिटी में स्वास्थ्य-नीति शोधकर्ता डंकन गिलेस्पी के हवाले से कहा गया है कि ब्रिटेन की नीति अब तक की शायद सबसे प्रभावशाली सार्वजनिक-स्वास्थ्य नीति होगी। ध्यान रहे कि इस मामले में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सनक ने प्रस्ताव की पहल की और उनको उम्मीद है कि धूम्रपान पर प्रतिबंध व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के साथ-साथ प्रयुक्त वेप्स से पर्यावरण में जाने वाले जहरीले रसायनों को कम करेगा।

तम्बाकू धूम्रपान के स्वास्थ्य संबंधी नुकसान दशकों से प्रचारित किए जा रहे हैं, जैसे इससे कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह सहित बीमारियों के खतरे को और बढ़ाता है। इन स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ने से पिछले कुछ दशकों में इस भयावह आदत में वैश्विक गिरावट भी देखी गई है।  

स्विट्जरलैंड के जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में तंबाकू नीति का अध्ययन करने वाले एलिसन कॉमर कहते हैं, धूम्रपान की दरों में किसी भी तरह की गिरावट से पैसे की बचत तो होती ही है और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर बोझ कम होता है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि तम्बाकू के उपयोग से दुनिया को हर साल स्वास्थ्य व्यय में 1.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है। कॉमर कहते हैं, “तंबाकू से जुड़ी हर बीमारी स्वास्थ्य प्रणाली पर अनावश्यक रूप से बोझ बढ़ा रही है।”

अक्टूबर 2023 में घोषित ब्रिटेन के प्रस्ताव में बताया गया है कि 2009 या उसके बाद पैदा हुआ कोई भी व्यक्ति तंबाकू की बिक्री नहीं कर सकेगा। इससे 15 वर्ष या उससे कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को देश में कानूनी रूप से सिगरेट खरीदने से रोका जा सकेगा। सरकार को उम्मीद है कि यह रणनीति 2040 तक कारगर साबित होगी और पहली धुआं मुक्त पीढ़ी तैयार होगी।

यूके सरकार की नीतियां को दिसंबर 2023 में प्रकाशित एक अध्ययन द्वारा भी सहयोग मिला है। जिसमें कहा गया है कि यह प्रस्ताव समय के साथ धूम्रपान की दर में कमी करेगा। अध्ययन में कहा गया है कि इस नीति से 14-30 आयु वर्ग के लोगों के बीच धूम्रपान की दर को 2023 में जो कि 13 प्रतिशत थी इसे घटाकर 2030 में लगभग 8 प्रतिशत हो सकती है। साथ ही यह भी कहा गया है कि 2040 तक इस आयु वर्ग के केवल 5 प्रतिशत लोग ही धूम्रपान करेंगे। अध्ययन में यह भी दावा किया गया कि 2075 तक इस नीति के कारण धूम्रपान से संबंधित बीमारियों को रोककर हजारों लोगों की न केवल जान बचेगी बल्कि स्वास्थ्य देखभाल की लागत में 13.7 बिलियन डालर की बचत संभव हो सकेगी। ब्रिटेन की बाथ यूनिवर्सिटी में तंबाकू शोधकर्ता एलन गैलाघेर का कहना है कि ये अनुमान ठोस सबूतों पर आधारित हैं।

वेपिंग की प्रवृत्ति 2010 के आसपास शुरू हुई और यह युवा लोगों में तेजी से लोकप्रिय हुई है। कई लोगों ने इसे धूम्रपान के संभावित विकल्प के रूप में माना है। लेकिन क्या वेपिंग स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, यह लंबे समय से विवादास्पद रहा है। कनाडा के मॉन्ट्रियल में मैकगिल यूनिवर्सिटी हेल्थ सेंटर में फेफड़ों की बीमारी का अध्ययन करने वाले कैरोलिन बागलोले कहते हैं कि परिणाम बहुत स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन निश्चित रूप से वेपिंग से फेफड़ों और अन्य अंगों को नुकसान होने का संकेत मिलता है।

हालांकि वेप्स में तम्बाकू और सिगरेट में अधिकांश जहरीले रसायनों की कमी होती है, फिर भी निकोटीन हानिकारक होता है। निकोटीन रक्तचाप बढ़ा सकता है, हृदय और फेफड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है और बच्चों व किशोरों में मस्तिष्क के विकास को बाधित कर सकता है।

यही कारण है कि यूके की ध्रूपपान प्रतिबंध योजना में डिस्पोजेबल वेप्स पर प्रतिबंध लगाना, युवा उपयोगकर्ताओं को पसंद आने वाले वेप फ्लेवर को प्रतिबंधित करना और वेप्स के विज्ञापन के तरीके को सीमित करना भी शामिल किया गया है। लंदन स्थित पब्लिक-हेल्थ चैरिटी एक्शन ऑन स्मोकिंग एंड हेल्थ के एक सर्वेक्षण के अनुसार, ग्रेट ब्रिटेन में अधिकांश युवा रिचार्जेबल वेप्स के बजाय डिस्पोजेबल वेप्स का उपयोग करते हैं

नेचर में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार फ्रांसीसी सरकार भी इस साल डिस्पोजेबल वेप्स पर प्रतिबंध लगाना चाहती है और दिसंबर 2023 में इसकी संसद ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। और 2021 में ऑस्ट्रेलिया ने धूम्रपान करने वालों के लिए ई-सिगरेट की बिक्री प्रतिबंधित कर दिया। लेकिन ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड वेलफेयर के शोध के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के बीच अवैध वेपिंग अभी भी बढ़ रही है। इसके चलते सरकार को वेप उत्पादों पर नियम कड़े करने पड़े हैं। शोधकर्ताओं को एक बात और पता चली है कि ई-सिगरेट में हीटिंग तत्व भारी धातुओं को सांस के एरोसोल में छोड़ सकता है। अंततः वैज्ञानिक धूम्रपान और वेपिंग पर सख्त प्रतिबंधों के पक्ष में हैं। बागलोले का कहना है कि ऐसी नीतियों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों को स्थापित करने के लिए अनुसंधान की आवश्यकता है।