पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम डीएनए को होने वाले नुकसान को कम करने के साथ-साथ बीमारियों को दूर रखने में मदद कर सकता है। फोटो: आईस्टॉक 
स्वास्थ्य

कई बीमारियों को दावत दे सकता है जरूरत से कम मैग्नीशियम का सेवन

शरीर में 600 से ज्यादा एंजाइमों को काम करने के लिए मैग्नीशियम की जरूरत होती है

Lalit Maurya

हमारे शरीर को सुचारु रूप से चलाने के लिए प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रैट और वसा की जरूरत होती है। हालांकि कई ऐसे भी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जिनकी वैसे तो शरीर को बेहद कम मात्रा में जरूरत होती है, लेकिन अगर इसमें मामूली सी भी कमी आ जाए तो वो शरीर के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकती है। मैग्नीशियम ऐसा ही एक मिनरल है जो शरीर को बीमारियों से बचाने में बेहद अहम भूमिका निभाता है।

देखा जाए तो यह हमारे शरीर में पाया जाने वाला बेहद सामान्य तत्व है, लेकिन शरीर में मौजूद उन एंजाइमों और प्रोटीनों के लिए बेहद जरूरी है, जो डीएनए की प्रतिकृति तैयार करने और मरम्मत का काम करते हैं। इसके साथ ही यह विभिन्न जैव रासायनिक प्रक्रियाओं में शामिल एंजाइमों के लिए भी मददगार होता है। 

आपको जानकार हैरानी होगी कि मैग्नीशियम शरीर में पाया जाने वाला चौथा सबसे आम खनिज है। इतना ही नहीं शरीर में 600 से ज्यादा एंजाइमों को काम करने के लिए इसकी जरूरत होती है और करीब 200 एंजाइमों को शरीर से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को सक्रिय करने में इसकी आवश्यकता पड़ती है।

इस बारे में ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं द्वारा किए एक नए अध्ययन से पता चला है कि मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ स्वस्थ रहने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि यह डीएनए को होने वाले नुकसान को कम करने के साथ-साथ बीमारियों को दूर रखने में मदद करते हैं।

रिसर्च के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम न लेने से लम्बे समय तक बनी रहने वाली बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। इस बारे में अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता डॉक्टर परमल देव ने प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से जानकरी दी है कि, "हर दिन पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम युक्त आहार न लेने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।“

शरीर के लिए कितनी घातक हो सकती है मैग्नीशियम की कमी

“हालांकि हम अब तक पूरी तरह नहीं समझ पाए थे कि यह डीएनए को होने वाली क्षति को रोकने में कैसे मदद करता है।" उनके मुताबिक हर दिन 300 मिलीग्राम से कम मैग्नीशियम शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

उनका आगे कहना है कि यदि रक्त में मैग्नीशियम की मात्रा कम (18 मिलीग्राम/लीटर से कम) है तो उसकी वजह से डीएनए को कहीं ज्यादा नुकसान हो सकता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि अपनी उम्र कितनी है या आप पुरुष हैं या महिला। मतलब की शोध में रक्त में मैग्नीशियम की कमी और डीएनए को होते नुकसान के बीच सीधा सम्बन्ध पाया गया है।

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा किए इस अध्ययन के नतीजे यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित हुए हैं। अपने इस अध्य्यन में वैज्ञानिकों ने 172 वयस्कों के रक्त के नमूनों का परीक्षण किया है। इस परीक्षण से पता चला है कि मैग्नीशियम की कमी और होमोसिस्टीन नामक हानिकारक जीनोटॉक्सिक अमीनो एसिड की उच्च मात्रा के बीच गहरा संबंध है।

रिसर्च के मुताबिक यह हानिकारक संयोजन जीन को नुकसान पहुंचाता है। इससे लोगों में अल्जाइमर, पार्किंसंस, पेट की समस्याएं, विभिन्न प्रकार के कैंसर और मधुमेह का जोखिम बढ़ जाता है और लोग इन बीमारियों के प्रति कहीं ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं।

अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने रक्त में मैग्नीशियम, होमोसिस्टीन (एचसीवाई), फोलेट और विटामिन बी12 के स्तर को मापा है। इनकी जांच से पता चला है कि पर्याप्त मात्रा में मौजूद मैग्नीशियम हानिकारक एचसीवाई को कम करने में मदद करता है और फोलेट एवं विटामिन बी12 के स्तर को बेहतर बनाता है। इसका मतलब है कि पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम लेने से हमारे जीन को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है, खासकर अगर शरीर में फोलेट और विटामिन बी12 कम हो।

इस बारे में अध्ययन से जुड़े सह-लेखक प्रोफेसर माइकल फेनेच ने प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से जानकारी दी है कि मैग्नीशियम की लंबे समय तक कमी होने से शरीर की ऊर्जा पैदा करने की क्षमता और उनसे जुड़ी कोशिकाओं में गड़बड़ी पैदा हो सकती है। नतीजन इसकी वजह से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। ऐसे में लोगों के जल्द बीमारियों के चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है।

इस बारे में अध्ययन से जुड़े सह-लेखक प्रोफेसर माइकल फेनेच ने प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से जानकारी दी है कि मैग्नीशियम की लंबे समय तक कमी होने से शरीर की ऊर्जा पैदा करने की क्षमता और उनसे जुड़ी कोशिकाओं में गड़बड़ी पैदा हो सकती है। नतीजन इसकी वजह से ऊतकों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। ऐसे में लोगों के जल्द बीमारियों के चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है।

इसी को ध्यान में रखते हुए शोधकर्ताओं ने संतुलित आहार लेने की सलाह दी है। शोधकर्ताओं के मुताबिक मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे साबुत अनाज, हरी सब्जियां, मेवे, बीन्स और डार्क चॉकलेट, शरीर को ऊर्जावान बनाने, दांतों और हड्डियों को मजबूत रखने, ब्लड शुगर और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करते हैं कि हृदय, मांसपेशियों और गुर्दे अच्छी तरह से काम करते रहें।

शोधकर्ता आगे यह जानना चाहते हैं कि भोजन या पूरक आहार से मैग्नीशियम की कितनी मात्रा लेना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। साथ ही यह कैंसर और लम्बे समय तक रहने वाली बीमारियों की शुरूआत या प्रगति को कैसे प्रभावित कर सकता है।