अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस (आईडीपीडी) हर साल तीन दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन समाज और विकास के हर स्तर पर विकलांग लोगों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं में विकलांग लोगों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने का है।
विश्व विकलांगता दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1992 में एक महासभा प्रस्ताव के द्वारा की गई थी। यह घोषणा महासभा प्रस्ताव 47/3 के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य समाज के सभी क्षेत्रों में विकलांग लोगों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देना है। इसके अलावा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू में विकलांग लोगों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। विकलांग लोगों के अधिकारों पर कन्वेंशन को 2006 में संयुक्त राष्ट्र में अपनाया गया था।
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 1.3 अरब लोग गंभीर विकलांगता से जूझ रहे हैं। यह दुनिया की आबादी का 16 फीसदी यानी हर छह में से एक व्यक्ति है।
कुछ विकलांग लोग सामान्य लोगों की तुलना में 20 साल पहले मर जाते हैं। विकलांग लोगों में अवसाद, अस्थमा, मधुमेह, स्ट्रोक, मोटापा या मुंह संबंधी बीमारियां होने का खतरा दोगुना होता है।
स्वास्थ्य संबंधी असमानताएं विकलांग लोगों के द्वारा सामना की जाने वाली अनुचित परिस्थितियों से उत्पन्न होती हैं, जिनमें भेदभाव, गरीबी, शिक्षा और रोजगार से बहिष्कार तथा स्वास्थ्य प्रणाली में आने वाली बाधाएं शामिल हैं।
अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस 2024 की थीम समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए विकलांग लोगों के नेतृत्व को बढ़ावा देना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस बात पर जोर देता है कि दुनिया भर में स्वास्थ्य संबंधी उद्देश्यों को पूरा करने, असमानताओं को कम करने और समावेशी भविष्य का निर्माण करने के लिए विकलांग लोगों की नेतृत्वकारी भूमिका को बढ़ाना जरूरी है।
यह प्रतिबद्धता सभी के लिए स्वास्थ्य संबंधी समानता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि स्वास्थ्य और कल्याण हासिल करने में कोई भी पीछे न छूटे।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वह स्वास्थ्य नीतियों और रणनीतियों को आकार देने वाली निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में विकलांग लोगों को शामिल करके उन्हें सशक्त बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इसे हासिल करने के लिए, डब्ल्यूएचओ ने कई पहलें शुरू की हैं, जिसमें एक नया प्रकाशित स्वास्थ्य प्रणाली रणनीतिक नियोजन उपकरण भी शामिल है।
यह उपकरण मानवाधिकार-आधारित नजरियों के साथ स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं में विकलांग लोगों की सार्थक भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यह उपकरण सरकारों और स्वास्थ्य क्षेत्र के साझेदारों को उनकी नीतियों में विकलांगता-समावेशी प्रथाओं को शामिल करने में मदद करता है, जिससे विकलांग लोगों के लिए स्वास्थ्य में समानता का मार्ग प्रशस्त होता है।