इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई) के नए और ताजा शोध से पता चलता है कि 1 अगस्त, 2021 तक कोविड-19 से भारत में मरने वालों की संख्या 9,59,561 होगी जबकि वैश्विक स्तर पर अनुमानित मौत का आंकड़ा 50,50,464 रहेगा। इसका मतलब है कि कोविड-19 की वजह से होने वाली कुल मौतों में भारत की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी।
आईएचएमई वाशिंगटन विश्वविद्यालय में एक वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान केंद्र है। कोविड-19 पर इसके अनुमानों को व्यापक रूप से मजबूत मॉडल के आधार पर स्वीकार किया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार 26 अप्रैल, 2021 तक दुनिया भर में 31, 04, 743 लोग कोविड-19 से मर चुके हैं और भारत में मौतों की संख्या 1,95,123 हो गई है।
आईएचएमई के अनुसार भारत में 15 मई, 2021 तक दैनिक मृत्यु का आंकड़ा 13,050 हो सकता है जो कि 27 अप्रैल, 2021 को रोजाना होने वाली कोविड मृत्यु 6,352 मौत से दोगुनी होगी।
आईएचएमई के साथ रिकॉर्ड किए गए विश्लेषण में शामिल प्रोफेसर क्रिस्टोफर जे.एल. मुर्रे का कहना है कि भारत सरकार द्वारा घोषित किए जा रहे भारत के सटीक कोविड-19 मामले बहुत अधिक हैं। “भारत में कोविड मामलों और मौतों में घातीय वृद्धि जारी है। सर्पोप्रवलेंस सर्वेक्षण के हमारे विश्लेषण हमें यह बता रहे हैं कि भारत में संक्रमण का पता लगाने की दर 5 फीसदी से कम है जो कि अभी शायद 3 से 4 फीसदी के आसपास है।
इसका मतलब यह है कि जिन मामलों का पता लगाया जा रहा है, उन्हें भारत में होने वाले संक्रमणों की संख्या को 20 या उससे अधिक गुणा करने की आवश्यकता है। अभी संक्रमण की संख्या असाधारण रूप से बड़ी है।
भारत में दो सप्ताह पहले विश्व स्तर पर होने वाले संक्रमणों की तुलना में अधिक संक्रमण हो रहा है, ”उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड किए गए विश्लेषण में डेटा की एक विस्तृत सारणी का उपयोग करके मजबूत मॉडल का विश्लेषण किया गया है।
उनके विश्लेषण के अनुसार, कल की गणना के आधार पर भारत का वास्तविक संक्रमण आंकड़ा लगभग 60 लाख रहा होगा। उन्होंने कहा, "हमारे नवीनतम अनुमानों से पता चलता है कि भारत में (और शायद बांग्लादेश और पाकिस्तान में वृद्धि से प्रेरित) संक्रमणों की संख्या विश्व स्तर पर 1.5 करोड़ तक पहुंच जाएगी।"
प्रोफेसर मुर्रे का तर्क है कि भारत में संक्रमण इतना अधिक है कि "कोविड-19 लोगों को बहुत जल्द ही संक्रमित कर सकता है।"
इसका मतलब यह भी है कि भारत में मध्य मई तक के प्रसार के बाद गिरावट शुरू हो जाएगी। हालांकि यह एक कहावत के मुताबिक नकारात्मकता में छुपा आशावाद भी हो सकता है। लेकिन अभी तक नोवेल कोरोनावायरस सीधे रास्ते पर नहीं है।