स्वास्थ्य

संसद में आज: इस साल केरल में डेंगू के सबसे अधिक 5,479 मामले सामने आए

भारत में पांच वर्ष से कम उम्र के 33.8 फीसदी बच्चे अविकसित हैं और 15-49 वर्ष की 57 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं

Madhumita Paul, Dayanidhi

देश में जीवन प्रत्याशा दर

आज सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि, भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यालय द्वारा प्रकाशित नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) आधारित संक्षिप्त जीवन तालिका 2016-20 नामक रिपोर्ट के अनुसार, जन्म के समय औसत जीवन प्रत्याशा 1970 से 75 के दौरान 49.7 से बढ़ गई है। वर्ष 2016-20 के दौरान यह 70.0 साल हो गई जिसमें इस अवधि के दौरान 20 वर्षों से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई।

महिलाओं और बच्चों में पोषण की स्थिति

महिलाओं और बच्चों में पोषण को लेकर सदन में उठे एक सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने बताया कि, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर आयोजित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के तहत बच्चों और महिलाओं के बीच पोषण संकेतकों पर आंकड़े एकत्र किए जाते हैं। एनएफएचएस-पांच (2019-21) के हालिया दौर के अनुसार, पांच वर्ष से कम उम्र के 33.8 फीसदी बच्चे अविकसित हैं और 15-49 वर्ष की 57 फीसदी महिलाएं  एनीमिया से पीड़ित हैं।

मंकी-पॉक्स के मामले

सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने कहा कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 23 जुलाई 2022 को मंकी-पॉक्स रोग के प्रकोप को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया था।

दुनिया भर में अगस्त, 2022 से मंकी-पॉक्स के मामलों में गिरावट देखी गई और बाद में डब्ल्यूएचओ ने 11 मई 2023 को मंकी-पॉक्स को पीएचईआईसी से हटा दिया था। 24 जुलाई, 2023 तक, देश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा मंकी-पॉक्स रोग के कुल 27 मामले सामने आए हैं। इसमें केरल से 12 और दिल्ली से 15 मामले शामिल हैं।

एबी-पीएमजेएवाई के तहत लैंगिक समानता

वहीं आज, सदन में उठे के अन्य सवाल का जवाब देते हुए राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने कहा कि, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) ने महिलाओं को स्वास्थ्य को लेकर राष्ट्रीय संवाद के केंद्र में रखने का प्रयास किया है, इस योजना के तहत महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित की गई है। परिणामस्वरूप, आयुष्मान कार्ड प्राप्तकर्ताओं में लगभग 49 फीसदी महिलाएं हैं। इसके अलावा, योजना के तहत 141 स्वास्थ्य लाभ पैकेज (एचबीपी) विशेष रूप से महिलाओं के लिए निर्धारित किए गए हैं। इसके अनुरूप, महिलाओं द्वारा योजना सेवाओं का उपयोग कुल अधिकृत अस्पताल में प्रवेश का लगभग 48 फीसदी है।

केरल में डेंगू बुखार के बढ़ते मामले

केरल में डेंगू बुखार को लेकर सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने बताया कि, केरल में 31 जुलाई तक पिछले वर्षों के आंकड़ों की तुलना में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। 20 जुलाई, 2023 तक केरल में डेंगू के 5479 मामले सामने आए। लेकिन 2022 में केरल में डेंगू के 2158 मामले सामने आए थे।

बघेल ने कहा कि, 30 जून, 2023 को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री द्वारा केरल सहित राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ स्थिति की समीक्षा की, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) द्वारा 13 जुलाई, 2023 को राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ और 21 जुलाई, 2023 को राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) के साथ समीक्षा की गई।

बच्चों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान

सदन में पूछे गए एक और प्रश्न के उत्तर में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने कहा कि, राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में 12 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बच्चों और अन्य लोगों को शामिल किया गया है। मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पात्र लाभार्थियों का टीकाकरण जारी रखने की सलाह दी गई थी। जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने टीके की खुराक खरीदी थी, वहां कार्यक्रम जारी है। 24 जुलाई 2023 तक, देश में 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग में कुल 10.34 करोड़ लाभार्थियों को पहली खुराक और 8.63 करोड़ लाभार्थियों को कोविड-19 के टीके की दूसरी खुराक लग चुकी है।

नर्स और रोगी अनुपात

आज सदन में उठे एक साल के जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि, भारतीय नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, देश में 36.14 लाख नर्सिंग कर्मी हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रति हजार जनसंख्या पर नर्सों की संख्या का अनुपात 2.10 नर्स है। देश में नर्सिंग कर्मियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, 715 सरकारी संस्थानों सहित 5203 नर्सिंग संस्थान हैं जो सालाना लगभग 3.55 लाख नर्सिंग कर्मियों की पूर्ति करते हैं।

देश में बच्चों की मृत्यु दर

वहीं एक अन्य सवाल के उत्तर में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने आज सदन में बताया कि, भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यालय द्वारा जारी मृत्यु के मुख्य कारण सांख्यिकी 2017-19 के अनुसार, भारत में बच्चों की मृत्यु के प्रमुख कारण- समय से पहले जन्म और जन्म के समय कम वजन (31.2 फीसदी), निमोनिया (17.5 फीसदी ), जन्म के समय श्वासावरोध और जन्म आघात (9.9 फीसदी), अन्य गैर-संचारी रोग (9.6फीसदी), डायरिया संबंधी रोग (5.8 फीसदी), जन्मजात विसंगतियां (5.7 फीसदी), चोटें (4.9 फीसदी), अस्पष्ट या अज्ञात कारण (4.3 फीसदी), बुखार (4.1 फीसदी), तीव्र बैक्टीरियल सेप्सिस और गंभीर संक्रमण (3.8 फीसदी) और अन्य सभी शेष कारण (3.3 फीसदी) हैं।