मनरेगा के तहत 68,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि राज्यों को जारी, जिसमें मजदूरी और सामग्री दोनों शामिल।
महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ से बड़ी जन-धन हानि, 75 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलों को नुकसान।
केरल के कासरगोड में सुपारी किसानों की पैदावार में पांच से 20 फीसदी कमी, पत्ती धब्बा रोग जिम्मेदार।
छिंदवाड़ा में बच्चों की मौतों की जांच में खांसी सिरप में जहरीला रसायन (डीईजी) पाया गया, साथ ही स्वास्थ्य बजट में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज।
आज, दो दिसंबर, 2025 को संसद के दोनों सदनों - लोकसभा और राज्यसभा में कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, ऊर्जा और राहत कार्यों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर सवाल पूछे गए। विभिन्न मंत्रियों ने अपनी-अपनी मंत्रालयों से संबंधित योजनाओं, उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। मनरेगा फंड, फसल नुकसान, महिलाओं की कृषि में भागीदारी, उपग्रह आधारित फसल अनुमान, पीएम-कुसुम योजना, गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता, दवाओं की गुणवत्ता जांच और स्वास्थ्य बजट बढ़ाने जैसे विषय मुख्य रूप से उठाए गए।
मनरेगा के तहत राज्यों के लिए धन धन का आवंटन
आज संसद में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, ग्रामीण विकास मंत्रालय में मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में बताया कि मनरेगा (एमजीएनआरईजीएस) के लिए साल 2025-26 में 26 नवंबर 2025 तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 68,393.67 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसमें 57,853.62 करोड़ रुपये मजदूरी और 10,540.05 करोड़ रुपये सामग्री एवं प्रशासनिक खर्चों के लिए शामिल हैं।
महाराष्ट्र में भारी बारिश से फसलों को नुकसान
महाराष्ट्र में भारी बारिश से फसलों को नुकसान को लेकर सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में साल 2025 में भारी बारिश और बाढ़ से 224 लोगों की मौत हुई, 599 पशुओं की हानि, 3,598 घरों को नुकसान पहुंचा और लगभग 75.42 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान हुआ है।
केरल में सुपारी किसानों को नुकसान
सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि केरल सरकार ने कासरगोड जिले में सुपारी (अरेकनट) किसानों की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक टास्क फोर्स बनाई है। जांच में पाया गया कि पत्ती धब्बा रोग की वजह से किसानों की पैदावार में पांच से 20 फीसदी तक कमी आई है।
कृषि में कार्यरत महिलाएं
सदन में उठे एक सवाल का जवाब देते हुए आज, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर ने कहा कि सरकार महिलाओं सहित सभी किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। ई-श्रम पोर्टल पर 25 नवंबर 2025 तक 16.25 करोड़ कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के श्रमिक पंजीकृत हैं, जिनमें 8.04 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। पीएलएफएस 2023-24 के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में 76.9 फीसदी महिलाएं कृषि क्षेत्रमें कार्यरत हैं।
ठाकुर ने एफएएसएल कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि उपग्रह आधारित तकनीक से देश की 11 प्रमुख फसलों का उत्पादन अनुमान तैयार किया जाता है। यह कार्यक्रम 20 राज्यों और 557 जिलों को कवर करता है।
गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से बिजली उत्पादन में हुई प्रगति
गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से बिजली उत्पादन में हुई प्रगति को लेकर सदन में उठे एक प्रश्न के उत्तर में आज, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रीपद येस्सो नायक ने राज्यसभा में बताया कि देश में 31 अक्टूबर 2025 तक 259.42 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली क्षमता स्थापित है, जिसमें 129.92 गीगावॉट सौर, 53.60 गीगावॉट पवन, 11.61 गीगावॉट जैव ऊर्जा, 55.51 गीगावॉट जल विद्युत, और 8.78 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा शामिल हैं।
देश में कफ सिरप से हुई मौतें
सदन में जोर-शोर से उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में आज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और नागपुर में बच्चों की मौतों की जांच के लिए केंद्र ने विशेषज्ञ टीम भेजी थी। जांच में एक खांसी के सिरप कोल्ड्रिफ (बैच एसआर-13) में 46.28 फीसदी डायथिलीन ग्लाइकोल पाया गया, जो खतरनाक स्तर है। 19 नमूनों में से चार नमूने मानक के अनुरूप नहीं पाए गए।
स्वास्थ्य क्षेत्र को धन का आवंटन
आज संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि केंद्र सरकार राज्यों से स्वास्थ्य बजट को कुल राज्य बजट का कम से कम आठ फीसदी करने का आग्रह कर रही है। सरकारी स्वास्थ्य व्यय (2019-20) जीडीपी के प्रतिशत के रूप में 1.35 फीसदी से बढ़कर 1.84 फीसदी (2021–22) तक पहुंचा है। विभाग का बजट 2017-18 के 47,353 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में 95,957.87 करोड़ रुपये हो गया है।
कुल मिलाकर, संसद में प्रस्तुत जानकारियों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार ग्रामीण विकास, कृषि सहायता, नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार, स्वास्थ्य सुरक्षा और दवा गुणवत्ता निगरानी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर सक्रिय रूप से काम करने का दावा कर रही है। विभिन्न मंत्रालयों द्वारा दी गई प्रगति रिपोर्टें बताते हैं कि कई योजनाओं में उल्लेखनीय उपलब्धियां बताई गई हैं, साथ ही कुछ चुनौतियों को दूर करने के लिए निरंतर प्रयास की भी जानकारी दी गई है।