दुनिया भर में कोरोनावायरस विकराल रूप लेता जा रहा है। इसके मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह बीमारी जिस तेजी से फैल रही है उसके चलते दुनिया के अनगिनत देशों में काम-काज और जनजीवन पूरी तरह ठप पड़ गया है। यही वजह है कि इससे निपटने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक तेजी से प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों को मिली सफलता ने एक नई आशा जगाई है।
पीटर डोहर्टी इंस्टीट्यूट फॉर इंफेक्शन एंड इम्युनिटी, ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ता को इस वायरस और हमारे इम्यून सिस्टम के बारे में एक महत्वपूर्ण जानकारी पता चली है। उनके अनुसार कोरोनावायरस से संक्रमित 40 वर्षीय महिला के रक्त की जांच से पता चला है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कोरोनोवायरस के खिलाफ भी उसी तरह काम करती है जिस तरह वो आमतौर पर फ्लू से लड़ती है।
इस संक्रमण के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली किस तरह काम करती है, उसकी मैपिंग कर ली है। यह जानकारी इस बीमारी से निपटने और इसका निदान पाने में अहम् भूमिका निभा सकती है।
गौरतलब है कि यह महिला इस बीमारी से जंग जीत चुकी हैं और स्वस्थ हो चुकी हैं। जो एक बार फिर इस और इशारा करता है कि इस वायरस से निपटना मुश्किल तो है पर नामुमकिन नहीं है। यदि हम थोड़ी सी सावधानी रखें तो हमारा खुद का शरीर इस बीमारी से लड़ने में अहम् भूमिका निभा सकता है। इससे जुड़ा शोध अंतराष्ट्रीय जर्नल नेचर मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है।
मेलबर्न यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी की प्रोफेसर कैथरीन केडज़िएर्सका ने बताया कि यह अध्ययन इस बात को समझने में मदद कर सकता है कि कैसे कुछ लोग इस बीमारी से ठीक हो जाते हैं और क्यों कुछ लोगों में इसके चलते सांस सम्बन्धी गंभीर समस्या पैदा हो जाती है।
साथ ही, इसकी मदद से वैज्ञानिक बड़ी संख्या में संक्रमित लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली और कोरोनावायरस के सम्बन्ध को समझ सकते हैं। साथ ही कुछ लोग क्यों इससे गंभीर रूप से बीमार पड़ गए हैं, उसको भी समझ सकते हैं।
विश्व स्वस्थ्य संगठन के अनुसार यह वायरस अब तक 168,000 लोगों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। जबकि इसके चलते करीब 6,610 लोगों की जान जा चुकी है। भारत में भी अब तक इससे संक्रमित 127 लोगों की पहचान हो चुकी है। जबकि इसकी वजह से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से एक दिल्ली, एक कर्नाटक और एक महाराष्ट्र से हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार 17 मार्च 2020 को दोपहर 12 बजे तक देश भर में 127 मरीजों की पहचान की गई है। इनमें महाराष्ट्र के 39 मरीजों के अलावा दिल्ली के सात, आंध्रप्रदेश के 1, हरियाणा में 15 (14 विदेशी), केरला के 24 ( 2 विदेशी), ओडिशा के 1, पंजाब के 1, राजस्थान के 4 (2 विदेशी), तमिलनाडु के 1, तेलंगाना के 4, जम्मू कश्मीर के 3, लद्दाख के 4, उत्तर प्रदेश के 12 और उत्तराखंड के 1 व्यक्ति को कोरोनावायरस संक्रमित पाया गया है। जबकि 13 मरीज ठीक हो चुके हैं।
यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो अब तक 79,911 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं, जोकि कुल मरीजों के करीब 44 फीसदी हिस्से के बराबर है। जबकि बाकि 96,645 मरीजों में से केवल 6,181 मरीज ही गंभीर रूप से बीमार हैं। जिसका मतलब है की बाकि के 90,464 मरीज भी जल्द ठीक हो सकते हैं।
ऐसे में हमें उम्मीद नहीं खोनी चाहिए। इससे बहुत ज्यादा घबराने की जरुरत नहीं है। जिस तरह हमारा खुद का शरीर सर्दी और अन्य फ्लू का मुकाबला करने में सक्षम है, उसी प्रकार वो दवाओं की मदद से इस बीमारी से भी निपटने के काबिल है। पर सावधानी जरुरी है, जैसे ही आपको अपने या अपने आसपास के किसी शख्श में इस बीमारी के लक्षण दिखें तुरंत जांच कराएं और डॉक्टर का परामर्श ले। सारी दुनिया के लिए यह मुश्किल की घड़ी है। पर पूरा विश्वास है की हम इस बीमारी से मिलकर निपट सकते हैं।