खराब या अल्पाहार से कई तरह की बीमारियों का बोझ बढ़ता है। इसमें हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह जैसे बीमारियां प्रमुख हैं और 45 फीसदी मौतों की प्रमुख वजह यही बीमारियां हैं। इसका असर किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
अमेरिका स्थित टुट्स विश्वविद्यालय के फ्राइडमैन स्कूल ऑफ न्यूट्रिशन साइंस एंड पॉलिसी और महिला अस्पताल, ब्रिघम की टीम ने यह अध्ययन किया। इसमें 10 आहारों के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। जिसमें फल और सब्जियां, नट और बीज, प्रोसेस्ड मीट शामिल हैं। टीम ने निष्कर्ष निकाला कि देश में औसत दर्जे (सबआप्टमल) के भोजन की कीमत लगभग 300 डॉलर या राष्ट्रीय स्तर पर 50 बिलियन डॉलर (लगभग 3.60 लाख करोड़ भारतीय रुपए) है, जो हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह की लागत का 18 प्रतिशत है। यह अध्ययन प्लोस मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
ब्रिघम में हृदय रोग विभाग में एमडी, थॉमस गाज़ियानो ने कहा कि, किसी के भोजन में सरल बदलाव करके हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह से जुड़े खतरो और उपचार में होने वाले खर्चों को कम किया जा सकता है। इससे आप हृदयजनित (कार्डियोमेटाबोलिक) रोगों से जुड़े खर्चे को 20 प्रतिशत से अधिक कम कर सकते हैं। अध्ययन के लिए, गाज़ियानो और सहकर्मियों, जिसमें रेनाटा मीका, शोध के प्रोफेसर टफ्ट्स शामिल थे।
नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे (एनएचएएनएस) के डेटा का उपयोग करते हुए, टीम ने 35-85 वर्ष की आयु के लोगों की जनसंख्या का नमूना लिया। उन्होंने नमूनों के आधार पर सीवीडी पूर्वानुमान मॉडल को विकसित किया। टीम ने उत्तरदाताओं के वर्तमान आहार पैटर्न के आधार पर लोगों के लिए र्डियोमेटाबोलिक रोग (सीएमडी) के खतरे और संबंधित खर्चों का व्यक्तिगत विश्लेषण किया। उन्होंने पुन: सभी के आहार को 10 खाद्य पदार्थों और पोषक तत्वों की स्वास्थ्यप्रद मात्रा के अनुकूल बनाए जाने के बाद, फिर से सीएमडी में होने वाले खर्चों की गणना की।
टीम ने पाया कि औसत दर्जे (सबआप्टमल) के भोजन से प्रति व्यक्ति सीएमडी-संबंधित खर्चों में 21,415 रुपए ($301) लगते है। यह राष्ट्रीय स्तर पर 5000 करोड़ ($ 50 बिलियन) से अधिक है, जिसका 84 प्रतिशत खर्च देखभाल के कारण आता है। चिकित्सा संबंधित देखभाल में प्रति व्यक्ति 34,229 रुपए ($ 481), चिकित्सा में प्रति व्यक्ति 38,157 रुपए ($ 536) दोनों के खर्चे सबसे अधिक थे।
अध्ययन से पता चला कि इन अतिरिक्त खर्चो को रोका जा सकता हैं। अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि लोग इसमें परिवर्तन कर सकते हैं, हमें नए समाधान चाहिए, जिसमें नीति निर्माताओं, कृषि और खाद्य उद्योग, स्वास्थ्य सेवा संगठनों, गैर सरकारी संगठनों का शामिल होना आवश्यक है।
तीन आहारों के कारण सबसे अधिक खर्चे होते है, जिसमें प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) मीट की खपत अधिक होती है, नट्स / बीजों की खपत कम होती है, और ओमेगा -3 वसा युक्त समुद्री भोजन की खपत भी कम होती है। अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान अध्ययन के आधार पर, अस्वस्थ आहार की आदतों की लागत को कम किया जा सकता है, क्योंकि ये आहार हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह, कैंसर जैसे रोगों के खतरों को बढ़ा सकते हैं।